ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्राध्यापक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जीवन शर्मा ने प्रख्यमन्त्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों विशेषकर पेंशनर को उनकी लम्बित मांगों के सन्दर्भ में धरने प्रर्दशन करने के लिए मजबूर न करें तथा जनवरी 2016 से जनवरी 2022 के मध्य सेवानिवृत 43000 कर्मचारियों के लीव इनकैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित एरियर के भुगतान करने की अपनी (मुख्यमन्त्री की घोषणा) बजट घोषणा को अमलीजामा पहनामा जाए। फरवरी 2024 में मुख्यमन्त्री की बजट में की गई घोषणा को एक बर्ष बाद भी लागू न करना पेंशनर के साथ बहुत बड़ा अन्याय व धोखा है । जबकि इस माह नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत होने जा रहा है। ऐसा लगता है कि हिमाचल सरकार ने पेंशनर को दूसरे दर्जे का नागरिक समझ रखा है और पेंशनर की संख्या क कम आंक रही है। तथा कुछ जिलों में प्रदेश के पेंशनर को पहली तारीख को पेंशन न देकर वर्तमान सरकार ने यह फिर दिखा दिया है कि वह उनकी कितनी हितैषी है। सरकार पेंशनर्ज को जिलों के आधार पर तथा आयु के अनुसार एरियर प्रदान करने बारे न बांटे । अन्यथा पैशनर को अपनी मांगे मनवाने को बारे सड़कों पर उतरना पड़ेगा, जिसे रोक पाना सरकार के लिए टेढी’ खीर होगा ।
