अर्की/शहनाज
नागरिक चिकित्सालय अर्की में लंबे समय से ओपथोलमिक असिस्टेंट का पद रिक्त होने के चलते क्षेत्र में विभाग व स्थानीय नेताओं के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है।
यदि सूत्रों की माने तो अर्की अस्पताल में नेत्ररोग विशेषज्ञ तो है तथा वह समय समय पर आंखों के ऑपरेशन करते रहते है । परन्तु जिन मरीजों की दृष्टि मात्र चश्मे लगाने से ही ठीक हो सकती है । उन्हें चश्मे का नम्बर लेने के लिये ओपथोलिक असिस्टेंट न होने के चलते अन्य अस्पताल या प्राइवेट दुकानों में जाना पड़ता है । अस्पताल आने वाले लोगों का कहना है की आज के खान पान व डिजिटल पढ़ाई व अन्य कार्यों के चलते हर व्यक्ति आखों की समस्या से ग्रसित है। एवम छोटी मोटी आंख की समस्या केवल चश्मा लगाकर भी ठीक हो जाती है लेकिन चश्मे का नम्बर देने वाला ओपथोलमिक असिस्टेंट के न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। ज्यादातर बच्चों एवम बुजुर्गों को कठिनाई उठानी पड़ रही है। लोगों का यह भी कहना है कि इस बारे में जिला व प्रदेश स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय नेताओं को पता है कि अर्की अस्पताल में ओपथोलमिक असिस्टेंट का पद लगभग दो वर्षों से रिक्त है परंतु विभाग व स्थानीय नेता इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।जिसके चलते मरीजों व तीमारदारों को शिमला या सोलन के धक्के खाने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक मुख्यमंत्री से शीघ्र ही ओपथोलमिक असिस्टेंट व ऑर्थो स्पेस्लिस्ट की नियुक्ति करवाएं ताकि लोगों का उन पर विश्वाश बना रहे।
इस बारे एम ओ इंचार्ज अर्की अस्पताल डॉ प्रदीप शर्मा से बात करने पर उन्होंने कहाकि इन रिक्तियों के बारे में विभाग को समय समय पर लिखित तौर पर अवगत करवाया जाता रहा है।




