December 7, 2025 11:47 pm

पुलिस कर्मचारियों को उसकी प्रमोशन ड्यू होने पर रिटायर होने से 6 महीने पहले अगला रैंक मिलना चाहिए।

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कुनिहार

प्रदेश पुलिस जिला सोलन के पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजक एवं मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्य शाम लाल ठाकुर प्रधान नेकीराम कार्यकारी प्रधान सतपाल शर्मा श्यामलाल भाटिया निर्मल ठाकुर जसवीर सिंह नागेंद्र ठाकुर दीप राम ठाकुर ओम प्रकाश ठाकुर जगदीश गर्ग इंदर सिंह रतिराम शर्मा लेख राम काईथ संतराम चदेल पतराम पुष्पा सूद धर्म सिंह ठाकुर बेद पाल ओम प्रकाश गर्ग नित्यानंद तंवर हरि सिंह पाल जगदीश अत्री बिना ‌देबी रूपराम ठाकुर जीत सिंह इत्यादि ने अपने संयुक्त बयान में पुलिस महानिदेशक से मुख्य मांग उठाई है कि संगठन ने कई बार कई सालों से लिखित में भी वह मीटिंग में भी यह मांग रखी थी कि जब भी किसी कर्मचारी के रिटायर होने के 6 महीने रह जाए और उसकी अगली प्रमोशन ड्यू हो तो उसे रिटायर होने से 6 महीने पहले विशेष तौर पर प्रमोट करके अगला रैंक दिया जाए ताकि उसके अधिकारों का हनन ना हो और वह अपने मान सम्मान से रिटायर हो जबकि फौज में तो रिटायर होने से पहले सूबेदार को औनरेरी कैप्टन का रैंक देकर रिटायर किया जाता है मगर पुलिस विभाग में देखा गया है कि अगर उसकी प्रमोशन ड्यू है तो भी उसे बिना प्रमोशन के रिटायर कर दिया जाता है जो उसके साथ अन्याय है क्योंकि संगठन के कुछ पदाधिकारी को इस पीड़ा से गुजरना पड़ा की जब उन्हें सब इंस्पेक्टर के तौर पर 5 साल पूरे हो गए और वह अगली प्रमोशन इंस्पेक्टर के लिए हकदार था तो भी उसे पहले ही पिछले रैंक से ही रिटायर कर दिया गया जबकि उनके ट्रेनिंग साथियों को 3 महीने बाद इंस्पेक्टर पद पर प्रमोट कर दिया गया। जब भी कोई कर्मचारी अपना प्रमोशन कोर्स जैसे इंटर अपर पास करके आया हो तो उसे तो जल्दी ही अगले रैंक की प्रमोशन मिल जानी चाहिए क्योंकि कई बार देखने में आया है कि कई कर्मचारियों को ट्रेंड होते हुए भी एक या दो दिन पहले प्रमोशन दी गई जो केवल उनके साथ एक मजाक है। प्रदेश के कुछ जिलों में ऐसी प्रैक्टिस भी देखने को मिली की जब भी कोई कर्मचारी उस जिला में प्रमोट होकर जाता है तो वहां के एसपी सहबान उन्हें अगला रैंक स्टार अपने हाथों द्वारा लगाते हैं जो की एक अच्छी परंपरा है जिसके कारण उस कर्मचारी का मनोबल भी बढ़ता है और फौजी पैटर्न पर संगठन यह भी मांग करती है कि देखने में आया है कि जब भी कोई फौजी अपनी वर्दी में रैंक के साथ रिटायर होकर घर आया है तो उसका स्वागत परिवार व ग्रामीणो द्वारा किया‌ जाता है जबकि पुलिस विभाग में ऐसा नहीं है यह भी सुविधा होनी चाहिए की पुलिस का जो रैंक होल्डर है जो उसी रैंक में एक दिन के लिए रिटायर होकर बर्दी में घर आए ताकि उसका सम्मान पूरे तौर तरीके से किया जा सके। इस पर भी पुलिस विभाग द्वारा विचार विमर्श किया जाना जरूरी है ताकि उसे अपनी लंबी सर्विस के दौरान अपनी कड़ी मेहनत से रैंक प्राप्त किया है उस पर उसे और परिवार को गर्व महसूस हो।

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