तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 के अंतर्गत मंगलवार को दाड़लाघाट में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अर्की, डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने की, जबकि संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग अर्की की पर्यवेक्षक उषा ठाकुर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं अन्य महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। कुल 45 महिलाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित काउंसलर, एचआईवी काउंसलिंग एवं टेस्टिंग सेवाएं, सिविल अस्पताल अर्की डॉ. विजय कुमार शांडिल ने प्रतिभागियों को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों और कोटपा अधिनियम 2003 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि समाज और परिवार के लिए भी विनाशकारी प्रभाव डालता है। तंबाकू सेवन से कैंसर, फेफड़ों के रोग, हृदय संबंधी बीमारियाँ, तथा दांत और मसूड़ों की अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। डॉ. शांडिल ने बताया कि कोटपा अधिनियम 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, तंबाकू उत्पादों की बिक्री एवं प्रचार-प्रसार प्रतिबंधित हैं। बिना लाइसेंस बिक्री करने वालों के खिलाफ जुर्माना और कारावास का प्रावधान है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने परिवारों और समाज को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने हेतु स्वयं जागरूक रहें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। इस अवसर पर उषा ठाकुर ने भी महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तंबाकू मुक्त परिवार एवं समाज बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने तंबाकू के सेवन से दूर रहने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ ली।






