शिमला
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री राम कथा का भव्य आयोजन जंजघर, नज़दीक लक्ष्मी नारायण मन्दिर, संजोली में किया गया है। ।कथा के उपलक्ष्य में आज विशाल मंगल कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा से पहले श्रवण कुमार और पार्षद कमलेश मेहता ने पूजन किया।कलश यात्रा का शुभारम्भ एसएचओ ढली विरोचन नेगी, पार्षद इंजन घर अंकुश वर्मा, पार्षद मशोबरा विशाखा मोदी, सीमा विज़न,साध्वी गार्गी भारती,साध्वी तरनी भारती, स्वामी धीरानन्द जी ने पूजन कर और भगवा ध्वज लहराकर किया।इस अवसर पर पूर्व मेयर सत्या ठाकुर कौंडल, लितेश कुमार,राजेश कुमार,बहादुर सिंह,विशेष रूप से उपस्थित रहे। सैकड़ों सौभाग्यवती माताओं बहनों ने मंगल कलश यात्रा में हिस्सा लिया।कलश यात्रा में छोटे बच्चे और युवा भाई बहन भी शामिल हुए जो हाथों में नशा न करें,पर्यावरण संरक्षण,महिला सशक्तिकरण,गो सेवा आदि सन्देश देते हुए स्लोगन लेकर चल रहे थे।सनातन धर्म के जयकारों से सारा वातावरण राममय हो गया।
कलश यात्रा दक्षिणेश्वरी काली मन्दिर ढली से चलकर सब्ज़ी मण्डी ढली से होते हुए,संजौली मुख्य बाजार,संजौली चौक से जंजघर कथा स्थल पहुंची। स्थानीय लोगों ने कलश यात्रा का अभिनंदन पुष्प वर्षा और प्रभु भगतों को प्रसाद वितरण कर किया।
स्वामी धीरानंद जी ने बताया कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए संस्थान पूरे विश्व में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। स्वामी जी ने कहा कि हमें सनातनी होने पर गर्व करना चाहिए और हमेशा ही सनातन धर्म का प्रचार करते रहना चाहिए।
Month: May 2025
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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने संजौली,शिमला में निकाली भव्य मंगल कलश यात्रा
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भरत जी और अत्रि मुनि मिलन व भरत जी का राम जी से मिलकर अयोध्या लौटना
संक्षिप्त रामायण(भार्गव)
भरत जी और अत्रि मुनि मिलन(अध्याय78)
भरत जी अत्रि जी के आश्रम पर गए और प्रणाम किया है। तब अत्रिजी ने भरतजी से कहा- इस पर्वत के समीप ही एक सुंदर कुआँ है। इस पवित्र, अनुपम और अमृत जैसे तीर्थजल को उसी में स्थापित कर दीजिए। भरत जी ने ऐसा ही किया।
इसके बाद ऋषि और राम की आज्ञा पाकर भरत जी महाराज चित्रकूट में नंगे पैर ही विचरण कर रहे हैं। और भरत जी खूब आनंद ले रहे हैं। भरतजी कहीं स्नान करते हैं, कहीं प्रणाम करते हैं, कहीं मनोहर स्थानों के दर्शन करते हैं और कहीं मुनि अत्रिजी की आज्ञा पाकर बैठकर, सीताजी सहित श्री राम-लक्ष्मण दोनों भाइयों का स्मरण करते हैं। भरतजी ने पाँच दिन में सब तीर्थ स्थानों के दर्शन कर लिए।
अगले छठे दिन सबेरे स्नान करके भरतजी, ब्राह्मण, राजा जनक और सारा समाज आ जुटा। आज सबको विदा करने के लिए अच्छा दिन है, यह मन में जानकर भी कृपालु श्री रामजी कहने में सकुचा रहे हैं।
भरतजी के प्रेमवश उन्हें पाँवरी देना चाहते हैं, किन्तु साथ ही गुरु आदि का संकोच भी होता है। आखिर (भरतजी के प्रेमवश) प्रभु श्री रामचन्द्रजी ने कृपा कर खड़ाऊँ दे दीं और भरतजी ने उन्हें आदरपूर्वक सिर पर धारण कर लिया।
करुणानिधान श्री रामचंद्रजी के दोनों ख़ड़ाऊँ प्रजा के प्राणों की रक्षा के लिए मानो दो पहरेदार हैं। भरतजी के प्रेमरूपी रत्न के लिए मानो डिब्बा है और जीव के साधन के लिए मानो राम-नाम के दो अक्षर हैं।
भरतजी ने प्रणाम करके विदा माँगी, तब श्री रामचंद्रजी ने उन्हें हृदय से लगा लिया। तन, मन और वचन तीनों में प्रेम उमड़ पड़ा। अब तो श्री रघुनाथजी ने भी धीरज त्याग दिया। वे कमल नेत्रों से प्रेम के आसुओं का जल बहाने लगे। फिर हर्षित होकर शत्रुघ्नजी को हृदय से लगा लिया।
फिर श्री रामचंद्रजी ने मुनि, ब्राह्मण और साधुओं को विष्णु और शिव के समान जानकर सम्मान करके उनको विदा किया। और भगवान ने सभी को आदरसहित प्रेम सहित अयोध्या की और लौटाया है।

भरत जी का राम जी से मिलकर अयोध्या लौटना
सभी अयोध्या जा रहे हैं लेकिन मुनि, ब्राह्मण, गुरु वशिष्ठजी, भरतजी और राजा जनकजी सारा समाज श्री रामचन्द्रजी के विरह में विह्वल है। प्रभु के गुण समूहों का मन में स्मरण करते हुए सब लोग मार्ग में चुपचाप चले जा रहे हैं॥ और जनकजी समेत सभी अयोध्या पहुंचे है। जनकजी चार दिन अयोध्याजी में रहे और राजकाज एवं सब साज-सामान को सम्हालकर, तथा मंत्री, गुरुजी तथा भरतजी को राज्य सौंपकर, सारा साज-सामान ठीक करके तिरहुत को चले। नगर के स्त्री-पुरुष गुरुजी की शिक्षा मानकर श्री रामजी की राजधानी अयोध्याजी में सुखपूर्वक रहने लगे॥
भरतजी ने मंत्रियों और विश्वासी सेवकों को काम बाँट दिए है और सभी अपने-अपने काम में लग गए। फिर छोटे भाई शत्रुघ्नजी को बुलाकर शिक्षा दी और सब माताओं की सेवा उनको सौंपी॥ ब्रह्मणो की सेवा की है और भरतजी ने फिर परिवार के लोगों को, नागरिकों को तथा अन्य प्रजा को बुलाकर, उनका समाधान करके उनको सुखपूर्वक बसाया। फिर छोटे भाई शत्रुघ्नजी सहित वे गुरुजी के घर गए और दंडवत करके हाथ जोड़कर बोले-आज्ञा हो तो मैं नियमपूर्वक रहूँ!
गुरुदेव बोले-भरत! कहो जो कहना है। तुम जो कुछ समझोगे, कहोगे और करोगे, वही जगत में धर्म का सार होगा॥
भरतजी ने यह सुनकर और शिक्षा तथा बड़ा आशीर्वाद पाकर ज्योतिषियों को बुलाया और दिन अच्छा मुहूर्त साधकर प्रभु की चरणपादुकाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सिंहासन पर विराजित कराया॥
फिर श्री रामजी की माता कौसल्याजी और गुरुजी के चरणों में सिर नवाकर और प्रभु की चरणपादुकाओं की आज्ञा पाकर धर्म की धुरी धारण करने में धीर भरतजी ने नन्दिग्राम में पर्णकुटी बनाकर उसी में निवास किया॥
सिर पर जटाजूट और शरीर में मुनियों के वल्कल वस्त्र धारण कर, पृथ्वी को खोदकर उसके अंदर कुश की आसनी बिछाई। भोजन, वस्त्र, बरतन, व्रत, नियम सभी बातों में वे ऋषियों के कठिन धर्म का प्रेम सहित आचरण करने लगे॥ गहने-कपड़े और अनेकों प्रकार के भोग-सुखों को मन, तन और वचन से तृण तोड़कर प्रतिज्ञा करके त्याग दिया।
भरतजी का शरीर दिनों-दिन दुबला होता जाता है लेकिन मुख की कान्ति अथवा शोभा वैसी ही बनी हुई है। वे नित्य प्रति प्रभु की पादुकाओं का पूजन करते हैं, हृदय में प्रेम समाता नहीं है। पादुकाओं से आज्ञा माँग-माँगकर वे बहुत प्रकार सब प्रकार के राज-काज करते हैं॥ शरीर पुलकित है, हृदय में श्री सीता-रामजी हैं। जीभ राम नाम जप रही है, नेत्रों में प्रेम का जल भरा है। लक्ष्मणजी, श्री रामजी और सीताजी तो वन में बसते हैं, परन्तु भरतजी घर ही में रहकर तप के द्वारा शरीर को कस रहे हैं॥
भरतजी का परम पवित्र आचरण चरित्र मधुर, सुंदर और आनंद-मंगलों का करने वाला है। कलियुग के कठिन पापों और क्लेशों को हरने वाला है।
भरत चरित करि नेमु तुलसी जो सादर सुनहिं। सीय राम पद पेमु अवसि होइ भव रस बिरति॥
जो कोई भरतजी के चरित्र को नियम से आदरपूर्वक सुनेंगे, उनको अवश्य ही श्रीसीतारामजी के चरणों में प्रेम होगा और सांसारिक विषय रस से वैराग्य होगा॥
कल से रामायण के अरण्यकाण्ड के बाग के कहानियां पढ़े
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कैसा रहेगा आज आपका दिन, पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल
राशिफल (भार्गव)
मेष
04-05-2025♈ मेष :
लाभ लेने के लिए बड़ों को अपनी अतिरिक्त ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। वे निवेश-योजनाएँ जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें। घर में मरम्मत का काम या सामाजिक मेल-मिलाप आपको व्यस्त रखेगा। रोमांस में अपने दिमाग़ का उपयोग भी करें, क्योंकि प्यार हमेशा अन्धा होता है। नए विचार फ़ायदेमंद साबित होंगे। जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 5
भाग्यशाली रंग: हरा रंग
वृष
04-05-2025♉वृषभ :
आर्थिक और व्यापारिक नियोजन करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। आपकी समझदारी प्रकृति आपको अपने साथी के साथ पिछली गलतफहमी को दूर करने में मदद करेगी। आज आप जो भी कार्य करने वाले है वो सरलता और सफल होंगे। जीवन के कुछ अटके हुए कार्य की वजह से आपको ज्यादा चिंतित देख सकते हैं। शांति से आपको कार्य करना होगा तभी आपके कार्य अच्छे से संपन्न हो सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के लोग आराम महसूस करेंगे।
भाग्यशाली दिशा: उत्तर
भाग्यशाली संख्या: 3
भाग्यशाली रंग: पीला रंग
मिथुन
04-05-2025♊ मिथुन :
आज आपको अपने करियर औऱ निजी नया जीवन में किए गए प्रयासों का फल मिलने का समय है। आज आपको कोई बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। इस राशि के जो लोग हाउसिंग सेक्टर से जुड़े हैं, आज उन्हें नया बिजनेस मिलेगा। जिससे आपको प्रसन्नता होगी। आज थोड़ा कम खाएं नही तो पेट की समस्या हो सकती है। लवमेट के साथ मूवी देखने जा सकते है। मेडिटेशन करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 6
भाग्यशाली रंग: सफ़ेद रंग
कर्क
04-05-2025♋ कर्क :
अतिरिक्त धन को रियल एस्टेट में निवेश किया जा सकता है। आपके जीवन-साथी की लापरवाही संबंधों में दूरी बढ़ा सकती है। साथ में अपना क़ीमती समय बिताएँ और मीठी यादों को फिर से ताज़ा करें, ताकि पुराने दिनों को फिर से वापस लाया जा सके। थोड़ी कोशिश और करें। आज भाग्य आपका साथ ज़रूर देगा, क्योंकि यह आपका दिन है। बड़े व्यापारिक लेन-देन करते वक़्त अपनी भावनाओं पर क़ाबू रखें। अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने का कोशिश संतोषजनक साबित होगी।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 1
भाग्यशाली रंग: पीला रंग
सिंह
04-05-2025♌ सिंह :
आपको आज सावधान रहने की जरूरत है। रोजगार में तारीफ हासिल होगी। आपके जीवन में चल रही सभी समस्याएं और कठिनाइयां दूर होंगी। प्रेमी के साथ संबंध मधुर बनाने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार करने को व्यवसायियों को धैर्य रखने की आवश्यकता है। अगर आप अपने दिल की सुनेंगे तो वित्तीय,निजी जीवन तथा संबंधों में भी बहुत सफलता मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 8
भाग्यशाली रंग: हल्का नीला
कन्या
04-05-2025♍ कन्या :
आज आपका दिन खास रहेगा। आज आप जो काम भी हाथ में लेंगे उसे पूरे मन से करेंगे। जिससे आपको सफलता हासिल होगी। इस राशि के जो लोग स्टील के बर्तन का बिजनेस करते है। आज उन्हें धनलाभ होने के आसार नजर आ रहे है। जिससे आपका पूरा दिन खुशनुमा रहेगा। इस राशि के नवविवाहित आज कुछ समय के लिए बाहर जाएं। इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा। मंदिर में माथा टेके आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 9
भाग्यशाली रंग: नारंगी रंग
तुला
04-05-2025♎ तुला :
ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करने और चालाकी-भरी आर्थिक योजनाओं से बचें। कोई नया रिश्ता न सिर्फ़ लंबे वक़्त तक क़ायम रहेगा, बल्कि फ़ायदेमंद भी साबित होगा। हर रोज़ प्रेम में पड़ने की अपनी आदत को बदलिए। आज फ़ायदा हो सकता है, बशर्ते आप अपनी बात भली-भांति रखें और काम में लगन व उत्साह दिखाएँ। अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने का कोशिश संतोषजनक साबित होगी।
भाग्यशाली दिशा: उत्तर
भाग्यशाली संख्या: 2
भाग्यशाली रंग: सफ़ेद रंग
वृश्चिक
04-05-2025♏ वृश्चिक :
अपने करीबी मित्र से बात करने से आपकी टेंशन दूर हो जाएगी। स्वयं की कीमती वस्तुओं का गौर रखें। रिश्ते के लिहाज से यह भाग्यवान दिन है। व्यवसायियों को लक्ष्य पर गौर केंद्रित करना चाहिए। आज आपको हल्के दर्द की शिकायत हो सकती है इसलिए यह अच्छा समय है जब आप बाहर जाकर ताजी हवा और व्यायाम का लाभ उठा सकते हैं। परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आज आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 4
भाग्यशाली रंग: ग्रे रंग
धनु
04-05-2025
♑ धनु :
आज सरकारी जॉब की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को जॉब के कुछ अच्छे ऑफर मिल सकते है। जहां जरुरत लगे, वहां समझौता करने के लिए तैयार रहें। सामूहिक काम निपटाने के लिहाज से दिन अच्छा है। पारिवारिक जीवन में खुशियां रहेंगी। लवमेट के साथ आज शॉपिंग करेंगे । जिससे एक दूसरे की पसंद को समझने का मौका मिलेगा। तिल के लड्डू बनाकर बहते जल में प्रवाहित करने से आपके रिश्ते मजबूत होंगे।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 7
भाग्यशाली रंग: भूरा रंग
मकर
04-05-2025♑ मकर :
कोई बड़ी योजनाओं और विचारों के ज़रिए आपका ध्यान आकर्षित कर सकता है। किसी भी तरह का निवेश करने से पहले उस व्यक्ति के बारे में भली-भांति जाँच-पड़ताल कर लें। कोई पुराना दोस्त शाम के समय फ़ोन कर पुरानी यादें ताज़ा कर सकता है। प्यार में अपने अशिष्ट बर्ताव के लिए माफ़ी मांगें। आपका वर्चस्ववादी स्वभाव आलोचना की वजह बन सकता है। जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 2
भाग्यशाली रंग: सफ़ेद रंग
कुंभ
04-05-2025♒ कुंभ :
आप अपने प्रिय के रवैये के प्रति काफी संवेदनशील रहेंगे। प्रयास करो एवं प्रसन्न रहो। आप स्वयं के सहयोगियों के अशिष्ट व्यवहार को स्वीकार नहीं कर सकते हैं एवं असहज महसूस करेंगे। अपूर्ण कार्य पूर्ण होंगे। मित्रों, स्नेहीजनों से उपहार मिलेगा। आज अपना समय और ऊर्जा दूसरों की मदद करने में लगाएँ, लेकिन ऐसे मामलों में पड़ने से बचें जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं है। लेखनकार्य के लिए दिन बहुत अनुकूल है।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 4
भाग्यशाली रंग: हल्का लाल
मीन
04-05-2025♓ मीन :
लोगों का मन आज शांत रहने वाला है। आज आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर परिवारजनों के साथ व्यतीत करेंगे, इस राशि वाले लोगों को आज उनकी मेहनत का फल मिलने वाला है। आज आपका दिन ऑफिस कार्यों के प्रति अनुकूल रहने वाला है साथ ही सीनियर्स आपकी बात को गंभीरता से लेंगे। आज आपके जीवन में कई दिनों चली आ रही पैसों की दिक्कतें खत्म होने वाली है। धन की प्राप्ति के नए मार्ग खुलेगें। माता-पिता का आशीर्वाद से आपको सफलता मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 3
भाग्यशाली रंग: नीला रंग
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भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ हिमाचल प्रदेश दाड़लाघाट यूनिट की बैठक हुई शिव मंदिर प्रांगण में
दाड़लाघाट
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ हिमाचल प्रदेश दाड़लाघाट यूनिट की बैठक यूनिट के अध्यक्ष मनोज शर्मा की अध्यक्षता में शिव मंदिर प्रांगण दाड़लाघाट में हुई। जिसमें बाबू राम ठाकुर जिलाध्यक्ष पेंशनर्ज विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी पेंशनर्ज ने सरकार से अनुरोध किया कि जो भी पेंशनर्ज की देनदारियां हैं शीघ्र से शीघ्र देने की कृपा करें। यूनिट के कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित रहे सब ने सरकार से यह अनुरोध किया कि उनके 2016 से संशोधित पेंशन के एरियर और मेडिकल बिल के भुगतान को जल्दी से जल्दी देने की कृपा करें। सरकार से हर मंच पर हम लोग यह आवाज उठाते रहे हैं परंतु सरकार हमारे इन सभी देनदारियों को देने के लिए कोई भी क़दम नहीं उठा रही है। जिसका सभी पेंशनरों ने एक आवाज से विरोध किया है बैठक में मदन लाल शर्मा, जगदीश गर्ग, नंदलाल शर्मा, गोपाल, मनसा राम कंवर सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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वन मंडल कुनिहार में वन मित्रों का प्रशिक्षण शिविर जारी, पीसीसीएफ समीर रस्तोगी ने लिया जायजा
कुनिहार
हिमाचल प्रदेश के वन मंडल कुनिहार के अंतर्गत चल रहे वन मित्र प्रशिक्षण शिविर का आज प्रधान मुख्य अरण्यपाल (PCCF) समीर रस्तोगी ने दौरा कर जायजा लिया। इस अवसर पर डीएफओ आर. के. शर्मा ने जानकारी दी कि वन मंडल कुनिहार के तहत चार रेंज अर्की, दाड़लाघाट, कुठाड़ और कुनिहार शामिल है।
आरके शर्मा ने बताया कि कुठाड़ रेंज में 12 वन मित्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जबकि दाड़लाघाट में 10 वन मित्र प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। अर्की और कुनिहार रेंज के लिए संयुक्त रूप से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है। इसमें 1 और 2 मई को प्रशिक्षण सत्र अर्की में हुआ, जबकि 3 से 5 मई तक कुनिहार में प्रशिक्षण चल रहा है।
प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य वन मित्रों को जंगलों की सुरक्षा, संरक्षण तथा वन विभाग की कार्यप्रणाली की बेहतर समझ देना है। पीसीसीएफ समीर रस्तोगी ने प्रशिक्षण की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और वन मित्रों से इस कार्य को जिम्मेदारी व समर्पण के साथ निभाने का आह्वान किया।
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अंबुजा आईटीआई दाड़लाघाट के प्रतिभागियों का भव्य स्वागत 16वीं जिला स्तरीय आईटीआई खेलकूद प्रतियोगिता में किया शानदार प्रदर्शन
दाड़लाघाट
सोलन में आयोजित 16वीं जिला स्तरीय आईटीआई खेलकूद प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर लौटे अंबुजा आईटीआई दाड़लाघाट के छात्रों का संस्थान परिसर में फूल मालाओं, ढोल-नगाड़ों और जोशीले नारों के साथ भव्य स्वागत किया गया। छात्रों की इस उपलब्धि पर पूरे संस्थान में उत्सव जैसा माहौल देखा गया।
प्रतियोगिता में कबड्डी, वॉलीबॉल, खो खो बैडमिंटन व दौड़, जैसे विभिन्न खेलों में दाड़लाघाट संस्थान की टीमों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कई स्वर्ण व रजत पदक अपने नाम किए। विजयी टीमों ने अपनी ट्राफियां और पदक संस्थान के प्रधानाचार्य राजेश शर्मा को भेंट किए,राजेश शर्मा ने छात्रों की मेहनत, अनुशासन और समर्पण की सराहना की।
इस अवसर पर अंबुजा फाउंडेशन के जोनल हेड भूपेंद्र गांधी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेलों से न केवल शारीरिक फिटनेस बढ़ती है, बल्कि टीम वर्क, नेतृत्व और आत्मविश्वास जैसे गुण भी विकसित होते हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी होती हैं।
संस्थान के प्रधानाचार्य राजेश शर्मा ने भी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता उनकी लगन और प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में भी छात्र इसी प्रकार उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छुएंगे और संस्थान का नाम रोशन करेंगे
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बी० एल स्कूल कुनिहार में मनाया सदनों का 30वां शपथ समारोह
कुनिहार
बी० एल सेन्ट्रल पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार में सदनों का 30वां शपथ समारोह मनाया गया | जानकरी देते हुए विद्यालय अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने बताया की विद्यालय में सदनों का 30वां शपथ समारोह का आयोजन किया गया जिसमे *गोपाल सिंह चौहान उप-निदेशक उच्च शिक्षा सोलन मुख्यातिथि* के रूप में व् इनके साथ वशिष्ठ अतिथि राज कुमार गौतम प्रधानाचार्य व बी पी ओ खंड अर्की , अरुण कुमार सहायक सचिव स्काउट्स एंड गाइड्स मौजूद रहे I सबसे पहले मंच संचालक शिवानी शर्मा मुख्याथिथि और अन्य सभी विशिष्ट अतिथियों का स्कूल बैंड पार्टी के साथ भव्य स्वागत किया गया उसके उपरान्त मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की I उप-निदेशक उच्च शिक्षा सोलन ने चारो सदनों के विद्यार्थियों को कर्तव्य एवं अनुशाशन परायणता की शपथ दिलाई | इस अवसर पर चारो सदनों की टुकड़ियों ने मार्च पास्ट में भाग लिया | विद्यालय में चार प्रमुख छात्र सदन साहा सदन,भाभा सदन,बोस सदन और रमन सदन सभी भारत के महान विज्ञानिको के नाम पर रखे गये है ताकि इसमें बच्चो में आगे बढने की प्रेरणा मिल सके | विद्यालय अध्यक्ष ने मुख्यातिथि को शौल टोपी और स्मृति चिन्ह व् अन्य विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर समान्नित किया I उसके उपरान्त विद्यालय अध्यक्ष ने भी इस शपथ समारोह में मुख्यातिथि और विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया I स्कूल कप्तान निशांत लडको में और वैशाली लडकियों में चुनी गयी | खेल कप्तान अमन एवं दिशिता, संगीत कप्तान सुजल एवं मनस्वी को चुना गया, अनुशासन कप्तान पियूष एवं निहारिका , प्रात: सभा कप्तान चैतन्य एवं सुम्रिता , एन. एस. एस. नमन एवं सानवी , एन. सी. सी. कप्तान कुशल एवं गार्गी डिजिटल कप्तान अंशुमन एवं अविका, इको क्लब कप्तान सक्षम एवं वैशाली पाल, स्काउट्स एंड गाइड्स कप्तान हिमांशु एवं आकृति , कराटे कप्तान आर्यन एवं रुमेहा को चुना गया I इसके साथ ही साहा सदन से कप्तान एवं उपकप्तान अभिषेक और राधिका, रमन सदन से कप्तान एवं उपकप्तान गौतम और अनवी , बोस सदन से कप्तान एवं उपकप्तान जतिन शर्मा और पारुल और भाभा सदन से कप्तान एवं उपकप्तान कुसुमित और मन्नत ने शपथ ग्रहण की I सदन के बच्चो ने समूह गान व् पिटी एवं योग क्रियाओ का प्रदर्शन किया | उसके उपरान्त मुख्यातिथि ने सभी बच्चो को पांच तत्वों स्वास्थ्य , बड़ों का आदर , शिक्षा , सामाजिक व्यवहार और आमदनी आदि जानकारी साँझा की और साथ ही विद्यालय प्रबंधन का इस प्रकार की गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के लिए सराहना की I Iइस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्या पुर्शोतम लाल , मुख्याध्यापिका सुषमा शर्मा, सभी अध्यापक वर्ग और विद्यार्थी मौजूद थे | -

चार मई को नालागढ़ में बिजली बंद रहेगी।
चंडी/पवन कुमार सिंघ
चार मई को नालागढ़ में बिजली बंद रहेगी। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अनुसार, आवश्यक रखरखाव के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं ¹:
– *नालागढ़-एक के क्षेत्र:*
– *क्षेत्र:* रंडीयाली, चौकीवाला, सलेवाल, मंगुवाल, कंगनबाल, झंडेवाल, राजपुरा
– *औद्योगिक इकाइयां:* दया इंडस्ट्री, एशियन प्रेस, आयरंवेदा, एलोफिक, ग्लेनमार्क, नील ऑटो, हिमाचल पैकेजिंग, नव पैकर आदि
– *अन्य क्षेत्र:*
– *क्षेत्र:* सैनी माजरा, बेरसेन, ढेरोवाल, बीड़ प्लासी, नथु प्लासी, बहरामपुर, तैलीवाल, धिहेड, मंझोली आदि
– *औद्योगिक इकाइयां:* आईसीसी, एल्फिन ड्रग्स, एलएस, न्यू टेक फिल्टर, बायो डील फार्मा, कटिल फार्मा, वी लाइन मीडिया आदिबिजली बंद का समय: प्रातः 10:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक।
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राम जी का भरत को उपदेश
संक्षिप्त रामायण(भार्गव)
भरतजी के हृदय में श्री सीता-रामजी का निवास(अध्याय76)
आपने पिछले पार्ट में पढ़ा की भरत जी, राम जी से अयोध्या वापिस चलने को कह रहे हैं इसी बीच जनक जी का आगमन हुआ है। और जनक जी ने भरत जी की खूब तारीफ की है। फिर प्रातःकाल दोनों राजसमाज जागे और नहा-नहाकर देवताओं की पूजा करने लगे। सभा फिर से एकत्र हुई है – सभी के मन में ये जिज्ञासा है की श्री राम अयोध्या लौटेंगे या नही।
भरत जी जनक जी से कहते हैं – हे प्रभो! आप हमारे पिता के समान प्रिय और पूज्य हैं और कुल गुरु श्री वशिष्ठजी के समान हितैषी तो माता-पिता भी नहीं है। विश्वामित्रजी आदि मुनियों और मंत्रियों का समाज है और आज के दिन ज्ञान के समुद्र आप भी उपस्थित हैं।
फिर भरत जी ने अपनी बात सबके सामने रखी की राम अयोध्या लौट जाये और राजा बने। ये सब मेरे कारण हुआ है इसलिए वन में सिर्फ मैं ही जाऊंगा।
ये बात सुनकर इन्द्रादि देवता डर गए और सोच रहे हैं की आज तो भरत ने काम बिगड़ ही दिया। फिर देवताओं ने सरस्वती से कहा की आप अपनी माया से भरतजी की बुद्धि को फेर दीजिए।
देवताओं की बात सुनकर सरस्वती बोली की- मुझसे कह रहे हो कि भरतजी की मति पलट दो! ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माया बड़ी प्रबल है! किन्तु वह भी भरतजी की बुद्धि की ओर देख भी नहीं सकती। और तुम कह रहे हो की भरत जी की बुद्धि पलट दो।
भरतजी के हृदय में श्री सीता-रामजी का निवास है। जहाँ सूर्य का प्रकाश है, वहाँ कहीं अँधेरा रह सकता है? ऐसा कहकर सरस्वतीजी ब्रह्मलोक को चली गईं। अब देवता और अधिक व्याकुल हो गए। इन्द्र सोचने लगे कि काम का बनना-बिगड़ना सब भरतजी के हाथ है।
भरत जी बात सुनकर जनक जी और वसिष्ठ जी प्रेम में डूब गए। और जनक जी भी भरत से सहमत हो गए। और वसिष्ठ जी अब राम जी से पूछते हैं। अब वसिष्ठ जी कहते है- हे प्यारे राम! मेरा मत तो यह है कि तुम जैसी आज्ञा दो, वैसा ही सब करें!
यह सुनकर दोनों हाथ जोड़कर श्री रघुनाथजी सत्य, सरल और कोमल वाणी बोले- आपके और मिथिलेश्वर जनकजी जी के होते हुए मेरा कुछ कहना ही अनुचित होगा। आपकी और महाराज की जो आज्ञा होगी, मैं आपकी शपथ करके कहता हूँ वह सत्य ही सबको धारण करनी होगी।
राम सपथ सुनि मुनि जनकु सकुचे सभा समेत। श्री रामचन्द्रजी की शपथ सुनकर सभा समेत मुनि और जनकजी सकुचा गए ।अब सब लोग भरतजी का मुँह ताक रहे हैं। भरतजी ने सभा को संकोच के वश देखा।
भरतजी ने प्रणाम करके सबके प्रति हाथ जोड़े तथा श्री रामचन्द्रजी, राजा जनकजी, गुरु वशिष्ठजी और साधु-संत सबसे विनती की और कहा- आज मेरे इस अत्यन्त अनुचित बर्ताव को क्षमा कीजिएगा। मैं कोमल छोटे मुख से कठोर धृष्टतापूर्ण वचन कह रहा हूँ। हे प्रभु! आप पिता, माता, सुहृद् मित्र, गुरु, स्वामी, पूज्य, परम हितैषी और अन्तर्यामी हैं। मैं मोहवश प्रभु आप के और पिताजी के वचनों का उल्लंघन कर और समाज बटोरकर यहाँ आया हूँ।
मैंने ऐसा जगत में कोई भी नही देखा जो आपकी आज्ञा को नकार दे पर मैंने सब प्रकार से वही ढिठाई की, परन्तु प्रभु ने उस ढिठाई को स्नेह और सेवा मान लिया! आपकी मुझ पर बड़ी कृपा है। आपकी आज्ञा का पालन करना और आपकी सेवा करना बस यही काम श्रेष्ठ हैं। भरतजी ऐसा कहकर प्रेम के बहुत ही विवश हो गए और आँखों में प्रेम के आंसू आ गए। फिर भारत जी ने न्होंने प्रभु श्री रामचन्द्रजी के चरणकमल पकड़ लिए।

राम जी का भरत को उपदेश
कृपासिन्धु श्री रामचन्द्रजी ने सुंदर वाणी से भरतजी का सम्मान करके हाथ पकड़कर उनको अपने पास बिठा लिया। तुलसीदासजी कहते हैं- सब लोग भरतजी का भाषण सुनकर व्याकुल हो गए और ऐसे सकुचा गए जैसे रात्रि के आगमन से कमल!
अब श्री राम जी कहते है मेरे भरत! तुम धर्म की धुरी को धारण करने वाले हो, लोक और वेद दोनों के जानने वाले और प्रेम में प्रवीण हो। कर्म से, वचन से और मन से निर्मल तुम्हारे समान तुम्हीं हो। गुरुजनों के समाज में और ऐसे कुसमय में छोटे भाई के गुण किस तरह कहे जा सकते हैं? तुम सूर्यकुल की रीति को, सत्यप्रतिज्ञ पिताजी की कीर्ति और प्रीति को, समय, समाज और गुरुजनों की लज्जा मर्यादा को तथा उदासीन, मित्र और शत्रु सबके मन की बात को जानते हो। तुमको सबके कर्मों कर्तव्यों का और अपने तथा मेरे परम हितकारी धर्म का पता है। यद्यपि मुझे तुम्हारा सब प्रकार से भरोसा है, तथापि मैं समय के अनुसार कुछ कहता हूँ।
पिताजी के बिना हमारी बात केवल गुरुवंश की कृपा ने ही सम्हाल रखी है, नहीं तो हमारे समेत प्रजा, कुटुम्ब, परिवार सभी बर्बाद हो जाते। अगर बिना समय के सूर्य अस्त हो जाए, तो कहो जगत में किस को क्लेश न होगा? उसी प्रकार का उत्पात पिता की असामयिक मृत्यु मृत्यु से हुआ है। पर मुनि महाराज ने तथा मिथिलेश्वर ने सबको बचा लिया। माता, पिता, गुरु और स्वामी की आज्ञा का पालन समस्त धर्म रूपी पृथ्वी को धारण करने में शेषजी के समान है। इसलिए मेरे प्यारे भाई! तुम वही करो और मुझसे भी कराओ तथा सूर्यकुल के रक्षक बनो। हे भाई! मेरी विपत्ति सभी ने बाँट ली है, परन्तु तुमको तो चौदह वर्ष तक बड़ी कठिनाई है सबसे अधिक दुःख है
भरत तुम बहुत कोमल हो फिर भी मैं ये कठोर वियोग की बात कह रहा हूँ। जिस प्रकार हम मुँह से खाना कहते है लेकिन वह खाना, हाथ, पैर आँख इत्यादि को सामान रूप से पोषण करता है इसी तरह सेवक हाथ, पैर और नेत्रों के समान और स्वामी मुख के समान होना चाहिए।
श्री रघुनाथजी की वाणी सुनकर सारा समाज शिथिल हो गया, सबको प्रेम समाधि लग गई। यह दशा देखकर सरस्वती ने चुप साध ली।
अब भरतजी को परम संतोष हुआ। उनका मुख प्रसन्न हो गया और मन का विषाद मिट गया। मानो गूँगे पर सरस्वती की कृपा हो गई हो।
अब भरत जी हाथ जोड़कर कहते हैं- हे नाथ! मैंने जगत में जन्म लेने का लाभ पा लिया। अब जैसी आज्ञा हो, उसी को मैं सिर पर धर कर आदरपूर्वक करूँ! लेकिन मुझे ऐसी शक्ति दें की मैं इस 14 वर्षों की अवधि को बिता सकूँ। और मेरे मन में एक मनोरथ और है जो आपके डर से कह नही पा रहा हूँ। आपके रहने से, और संतो के रहने से ये स्थान पवित्र तीर्थ हो गया है। आज्ञा हो तो चित्रकूट के पवित्र स्थान, तीर्थ, वन, पक्षी-पशु, तालाब-नदी, झरने और पर्वतों के समूह तथा विशेष कर प्रभु आप के चरण चिह्नों से अंकित भूमि को देख आऊँ।
रामजी कहते हैं- अवश्य ही अत्रि ऋषि से पूछकर, वे जैसा कहें वैसा करो और निर्भय होकर वन में विचरो। और जो तुम तीर्थों का जल लाये हो। ऋषियों के प्रमुख अत्रिजी जहाँ आज्ञा दें, वहीं स्थापित कर देना। प्रभु के वचन सुनकर भरतजी ने सुख पाया और चरणों में शीश झुकाया।
वहां पर जितने लोग हैं उनमे से कोई श्री रामजी की बड़ाई बड़प्पन की चर्चा कर रहे हैं, तो कोई भरतजी के अच्छेपन की सराहना करते हैं।
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कैसा रहेगा आज आपका दिन, पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल
राशिफल (भार्गव)
मेष
03-05-2025♈ मेष :
ख़ुद को परिष्कृत करने की कोशिश कई तरीक़ों से अपना असर दिखाएगी आप ख़ुद को बेहतर और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे। आप ऐसे स्रोत से धन अर्जित कर सकते हैं, जिसके बारे में आपने पहले सोचा तक न हो। छोटे बच्चे आपको व्यस्त रखेंगे और दिली सुकून देंगे। निजी मसले नियन्त्रण में रहेंगे। एक अहम प्रोजेक्ट जिसपर आप काफ़ी अरसे से काम कर रहे थे टल हो सकता है।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 2
भाग्यशाली रंग: नीला रंग
वृष
03-05-2025♉वृषभ :
वृषभ राशि वालों आज आपका दिन बहुत ही बेहतरीन रहने वाला है। आज आपको अचानक से कुछ ऐसा हासिल हो सकता है जिसकी आपको बहुत दिनों से तलाश थी। आज पूरे दिन आप नयी उर्जा से भरे रहेंगे। किसी बड़ी कंपनी से जुड़ने या फिर पार्टनरशिप करने का मौका भी मिल सकता है। टूर एंड ट्रेवल्स के बिजनेस से जुड़े लोगों बिजनेस में तेजी से वृद्धि होगी। आज आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। भगवान शंकर को बेलपत्र चढ़ायें। करियर में और आगे बढ़ेंगे।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 8
भाग्यशाली रंग: सफ़ेद रंग
मिथुन
03-05-2025♊ मिथुन :
रुका हुआ धन मिलेगा और आर्थिक हालात में सुधार आएगा। अगर आप अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियों को अनदेखा करेंगे, तो कुछ ऐसे लोग नाराज़ हो सकते हैं जो आपके साथ रहते हैं। अपने प्रिय के साथ ख़रीदारी करने जाते समय ज़्यादा आक्रामक व्यवहार न करें। किसी भी तरह की साझीदारी करने से पहले उसके बारे में अपनी अंदरूनी भावना की बात ज़रूर सुनें। छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे। अपने जीवन की सभी समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए आपका जीवन साथी आपके साथ खड़ा रहेगा।
भाग्यशाली दिशा: उत्तर
भाग्यशाली संख्या: 1
भाग्यशाली रंग: हल्का हरा
कर्क
03-05-2025♋ कर्क :
आज आपका दिन समान्य बना रहेगा। किसी अनजान व्यक्ति पर उम्मीद से ज्यादा भरोसा आपको नुकसान पहुचा सकता है। छात्रों को पढ़ाई में आज और ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। प्लॉस्टिक के व्यापार से जुड़े लोगों को बिजनेस में उम्मीद से ज्यादा तरक्की मिलेगी। आज अपनी वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है। जीवनसाथी के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है। गरीब को जूता या चप्पल दान करें। सभी दुखों का समाधान निकलेगा।
भाग्यशाली दिशा: पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या: 6
भाग्यशाली रंग: सफ़ेद रंग
सिंह
03-05-2025♌ सिंह :
ध्यान और योग न केवल आध्यात्मिक तौर पर, बल्कि शारीरिक तौर पर भी आपके लिए फ़ायदेमन्द साबित होंगे। आपके मन में जल्दी पैसे कमाने की तीव्र इच्छा पैसा होगी। आपके व्यक्तिगत जीवन में कुछ महत्वपूर्ण घटित होगा, जो आपके और आपके परिवार के लिए प्रसन्नता लेकर आएगा। रोमांस आपके दिल पर क़ाबिज़ है। कार्यक्षेत्र में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में लगती हैं। आज आप ख़ुद को लोगों के ध्यान के केंद्र में पाएंगे, जब कोई आपके सहयोग की वजह से पुरस्कृत होगा या सराहा जाएगा।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 9
भाग्यशाली रंग: नारंगी रंग
कन्या
03-05-2025♍ कन्या :
आज आपका दिन बहुत ही अच्छा रहने वाला है। आज समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सामाजिक कार्य का हिस्सा बन सकते हैं। ऑफिस में आपके जूनियर आपसे काम सीखना चाहेंगे। कुवारें युवकों के लिये शादी का अच्छा प्रस्ताव आ सकता है। मार्केटिंग और सेल्स की फील्ड से जुड़े लोगों कों अच्छे क्लांइट मिल सकते हैं। आज पुराने रिश्तों में आयी खटास भी खुद-ब- खुद दूर हो जायेगी। भगवान गणेश की पूजा करें। सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 4
भाग्यशाली रंग: हरा रंग
तुला
03-05-2025♎ तुला :
आपको कोई ग़लत जानकारी मिल सकती है, जिसके चलते आप मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं। होशियारी से निवेश करें। आप महसूस करेंगे कि दोस्त और रिश्तेदार आपकी ज़रूरतों को नहीं समझते हैं। लेकिन ज़रूरत दूसरों में बदलाव लाने की नहीं, बल्कि ख़ुद में बदलाव लाने के लिए ईमानदार कोशिश करने की है। प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे। जो कला और रंगमंच आदि से जुड़े हैं, उन्हें आज अपना कौशल दिखाने के लिए कई नए मौक़े मिलेंगे। जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 5
भाग्यशाली रंग: पीला रंग
वृश्चिक
03-05-2025♏ वृश्चिक :
आज आपका दिन अच्छा गुजरेगा। आज छोटी-छोटी बातों में खुशी तलाश कर पायेंगे। मन शांत रहेगा। जमीन- जायदाद के मामलों आज फैसला आपके पक्ष में आयेगा। आज विरोधी दोस्ती का हाथ आगे बढ़ायेंगे। हर कोई आपकी प्रतिभा का लोहा मानेगा। जो लोग संगीत गायन या वादन के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें किसी बड़ी जगह परफॉर्मॆंस करने का मौका मिल सकता है। पार्टनर के साथ आज डिनर पर जाने का अ वसर मिल सकता है। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें।
भाग्यशाली दिशा: उत्तर
भाग्यशाली संख्या: 6
भाग्यशाली रंग: नारंगी रंग
धनु
03-05-2025♑ धनु :
आपकी समस्याएँ आज आपके मानसिक सुख को नष्ट कर सकती हैं। अचानक नए स्रोतों से धन मिलेगा, जो आपके दिन को ख़ुशनुमा बना देगा। घरेलू कामकाज का बोझ और रुपये-पैसे को लेकर तनातनी आज आपके वैवाहिक जीवन में परेशानी खड़ी कर सकती है। निजी मसले नियन्त्रण में रहेंगे। बिना गहराई से समझे-बूझे किसी व्यावसायिक/क़ानूनी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करें। छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 4
भाग्यशाली रंग: बैंगनी रंग
मकर
03-05-2025♑ मकर :
आज आपका दिन नॉर्मल रहेगा। आज आपको कार्यक्षेत्र में पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। भावनात्मक संतुलन बनाने की कोशिश में सफल रहेंगे। जो लोग सोने या चांदी के व्यापार से जुड़े हैं उन्हे सतर्कता बरतने की जरुरत है। निवेश जांच परख कर करें। आज घर के आस-पास किसी सामाजिक समारोह का हिस्सा बन सकते हैं। माता दुर्गा की धूप- दीप से पूजा करें। सब मंगल होगा।
भाग्यशाली दिशा: पूर्व
भाग्यशाली संख्या: 3
भाग्यशाली रंग: पीला रंग
कुंभ
03-05-2025♒ कुंभ :
भागमभाग भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी। आज के दिन निवेश करने से बचना चाहिए। आज न सिर्फ़ अजनबियों से, बल्कि दोस्तों से सावधान रहने की ज़रूरत भी है। जो भी बोलें, सोच-समझकर बोलें। क्योंकि कड़वे शब्द शांति को नष्ट करके आपके और आपके प्रिय के बीच दरार पैदा कर सकते हैं। कामकाज से जुड़े मामलों में दोस्त का अहम सहयोग मददगार रहेगा।
भाग्यशाली दिशा: पश्चिम
भाग्यशाली संख्या: 1
भाग्यशाली रंग: लाल रंग
मीन
03-05-2025♓ मीन :
आज आपका दिन अच्छा गुजरेगा। धन संबंधी दिक्कतों का आज आप आसानी से हल निकाल लेंगे। उधार दिये हुये पैसे आज आपको वापस मिल सकते हैं। घरवालों के साथ शॉपिंग पर जाने का प्लॉन भी बना सकते हैं। खुद को काबिल बनाने की राह में आज जो भी फैसला लेंगे वो कारगर सिद्ध होगा। वाहन चलाते समय आज आपको सावधानी बरतने की जरुरत है। जबतक जरुरी ना हो वाहन का उपयोग करने से बचना होगा। सूर्य देवता को लाल चंदन मिलाकर जल चढ़ायें। आपके उपर आने वाली सभी बधायें दूर होंगी।
भाग्यशाली दिशा: दक्षिण
भाग्यशाली संख्या: 6
भाग्यशाली रंग: हरा रंग