कुनिहार
कुनिहार विकास सभा के वरिष्ठ मुख्य सलाहकार धनीराम तनवर एवं गोपाल पवंर ज्ञान ठाकुर हेमचंद दीप राम ठाकुर नागेंद्र ठाकुर बलबीर चौधरी प्रेम राज चौधरी जगदीश ठाकुर भागमल तंवर बाबूराम तंवर संतराम देवी राम मेहता ज्ञान ठाकुर मोहन सिंह चौधरी सनी राघव ओम प्रकाश ठाकुर राजेश बिट्टू अनिल वर्मा मोहन ठाकुर भागमल चौहान इत्यादि ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि आज तक बहुत सालों से यह महसूस व देखा जा रहा है कि कुनिहार जनपद जिसमें तीन पंचायते और उसके साथ लगती 12 पंचायते सरकार की बेरुखी के कारण विकास से महरूम रही है क्योंकि इन दोनों पार्टियों की सरकारें जब भी सत्ता में आती है तो देखा गया है कि इनका विकास का पहिया कुनिहार के साथ लगती सोलन विधानसभा क्षेत्र ममलीग और कसौली विधानसभा क्षेत्र का विकास जाबल जमरोट तक ही सीमित हो जाता है क्योंकि इसके आगे कुनिहार क्षेत्र की सीमाएं लग जाती है जबकि इन दोनों क्षेत्र के विधायक या मंत्री कुनिहार में किसी भी प्रकार का विकास होना नहीं चाहते जबकि विकास सभा ने कई बार अपने बयान में कहा है कि कुनिहार क्षेत्र भी हिमाचल का ही हिस्सा है मगर इन सरकारों पर कोई भी असर नहीं पड़ रहा है क्योंकि इसके कुछ कारण है। कुनिहार एक ऐसा केंद्र बिंदु है जहां से चार विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं शुरू होती है या समाप्त होती है जिसमें पहले अर्की विधानसभा क्षेत्र की सीमा यही से शुरू होती है और आधा किलोमीटर दूर जाकर बिल गांव से कसौली विधानसभा क्षेत्र व इसी प्रकार सोलन विधानसभा क्षेत्र और कुछ दूरी तीन-चार किलोमीटर बडलग चंडी विधानसभा क्षेत्र दुन शुरू हो जाती है। इस प्रकार से यह इलाका चारों विधानसभा क्षेत्र से घिरा हुआ है जबकि इन चारों विधानसभा क्षेत्र के लोग कुनिहार से ही हर प्रकार के कार्यों के लिए जुड़े हुए हैं जिनका अपने निजी कार्य घरेलू सामान या किसी भी प्रकार की जरूरत के लिए प्रतिदिन कुनिहार आना जाना रहता है। इस इलाका के नेताओं के कारण कुनिहार को कभी भी विकास या कोई बड़ी योजना देने के लिए किसी भी सरकार या किसी भी नेता ने कोई प्रयास नहीं किया ना ही वह करना चाहते हैं जिसका पूरा उदाहरण है कि इस वक्त कुनिहार के कोठी गांव 30 बिघा व साथ लगती गांव बील में चार 500 बीघा जमीन श्यामलात बेकार में पड़ी है जहां न कोई पौधारोपण है और किसी भी संस्थान को खोलने के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं जबकि दूसरे इलाका में सरकार एक-एक दो-दो बीघा के लिए मांग कर रही है लेकिन यहां पर सैकड़ो बीघा जमीन को अनदेखा किया जा रहा है जबकि दूसरी जिला में बड़ी-बड़ी रोज घोषणा की जा रही है जबकि सालों से यहां की जनता आईटीआई कोई संस्थान या पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने के लिए पर्याप्त भूमि है मगर यह लोग कुनिहार का विकास नहीं चाहते जिसका उज्जवल उदाहरण है कि अटल आदर्श विद्यालय का कार्य ना होना, दूसरे जल शक्ति विभाग के सब डिवीजन को कुनिहार में ना लाना, कुनिहार में सब तहसील को तहसील ना बनाना, और साथ ही सब ट्रेजरी को न खोलना, नया हॉस्पिटल बनाना तो दूर की बात है लेकिन घोषणा होने के पश्चात भी एमडी मेडिसिन की सिविल अस्पताल में नियुक्ति न करना जबकि जनता द्वारा सालों से की जा रही मांग है तो यह बखुबी दर्शाता है कि सरकारों का कुनिहार के प्रति कितना लगाव है। अभी भी समय है की सरकारों को या इन पार्टियों को जाग जाना चाहिए नहीं तो इसके आने वाले समय में गंभीर परिणाम होंगे।