December 7, 2025 9:01 pm

सीटू का तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन सोलन में हुआ सम्पन्न ।

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सीटू का तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन सोलन में आयोजित किया गया, जिसमें लाल झंडा सीमेंट वर्करज यूनियन बघेरी के प्रधान गुरदेव सिंह व उप-प्रधान प्रदीप कुमार ने भाग लिया।
सम्मेलन में राज्य भर के लगभग 300 प्रतिनिधि शामिल रहे। सम्मेलन में 19 पदाधिकारियों सहित 53 सदस्य राज्य कमेटी चुनी गई। विजेंद्र मेहरा को प्रदेशाध्यक्ष, प्रेम गौतम को महासचिव, जगत राम को कोषाध्यक्ष कश्मीर सिंह ठाकुर, भूपेंद्र सिंह, अजय दुलटा, सुदेश कुमारी, रविन्द्र कुमार, केवल कुमार, कुलदीप डोगरा, नीलम जसवाल को प्रदेश उपाध्यक्ष, वीना शर्मा, जोगिंद्र कुमार, राजेश शर्मा, राजेश ठाकुर, आशीष कुमार, मोहित वर्मा, अमित कुमार, बालक राम को प्रदेश सचिव चुना गया।
ओमदत्त शर्मा, नरेंद्र कुमार, गुरनाम सिंह, विजय शर्मा, संतोष कुमार, चमन ठाकुर, राजेश तोमर, राकेश कुमार, मदन नेगी, गुरदास वर्मा, सुरेंद्र कुमार, बिमला देवी, सुदर्शना देवी, अंजुला, सुनील मेहता, शांति देवी, निशा, हिमी देवी, पदम प्रभाकर, बलबीर चौहान, अनिल कुमार, वीरेंद्र पामटा, रंजन शर्मा, राम प्रकाश, चतर सिंह, चानन सिंह, संदीप कुमार, तेंडुप फंचोक, लजया देवी, सुदेश कुमारी, पूनम देवी, अयूब खान, संजीव कुमार, विक्की राज्य कमेटी सदस्य चुने गए हैं।
राज्य सम्मेलन को सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन, सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर, सचिव के. एन .उमेश प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने घोषित किया।
सम्मेलन में 19 पदाधिकारियों सहित 53 सदस्य राज्य कमेटी चुनी गई। विजेंद्र मेहरा को प्रदेशाध्यक्ष, प्रेम गौतम को महासचिव, जगत राम को कोषाध्यक्ष, कश्मीर सिंह ठाकुर, भूपेंद्र सिंह, अजय दुलटा, सुदेश कुमारी, रविन्द्र कुमार, केवल कुमार, कुलदीप डोगरा, नीलम जसवाल को प्रदेश उपाध्यक्ष, वीना शर्मा, जोगिंद्र कुमार, राजेश शर्मा, राजेश ठाकुर, आशीष कुमार, मोहित वर्मा, अमित कुमार, बालक राम को प्रदेश सचिव चुना गया। ओमदत्त शर्मा, नरेंद्र कुमार, गुरनाम सिंह, विजय शर्मा, संतोष कुमार, चमन ठाकुर, राजेश तोमर, राकेश कुमार, मदन नेगी, गुरदास वर्मा, सुरेंद्र कुमार, बिमला देवी, सुदर्शना देवी, अंजुला, सुनील मेहता, शांति देवी, निशा, हिमी देवी, पदम प्रभाकर, बलबीर चौहान, अनिल कुमार, वीरेंद्र पामटा, रंजन शर्मा, राम प्रकाश, चतर सिंह, चानन सिंह, संदीप कुमार, तेंडुप फंचोक, लजया देवी, सुदेश कुमारी, पूनम देवी, अयूब खान, संजीव कुमार, विक्की राज्य कमेटी सदस्य चुने गए।

सम्मेलन में संगठन, आंदोलन और श्रमिक वर्ग की मौजूदा चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई तथा आने वाले तीन वर्षों के लिए राज्यव्यापी संघर्ष और संगठन विस्तार की रूपरेखा तय की गई। सम्मेलन को सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन, सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर, सचिव के. एन .उमेश प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने घोषित किया।

नव निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर 2025 व 19 जनवरी 2026 को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के जरिए मजदूरों पर गुलामी थोपने व बंधुआ मजदूरी कायम करने के खिलाफ, 26 हजार न्यूनतम वेतन, योजना कर्मियों, आउटसोर्स, ठेका प्रथा, मल्टी टास्क, टेंपररी, कैजुअल, ट्रेनी की जगह नियमित रोजगार देने, मनरेगा बजट में बढ़ोतरी, मनरेगा मजदूरों हेतु न्यूनतम वेतन लागू करने, श्रमिक कल्याण बोर्ड के आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने आदि मांगों पर हिमाचल प्रदेश में सीटू निरंतर संघर्षशील रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा चार लेबर कोड लागू होने से 70% उद्योग व 74% मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। हड़ताल करने पर मजदूरों को कड़ी सजाओं व जुर्मानों का प्रावधान किया गया है। पक्के किस्म के रोजगार के बजाए ठेका प्रथा व फिक्स टर्म रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। काम के घंटे आठ के बजाए बारह घंटे करने से बंधुआ मजदूरी स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने तथा ग्रेच्युटी लागू करने, मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, बीमा क्षेत्र में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह करने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्याण बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स, सैहब व 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मियों के लिए नीति बनाने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने के मुद्दे पर संघर्ष तेज होगा।

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