Month: May 2025

  • पट्टा महलोग के सिद्ध बाबा बालक नाथ शक्तिपीठ मंदिर में 1 और 2 जून को सातवां विशाल मेला भंडारा

    पट्टा महलोग के सिद्ध बाबा बालक नाथ शक्तिपीठ मंदिर में 1 और 2 जून को सातवां विशाल मेला भंडारा

    पट्टा महलोग
    पवन कुमार सिंघ

    दून विधानसभा क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र पट्टा महलोग मे सिद्ध बाबा बालक नाथ शक्तिपीठ मंदिर में 1 और 2 जून 2025 को सातवां विशाल मेला भंडारा एवं जागरण का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन गुरनार पर्वत गांव बखरोग में होगा, जो पट्टा महलोग के पास स्थित है। मंदिर समिति ने बताया है कि इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचकर बाबा बालक नाथ जी का आशीर्वाद लेते हैं और भंडारा ग्रहण करते हैं।
    मेले की विशेषताएं: आयोजन: मेले का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रवासियों से आग्रह किया गया है कि वे बाबा बालक नाथ जी का आशीर्वाद लें और भंडारा ग्रहण करें। जागरण: मेले में जागरण का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु आनंद ले सकते हैं। सुरक्षा व्यवस्था: बाबा बालक नाथ मंदिर में आयोजित होने वाले मास मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है, *मंदिर समिति के सदस्य: अध्यक्ष: कृष्ण पाल उपाध्यक्ष: सीताराम सचिव: मनीष कुमार खजांची हितेश गुप्ता सदस्य जगमोहन गुप्ता, वेद प्रकाश शर्मा, नेकराम, नरेंद्र कुमार, योगराज, जोगिंदर, दुर्गा चंद, हरीश कुमार आदि।

  • अंगद और श्री राम कथा व अंगद रावण सम्वाद

    अंगद और श्री राम कथा व अंगद रावण सम्वाद

    संक्षिप्त रामायण(भार्गव)

    अंगद और श्री राम कहानी

    अब तक आपने पढ़ा की राम सेना लंका पहुंच गई है। ये सब देखकर मंदोदरी ने एक बार फिर रावण को समझाया है और राम महिमा बताई है। लेकिन घमंडी रावण का काल उसे अपनी ओर खिंच रहा हैं।

    प्रातःकाल श्री रघुनाथजी जागे और उन्होंने सब मंत्रियों को बुलाकर सलाह पूछी कि शीघ्र बताइए, अब क्या उपाय करना चाहिए?

    जाम्बवान्‌ ने श्री रामजी के चरणों में सिर नवाकर कहा- हे सर्वज्ञ सब कुछ जानने वाले! ! सुनिए! मैं अपनी बुद्धि के अनुसार सलाह देता हूँ कि बालिकुमार अंगद को दूत बनाकर भेजा जाए!

    यह अच्छी सलाह सबके मन में जँच गई। कृपा के निधान श्री रामजी ने अंगद से कहा- हे बल, बुद्धि और गुणों के धाम बालिपुत्र! हे तात! तुम मेरे काम के लिए लंका जाओ। तुमको बहुत समझाकर क्या कहूँ! मैं जानता हूँ, तुम परम चतुर हो। शत्रु से वही बातचीत करना, जिससे हमारा काम हो और उसका कल्याण हो।

    प्रभु की आज्ञा सिर चढ़कर और उनके चरणों की वंदना करके अंगदजी उठे और बोले- हे भगवान्‌ श्री रामजी! आप जिस पर कृपा करें, वही गुणों का समुद्र हो जाता है। स्वामी सब कार्य अपने-आप सिद्ध हैं, यह तो प्रभु ने मुझ को आदर दिया है जो मुझे अपने कार्य पर भेज रहे हैं। इस प्रकार भगवान की वंदना करके अंगद जी चले हैं।

    लंका में प्रवेश करते ही रावण के पुत्र से भेंट हो गई, जो वहाँ खेल रहा था। बातों ही बातों में दोनों में झगड़ा बढ़ गया दोनों ही अतुलनीय बलवान्‌ थे और फिर दोनों की युवावस्था थी। उसने अंगद पर लात उठाई। अंगद ने वही पैर पकड़कर उसे घुमाकर जमीन पर दे पटका मार गिराया।

    रावण पुत्र की मृत्यु जानकर और राक्षसों को भय के मारे भागते देखकर नगरभर में कोलाहल मच गया कि जिसने लंका जलाई थी, वही वानर फिर आ गया है। सब अत्यंत भयभीत होकर विचार करने लगे कि विधाता अब न जाने क्या करेगा। वे बिना पूछे ही अंगद को रावण के दरबार की राह बता देते हैं।

    श्री रामजी के चरणकमलों का स्मरण करके अंगद रावण की सभा के द्वार पर गए। रावण को सूचित किया गया।

    रावण हँसकर बोला- बुला लाओ, देखें कहाँ का बंदर है। आज्ञा पाकर बहुत से दूत दौड़े और वानरों में हाथी के समान अंगद को बुला लाए।

    अंगद ने रावण को ऐसे बैठे हुए देखा, जैसे कोई प्राणयुक्त सजीव काजल का पहाड़ हो! अत्यंत बलवान्‌ बाँके वीर बालिपुत्र अंगद सभा में गए, वे मन में जरा भी नहीं झिझके। अंगद को देखते ही सब सभासद् उठ खड़े हुए। यह देखकर रावण के हृदय में बड़ा क्रोध हुआ।

    अंगद रावण मुलाकात

    रावण ने कहा– अरे बंदर! तू कौन है? अंगद ने कहा- हे दशग्रीव! मैं श्री रघुवीर का दूत हूँ। मेरे पिता से और तुमसे मित्रता थी, इसलिए हे भाई! मैं तुम्हारी भलाई के लिए ही आया हूँ।

    राजमद से या मोहवश तुम जगज्जननी सीताजी को हर लाए हो। सीता जी को लौटा दो। प्रभु श्री रामजी तुम्हारे सब अपराध क्षमा कर देंगे। तुम रामजी के शरणागत हो जाओ।

    रावण ने कहा- अरे बंदर के बच्चे! सँभालकर बोल! मूर्ख! मुझ देवताओं के शत्रु को तूने जाना नहीं? अरे भाई! अपना और अपने बाप का नाम तो बता। किस नाते से मित्रता मानता है?

    अंगद ने कहा- मेरा नाम अंगद है, मैं बालि का पुत्र हूँ। उनसे कभी तुम्हारी भेंट हुई थी? अंगद का वचन सुनते ही रावण कुछ सकुचा गया और बोला- हाँ, मैं जान गया मुझे याद आ गया, बालि नाम का एक बंदर था।

    अरे अंगद! तू ही बालि का लड़का है? गर्भ में ही क्यों न नष्ट हो गया तू? व्यर्थ ही पैदा हुआ जो अपने ही मुँह से तपस्वियों का दूत कहलाया!

    अब बालि की बता, वह आजकल कहाँ है? तब अंगद ने हँसकर कहा- दस कुछ दिन बीतने पर स्वयं ही बालि के पास जाकर, अपने मित्र को हृदय से लगाकर, उसी से कुशल पूछ लेना।

    वानर अंगद की कठोर वाणी सुनकर रावण आँखें तरेरकर तिरछी करके बोला- अरे दुष्ट! मैं तेरे सब कठोर वचन इसीलिए सह रहा हूँ कि मैं नीति और धर्म को जानता हूँ उन्हीं की रक्षा कर रहा हूँ

    अंगद ने कहा- तुम्हारी धर्मशीलता मैंने भी सुनी है। वह यह कि तुमने पराई स्त्री की चोरी की है! और दूत की रक्षा की बात तो अपनी आँखों से देख ली। ऐसे धर्म के व्रत को धारण पालन करने वाले तुम डूबकर मर नहीं जाते! अपनी बहन शूर्पणखा को भूल गए जिसके नाक कान काटे गए थे।

    रावण ने कहा- अरे जड़ जन्तु वानर! व्यर्थ बक-बक न कर, अरे मूर्ख! मेरी भुजाएँ तो देख। अरे अंगद! सुन, तेरी सेना में बता, ऐसा कौन योद्धा है, जो मुझसे भिड़ सकेगा। तेरा मालिक तो स्त्री के वियोग में बलहीन हो रहा है और उसका छोटा भाई उसी के दुःख से दुःखी और उदास है। और सुग्रीव, दोनों नदी तट के वृक्ष हो रहा मेरा छोटा भाई विभीषण, सो वह भी बड़ा डरपोक है। मंत्री जाम्बवान्‌ बहुत बूढ़ा है। वह अब लड़ाई में क्या चढ़ उद्यत हो सकता है? नल-नील तो शिल्प-कर्म जानते हैं वे लड़ना क्या जानें?। हाँ, एक वानर जरूर महान्‌ बलवान्‌ है, जो पहले आया था और जिसने लंका जलाई थी।

    यह वचन सुनते ही बालि पुत्र अंगद ने कहा- हे राक्षसराज! सच्ची बात कहो! क्या उस वानर ने सचमुच तुम्हारा नगर जला दिया? प्रीति और वैर बराबरी वाले से ही करना चाहिए, नीति ऐसी ही है। सिंह यदि मेंढकों को मारे, तो क्या उसे कोई भला कहेगा? यद्यपि तुम्हें मारने में श्री रामजी की लघुता है और बड़ा दोष भी है तथापि हे रावण! सुनो, क्षत्रिय जाति का क्रोध बड़ा कठिन होता है।

    वक्रोक्ति रूपी धनुष से वचन रूपी बाण मारकर अंगद ने शत्रु का हृदय जला दिया।

    तब रावण हँसकर बोला- बंदर में यह एक बड़ा गुण है कि जो उसे पालता है, उसका वह अनेकों उपायों से भला करने की चेष्टा करता है। हे अंगद! तेरी जाति स्वामिभक्त है फिर भला तू अपने मालिक के गुण इस प्रकार कैसे न बखानेगा?

    अंगद कहते हैं – मैंने प्रत्यक्ष देख लिया कि तुम्हें न लज्जा है, न क्रोध है और न चिढ़ है।

    रावण बोला- अरे वानर! जब तेरी ऐसी बुद्धि है, तभी तो तू बाप को खा गया।

    अंगद ने कहा- पिता को खाकर फिर तुमको भी खा डालता, परन्तु अभी तुरंत कुछ और ही बात मेरी समझ में आ गई! अरे नीच अभिमानी! बालि के निर्मल यश का पात्र कारण जानकर तुम्हें मैं नहीं मारता। मैंने सुना है बहुत दिनों तक रावण बालि की काँख में रहा था। श्री रामजी से वैर करने पर तेरा ऐसा हाल होगा कि तेरे सिर समूह श्री रामजी के बाण लगते ही वानरों के आगे पृथ्वी पर पड़ेंगे,और रीछ-वानर तेरे उन गेंद के समान अनेकों सिरों से चौगान खेलेंगे।

    रावण बोला- अरे मूर्ख! कुंभकर्ण- ऐसा मेरा भाई है, इन्द्र का शत्रु सुप्रसिद्ध मेघनाद मेरा पुत्र है! और मेरा पराक्रम तो तूने सुना ही नहीं कि मैंने संपूर्ण जड़-चेतन जगत्‌ को जीत लिया है!

    यदि तेरा मालिक, जिसकी गुणगाथा तू बार-बार कह रहा है, संग्राम में लड़ने वाला योद्धा है- तो फिर वह दूत किसलिए भेजता है? शत्रु से प्रीति सन्धि करते उसे लाज नहीं आती? पहले कैलास का मथन करने वाली मेरी भुजाओं को देख। फिर अरे मूर्ख वानर! अपने मालिक की सराहना करना।

    अंगद ने कहा- अरे रावण! तेरे समान लज्जावान्‌ जगत्‌ में कोई नहीं है।सिर काटने और कैलास उठाने की कथा चित्त में चढ़ी हुई थी, इससे तूने उसे बीसों बार कहा। अरे मंद बुद्धि! सुन, अब बस कर। सिर काटने से भी क्या कोई शूरवीर हो जाता है? अरे दुष्ट! अब बतबढ़ाव मत कर, मेरा वचन सुन और अभिमान त्याग दे! हे दशमुख! मैं दूत की तरह सन्धि करने नहीं आया हूँ। श्री रघुवीर ने ऐसा विचार कर मुझे भेजा है- कृपालु श्री रामजी बार-बार ऐसा कहते हैं कि स्यार के मारने से सिंह को यश नहीं मिलता।

    अरे मूर्ख! प्रभु के उन वचनों को मन में समझकर याद करके ही मैंने तेरे कठोर वचन सहे हैं। नहीं तो तेरे मुँह तोड़कर मैं सीताजी को जबरदस्ती ले जाता। अरे अधम! देवताओं के शत्रु! तेरा बल तो मैंने तभी जान लिया, जब तू सूने में पराई स्त्री को हर चुरा लाया। तू राक्षसों का राजा और बड़ा अभिमानी है, परन्तु मैं तो श्री रघुनाथजी के सेवक सुग्रीव का दूत सेवक का भी सेवक हूँ।

    यदि मैं श्री रामजी के अपमान से न डरूँ तो तेरे देखते-देखते ऐसा तमाशा करूँ कि- तुझे जमीन पर पटककर, तेरी सेना का संहार कर और तेरे गाँव को चौपट नष्ट-भ्रष्ट करके, अरे मूर्ख! तेरी युवती स्त्रियों सहित जानकीजी को ले जाऊँ। यदि ऐसा करूँ, तो भी इसमें कोई बड़ाई नहीं है। मरे हुए को मारने में कुछ भी पुरुषत्व बहादुरी नहीं है।

    अरे दुष्ट! ऐसा विचार कर मैं तुझे नहीं मारता। अब तू मुझमें क्रोध न पैदा कर मुझे गुस्सा न दिला। अंगद के वचन सुनकर राक्षस राज रावण दाँतों से होठ काटकर, क्रोधित होकर हाथ मलता हुआ बोला- अरे नीच बंदर! अब तू मरना ही चाहता है! जिनके बल का तुझे गर्व है, ऐसे अनेकों मनुष्यों को तो राक्षस रात-दिन खाया करते हैं।

    जब उसने श्री रामजी की निंदा की, तब तो कपिश्रेष्ठ अंगद अत्यंत क्रोधित हुए, वानर श्रेष्ठ अंगद बहुत जोर से कटकटाए शब्द किया और उन्होंने जोर से अपने दोनों हाथों को पृथ्वी पर दे मारा। पृथ्वी हिलने लगी, जिससे बैठे हुए सभासद् गिर पड़े और भय रूपी पवन भूत से ग्रस्त होकर भाग चले।

    रावण गिरते-गिरते सँभलकर उठा। उसके अत्यंत सुंदर मुकुट पृथ्वी पर गिर पड़े। कुछ तो उसने उठाकर अपने सिरों पर सुधाकर रख लिए और कुछ अंगद ने उठाकर प्रभु श्री रामचंद्रजी के पास फेंक दिए।

    क्रोधयुक्त रावण सबसे क्रोधित होकर कहने लगा कि- बंदर को पकड़ लो और पकड़कर मार डालो। रावण फिर बोला- इसे मारकर सब योद्धा तुरंत दौड़ो और जहाँ कहीं रीछ-वानरों को पाओ, वहीं खा डालो। और राम-लक्ष्मण को जीवित पकड़कर मेरे सामने लाओ।

    युवराज अंगद क्रोधित होकर बोले- मैं तेरे दाँत तोड़ने में समर्थ हूँ। पर क्या करूँ? श्री रघुनाथजी ने मुझे आज्ञा नहीं दी। ऐसा क्रोध आता है कि तेरे दसों मुँह तोड़ डालूँ और तेरी लंका को पकड़कर समुद्र में डुबो दूँ।

    अंगद की युक्ति सुनकर रावण मुस्कुराया और बोला- अरे मूर्ख! बहुत झूठ बोलना तूने कहाँ से सीखा? बालि ने तो कभी ऐसा गाल नहीं मारा। जान पड़ता है तू तपस्वियों से मिलकर लबार हो गया है।

    श्री रामचंद्रजी के प्रताप को समझकर स्मरण करके अंगद क्रोधित हो उठे और उन्होंने रावण की सभा में प्रण करके दृढ़ता के साथ पैर जमा दिया। और कहा- अरे मूर्ख! यदि तू मेरा चरण हटा सके तो श्री रामजी लौट जाएँगे, मैं सीताजी को हार गया।

    रावण ने कहा- हे सब वीरो! सुनो, पैर पकड़कर बंदर को पृथ्वी पर पछाड़ दो। इंद्रजीत मेघनाद आदि अनेकों बलवान्‌ योद्धा जहाँ-तहाँ से हर्षित होकर उठे। वे पूरे बल से बहुत से उपाय करके झपटते हैं। पर पैर हिलता तक नहीं, तब सिर नीचा करके फिर अपने-अपने स्थान पर जा बैठ जाते हैं। यह देखकर शत्रु रावण का मद दूर हो गया!

    अंगद का बल देखकर सब हृदय में हार गए। तब अंगद के ललकारने पर रावण स्वयं उठा । जब वह अंगद का चरण पकड़ने लगा, तब बालि कुमार अंगद ने कहा- मेरा चरण पकड़ने से तेरा बचाव नहीं होगा!

    अरे मूर्ख- तू जाकर श्री रामजी के चरण क्यों नहीं पकड़ता? यह सुनकर वह मन में बहुत ही सकुचाकर लौट गया। वह सिर नीचा करके सिंहासन पर जा बैठा। मानो सारी सम्पत्ति गँवाकर बैठा हो। श्री राम जी से विमुख रहने वाला शांति कैसे पा सकता है?

    फिर अंगद ने अनेकों प्रकार से नीति कही। पर रावण नहीं माना, क्योंकि उसका काल निकट आ गया था।

    शत्रु के बल का मर्दन कर, बल की राशि बालि पुत्र अंगदजी ने हर्षित होकर आकर श्री रामचंद्रजी के चरणकमल पकड़ लिए। और सब कह सुनाया।

  • कैसा रहेगा आज आपका दिन,पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल

    कैसा रहेगा आज आपका दिन,पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल

    राशिफल (29-05-2025)

    मेष
    29-05-2025

    ♈ मेष :

    आप नियमों का पालन करने के लिए बाध्य है। इसके कारण परियोजनाओं में देरी हो सकती है। आपके कुछ वरिष्ठ खुले तौर पर अनैतिक हो सकते हैं और आपकी संभावनाओं को अवरुद्ध करने का प्रयास कर सकते हैं। प्रत्यक्ष टकराव के बजाय, आप कूटनीति और चतुराई का प्रयोग कर चीजों को नियंत्रित करने का प्रयास करें। आर्थिक रूप से चीजें स्थिर रहेंगी। आपका पारिवारिक-जीवन सुचारू बना रहेगा, बशर्ते आप अपने शांति और धैर्य को बनाए रखें। आप में से कुछ की माता जी की सेहत-स्थिति बिगड़ सकती है। इससे आप चिंतित हो सकते हैं। आपको उनकी उचित देखभाल करने की आवश्यकता है।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या : 5

    भाग्यशाली रंग : नीला रंग

    वृष
    29-05-2025

    ♉वृषभ :

    आज ऑफिस में कुछ खास बदलाव होने के योग बन रहे हैं। इसका असर आपकी दिनचर्या पर भी पड़ सकता है। हालांकि आप जो भी काम करेंगे, उससे आपको कुछ कुछ फायदा जरूर मिलेगा। कारोबार में आपको आगे बढ़ने के मौके भी मिलेंगे। दोस्तों के साथ घूमने-फिरने के लिए दिन अच्छा है। आज आप कोई ऐसी नई बात सीख सकते हैं, जो आने वाले दिनों में आपको बड़ा लाभ दिलायेगी। बच्चे अपने काम समय पर करने की कोशिश करेंगे, तो उनके साथ सब अच्छा होगा। मां दुर्गा के मंदिर में घी का दीपक जलाएं, लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 6

    भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

    मिथुन
    29-05-2025

    ♊ मिथुन :

    व्यावसायिक और आर्थिक सन्दर्भ में आज आप कुछ निराशा का अनुभव कर सकते हैं। आपके दुश्मन आपके लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं। आपकी आय कम हो सकती है और आपके निवेश ठहराव के चरण में जा सकते हैं। इस अवधि के दौरान व्यवसाय के संबंध में यात्रा उचित फल नहीं देगी। आपको शीघ्र पैसा कमाने की योजनाओं में निवेश करने से बचना चाहिए। दोस्त मददगार नही रहेंगे, इसलिए आपको कमिटमेंट करने से पहले दो बार सोचना श्रेयकर रहेगा। आपकी संतान का स्वास्थ्य चिंता का विषय हो सकता है। चिकित्सा और अन्य व्यर्थ व्यय आपकी बचत को क्षीण कर सकते हैं।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या : 2

    भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

    कर्क
    29-05-2025

    ♋ कर्क :

    आज आप अपने व्यवहार को निखारने की कोशिश करेंगे। भावनात्मक तौर पर कुछ खालीपन महसूस हो सकता है। आज कुछ मामलों में आप जिद्दी भी हो सकते हैं। इससे आपको ही नुकसान हो सकता है। आज आपको धन की कमी महसूस हो सकती है। आपको कोई नया काम करने से बचना चाहिए। रोजमर्रा के कामों को पूरा करने में मेहनत और भागदौड़ ज्यादा करनी पड़ सकती है, लेकिन इससे आप ही को फायदा होगा। छोटे बच्चे को कुछ गिफ्ट करें, आपकी सभी परेशानियों का अंत होगा।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 4

    भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

    सिंह
    29-05-2025

    ♌ सिंह :

    यद्यपि आपकी माँ की स्वास्थ्य-स्थिति आपको चिंतित बनाए रखेगी। बच्चों का स्वास्थ्य भी चिंताजनक हो सकता है, किन्तु भौतिक एवं आर्थिक समृद्धि के लिए आज का दिन लाभदायक है। आपको विभिन्न स्रोतों से लाभ होगा। आपके कुछ शत्रु मित्र के रूप में भेष बदलकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। अत: सावधान रहें। पारिवारिक सन्दर्भ में आपको पूर्ण सहयोग मिलेगा और सामाजिक रूप से आप अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं। आपके पास नए अधिग्रहण हो सकते हैं, जिससे आपको प्रसन्नता होगी।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या: 1

    भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

    कन्या
    29-05-2025

    ♍ कन्या :

    आज किसी व्यक्ति से आपको उम्मीद से अधिक फायदा होगा। आपके कुछ जरूरी काम पूरे होंगे। आपका कोई उलझा हुआ मामला आज सुलझ जायेगा। आपको कामकाज से संबंधित अच्छे आईडिया मिलेंगे। घर के किसी काम को पूरा करने में बड़े-बुजुर्ग की राय आपके लिए कारगर साबित होगी। थोड़ी मेहनत से बड़े धन लाभ का योग है। नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को आज किसी बड़ी कंपनी में जॉब मिलेगी। ब्राह्मण के पैर छूकर आशीर्वाद लें, जीवन में दूसरे लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 9

    भाग्यशाली रंग : पीला रंग

    तुला
    29-05-2025

    ♎ तुला :

    इस अवधि के दौरान आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप नाम और शोहरत हासिल करेंगे। आपके विरोधी निष्क्रिय रहेंगे और आपको महत्पूर्ण अधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिलेगा। आपको अपने सभी प्रयासों में सफलता मिलेगी और आपकी कुछ महत्वाकांक्षाएं पूरी होंगी। जीवनसाथी के साथ संबंध सुखद रहेंगे। किन्तु आपके रिश्तेदारों के साथ आपका मतभेद हो सकता है। बच्चों का स्वास्थ्य कुछ नरम-गरम रह सकता है। आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए अपना अधिक ध्यान रखिए।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या : 3

    भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

    वृश्चिक
    29-05-2025

    ♏ वृश्चिक :

    आज आप अपने खर्चे पर कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे। केमिकल इंजीनियर्स के लिए दिन शानदार रहने वाला है। आपको लोगों का सपोर्ट मिलेगा। आने वाले समय में आपकी महत्वकांक्षाएं और बढ़ने की संभावना है। आज हर कोई आपकी बातों से प्रभावित दिखेगा। आपको जल्द ही कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। आप धार्मिक कार्यों में रूचि लेंगे। सेहत बेहतर बनी रहेगी। चिड़ियों को दाना खिलाएं, आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 9

    भाग्यशाली रंग : हरा रंग

    धनु
    29-05-2025

    ♑ धनु :

    व्यावसायिक संदर्भ में आज लाभकारी विकास संभव है, जो भविष्य में आपको अच्छे परिणाम देगा। आप में से कुछ को अपनी पसंद की जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है। छात्र अपना ध्यान उचित प्रयासों में लगाएं। आर्थिक रूप से आप समृद्ध रहेंगे और नवीन सौदों से भी लाभ होगा। आपको परिवार और दोस्तों से अच्छा सहयोग मिलेगा। ऐसे मजबूत संकेत हैं कि अविवाहितों के लिए शादी की घंटी जल्द ही बज जाएगी। आप किसी पवित्र स्थान की यात्रा भी कर सकते हैं।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या : 5

    भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

    मकर
    29-05-2025

    ♑ मकर :

    आज आप ज्यादा समय परिवार वालों के साथ व्यतीत करेंगे। आपके लिए कोई फैसला करना कठिन हो सकता है। साथ ही आपका पैसा कहीं रुक भी सकता है। जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने का प्लान बनायेंगे, जिससे आपके रिश्ते मजबूत होंगे। ऑफिस में काम ज्यादा होने की संभावना है, लेकिन काम बिना किसी रूकावट के पूरा होगा। आज आपको उन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है, जो आपको गलत राह पर ले जाने की सोचते हैं। आज अपने पिता के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखें। उन्हें कोई पुराना रोग परेशान कर सकता है। गाय को रोटी खिलाएं, आपकी सभी परेशानियाँ दूर होगी।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या: 1

    भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

    कुंभ
    29-05-2025

    ♒ कुंभ :

    व्यावसायिक जीवन में सफलता आपके लिए पहले से अधिक सहजता के साथ आएगी। छात्र किसी दिलचस्प परियोजना में शामिल हो सकते हैं। व्यापार में तेजी आएगी और नए रास्ते खुलेंगे। साझेदारी भी फायदेमंद रहेगी। छोटे व्यवसायी विरोधाभासी रूप से बड़े लोगों की तुलना में अधिक लाभ लाएंगे। कड़ी मेहनत से आपको अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो सकती है। समाज से जुड़ कर कार्य करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या : 3

    भाग्यशाली रंग : लाल रंग

    मीन
    29-05-2025

    ♓ मीन :

    आज आप ऑफिस में बेहतर काम करने की कोशिश करेंगे। मेहनत से आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी। आज आपको किसी समारोह में शामिल होने का मौका मिल सकता है। आप बच्चों के साथ उनके किसी दोस्त के घर जा सकते हैं। किसी विदेशी कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए दिन शुभ है। आपकी सफलता सुनिश्चित होगी। घर के किसी जरूरी काम का निपटारा आज आसानी से होगा। आप अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभायेंगे। गायत्री मंत्र का जप करें, आपको काम में सफलता जरूर मिलेगी।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 7

    ।भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

  • मां चंडी की पूजा के साथ शुरु हुआ चंडी मेला

    मां चंडी की पूजा के साथ शुरु हुआ चंडी मेला

    चंडी
    पवन कुमार सिंघ
    उप तहसील कृष्णगढ़ की ग्राम पंचायत चंडी में मां चंडी देवी दो दीवसिय मेले का शुभारम्भ सुबह 10 बजे डोल नगाड़ों के साथ शुरू हुआ। मेले का शुभारम्भ दून विधायक राम कुमार चौधरी ने किया। विधायक राम कुमार चोधरी का मेला कमेटी और लोगो ने फूल मालायो के साथ जोरदार स्वागत किया। सबसे पहले मां चंडी देवी की पूजा अर्चना हवन किया गया। उसके बाद मा चंडी देवी और गुरु महाराज को झंडा चडाया गया उसके बाद मुख्य अथिति मेला ग्राउंड में स्कूली बचो के कार्यक्रम को शुरू करने को मंच पर गए और मा सरस्वती की पूजा के साथ स्कूली बचो के कार्यक्रम को शुरू किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अध्यक्ष दलीप कुमार ने बताया कि इस बार मेले 15 स्कूल के लगभग 200 बचे भाग ले रहे है और सभी स्कूलों के बच्चो ने एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियां दी । दर्शक भी नाचने के लिए मजुबर हो गए। अध्यक्ष ने बताया कि सभी बचो को इनाम देकर भी सम्मानित किया या। खेल कूद प्रतियोगिता के अध्यक्ष हिमांशु ने बताया कि जूनियर कबड्डी में इस बार 12 टीमें और बोलीबाल में 10 टीमें भाग ले रही है। खेल कूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ विधायक राम कुमार चोधरी ने किया उनके साथ जिला परिषद के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, एस डी एम कसौली महेंद्र प्रताप सिंह, नायाब कुठार सूरत सिंह वीडियो पट्टा कुलदीप, मुख्य अभियंता जल शक्ति विभाग राहुल, प्रधान चंडी बलवंत ठाकुर, प्यारे लाल रत्तन, धरीज, संजय, बहलग के प्रधान सतीश, घरशी के सुरेंद्र, दाडवा से रमेश और बुघार कनेता की प्रधान हेमा कुमारी, बीड़ीसी सदस्य अमर लाल, गुलाब सिंह, और मेला कमेटी के सदस्य भी उपस्थित रहे। उसके बाद सभी ने लगर खाकर लंगर कमर्टी का आभार प्रगट किया जिन्होंने इतना बडीया लंगर चलाकर लोगो को खाना खिला रहे है। कल के कार्यक्रमों में सीनियर कबड्डी, बॉलीबॉल, कुश्ती और रात्री में रंगारंग कार्यक्रम होगा। कल सांय 5 बजे मेले के समापन पर मंत्री राजेश धर्माणी भी उपस्थित होंगे।
    छोटी माली के लिए कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारम्भ साय4 बजे हुवा। जिसमें मुख्य अथिति रमेश ठाकुर अध्यक्ष जिला परिषद सोलन थे। मेला कमेटी के सदस्यों ने फूल मलायो के साथ अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया। माता चंडी देवी के प्रांगण से कुश्ती के अखाड़े तक डोल नगाड़ों के साथ अध्यक्ष को मेला कमेटी के सदस्य लेकर गए। अध्यक्ष ने रीबन काटकर कुश्ती का शुभारम्भ कराया। दंगल प्रतियोगिता के अध्यक्ष लक्ष्मण ठाकुर ने बताया कि लोगो और मेला कमेटी के सदस्यों के सहयोग से दंगल प्रतियोगिता बहुत ही सराहनीय रही। खबर लिखे जाने तक कबड्डी, बॉलीबॉल, और दंगल प्रतियोगिता चली हुई थी। आज रात्रि में मा का जागरण सांय 8 बजे से शुरू किया जाएगा। अध्यक्ष के साथ ग्राम पंचायत चंडी के प्रधान बलवंत ठाकुर, मंदिर समिति के अध्यक्ष चंद्र मोहन, रमेश, अमरचंद, राम प्रकाश, हरिदास, जय विंद्र , और सभी मेला कमेटी के सदस्य भी उपस्थित रहे।

  • नागरिक चिकित्सालय अर्की में मनाया गया विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

    नागरिक चिकित्सालय अर्की में मनाया गया विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

    अर्की

    नागरिक चिकित्सालय अर्की में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दूनी चन्द के नेतृत्व में मनाया गया! हर वर्ष विश्व में उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई को मनाया जाता है! इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई 2025 से 16 जून 2025 तक पूरे महीने मनाया जा रहा है! इस कार्यक्रम में काउंसलर डॉ विजय कुमार शांडिल ने ब्लड प्रेशर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि रक्तचाप वह बल होता है जो रक्त हृदय से निकलकर धमनियों की दीवारों पर डालता है! सामान्य व्यस्क व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लगभग 120/80 mmHg होना चाहिए यदि यह स्तर लंबे समय तक 140/90 mmHg या उससे अधिक रहता है तो उसे उच्च रक्तचाप (Hypertension ) माना जाता है! डॉ शांडील ने कहा कि भारत में हर तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से प्रभावित है लेकिन उनमें से बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी होती है यह बीमारी धीमे-धीमे हृदय, मस्तिष्क, किडनी,और आंखों को क्षति पहुंचा सकते हैं इसलिए समय रहते इसकी पहचान और रोकथाम आवश्यक है!
    इस अवसर पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सत्य शर्मा,भूषण वर्मा तथा लीला दत्त गर्ग भी उपस्थित रहे दोनों अधिकारियों ने आशा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी है और उनके माध्यम से ही समुदाय के अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकती हैं!
    उन्होंने आशा वर्करों को ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्षण जैसे लगातार सिर दर्द,चक्कर आना, थकान, सीने में दर्द,धुंधली दृष्टि, और नाक से खून आना की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया ताकि वह जरूरतमंद लोगों को समय पर अस्पताल भेज सकें! इस कार्यक्रम में 27 आशा कार्यक्रतों ने भाग लिया!

  • एस वी एन में स्कूल कमेटी के अलंकरण व कार्यभार ग्रहण समारोह आयोजित।छात्र नेताओं को सौंपा गया दायित्व

    एस वी एन में स्कूल कमेटी के अलंकरण व कार्यभार ग्रहण समारोह आयोजित।छात्र नेताओं को सौंपा गया दायित्व

    कुनिहार
    द एस वी एन स्कूल में आज स्कूल कमेटी का गरिमामय अलंकरण व कार्यभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें नव-निर्वाचित छात्र परिषद के सदस्यों को पद व जिम्मेदारियों की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में स्कूल चेयरमैन टी सी गर्ग ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इनके अतिरिक्त स्कूल निदेशक लूपिन गर्ग , पुष्पा गर्ग, सोना गर्ग व पी टी ए अध्यक्ष मदन कपूर भी शामिल थे।

    समारोह की शुरुआत वन्दे मातरम के साथ हुई। सबसे पहले चारो सदनो ने मारच पास्ट करते हुए अपने परिचय के साथ सलामी दी। उसके बाद मुख्य अतिथि टी सी गर्ग द्वारा सेशे व बेजीज़ पहनाकर स्कूल कमेटी को सम्मानित किया गया । फिर विद्यालय की प्रधानाचार्या सिम्मी ने सभी चयनित छात्रों को ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा से अपना दायित्व निभाने की शपथ दिलाई। गौरतलब रहे कि 17 मई 2025 को विद्यालय में चुनाव द्वारा पूरी स्कूल कमेटी को चयनित किया गया था, जिसमे कक्षा 4 से कक्षा 12वी तक के विद्यार्थियों ने मतदान किया था।
    जिसमे हेड बॉय के रूप में अतुल, हेड गर्ल- हर्षिता, स्पोर्ट्स कैप्टन- प्रबल जोशी, कल्चरल सेक्रेटरी – शेली , हेल्थ व हाइजीन – शौर्य, डिसिप्लिन इंचार्ज- तनिष्क अरोड़ा , उदय सदन के केप्टन सूर्यांश, वाइस कैप्टन अन्वी ठाकुर , उमंग सदन के केप्टन अदम्य, वाइस कैप्टन निकिता , उड़ान सदन के मुस्कान, वाइस कैप्टन ईशांत व उज्जवल सदन के केप्टन रोहिणी व वाइस कैप्टन नितिका चयनित हुए। समरोह के अन्त मे मुख्य अतिथि टी सी गर्ग ने सभी चयनित छात्र नेताओं को शुभ कामनाए दी और पूरे सत्र में पूर्ण निष्ठा ,उत्साह व आत्मविश्वास के साथ अपने-अपने पद के कर्तव्य का वहन करने का आह्वाहन किया।

  • रामजी का लंका प्रवेश व रावण और प्रहस्त संवाद

    रामजी का लंका प्रवेश व रावण और प्रहस्त संवाद

    संक्षिप्त रामायण

    रामजी का लंका प्रवेश

    प्रभु ने समुद्र के पार डेरा डाला और सब वानरों को आज्ञा दी कि तुम जाकर सुंदर फल-मूल खाओ। वानरों को घूमते-घूमते जहाँ कहीं किसी राक्षस को पा जाते हैं तो सब उसे घेरकर खूब नाच नचाते हैं और दाँतों से उसके नाक-कान काटकर, प्रभु का सुयश कहकर अथवा कहलाकर तब उसे जाने देते हैं।

    जिन राक्षसों के नाक और कान काट डाले गए, उन्होंने रावण से सब समाचार कहा। समुद्र पर सेतु का बाँधा जाना कानों से सुनते ही रावण घबराया। जब मंदोदरी ने सुना कि प्रभु श्री रामजी आ गए हैं और उन्होंने खेल में ही समुद्र को बँधवा लिया है, तब वह हाथ पकड़कर, पति को अपने महल में लाकर परम मनोहर वाणी बोली।

    हे प्रियतम! क्रोध त्याग कर मेरा वचन सुनिए। हे नाथ! वैर उसी के साथ करना चाहिए, जिससे बुद्धि और बल के द्वारा जीत सकें। आप में और श्री रघुनाथजी में निश्चय ही कैसा अंतर है, जैसा जुगनू और सूर्य में! नाथ!

    उनका विरोध न कीजिए, जिनके हाथ में काल, कर्म और जीव सभी हैं। श्री रामजी) के चरण कमलों में सिर नवाकर उनकी शरण में जाकर उनको जानकीजी सौंप दीजिए और आप पुत्र को राज्य देकर वन में जाकर श्री रघुनाथजी का भजन कीजिए।

    तब रावण ने मंदोदरी को उठाया और वह दुष्ट उससे अपनी प्रभुता कहने लगा- हे प्रिये! सुन, तूने व्यर्थ ही भय मान रखा है। बता तो जगत्‌ में मेरे समान योद्धा है कौन? वरुण, कुबेर, पवन, यमराज आदि सभी दिक्पालों को तथा काल को भी मैंने अपनी भुजाओं के बल से जीत रखा है। देवता, दानव और मनुष्य सभी मेरे वश में हैं। फिर तुझको यह भय किस कारण उत्पन्न हो गया?

    मंदोदरी ने उसे बहुत तरह से समझाकर कहा किन्तु रावण ने उसकी एक भी बात न सुनी और वह फिर सभा में जाकर बैठ गया। मंदोदरी ने हृदय में ऐसा जान लिया कि काल के वश होने से पति को अभिमान हो गया है।

    रावण और प्रहस्त संवाद

    रावण का पुत्र प्रहस्त हाथ जोड़कर रावण से कहने लगा- हे प्रभु! नीति के विरुद्ध कुछ भी नहीं करना चाहिए, मन्त्रियों में बहुत ही थोड़ी बुद्धि है। एक ही बंदर हनुमानजी समुद्र लाँघकर आया था। उसके बारे में हम सभी जानते हैं। हे तात! मेरे वचनों को बहुत आदर से बड़े गौर से सुनिए। मुझे मन में कायर न समझ लीजिएगा। आप सीता जी को लौटा दीजिये व्यर्थ झगड़ा न बढ़ाइये। हे प्रभो! यदि आप मेरी यह सम्मति मानेंगे, तो जगत्‌ में दोनों ही प्रकार से आपका सुयश होगा।

    रावण ने गुस्से में भरकर पुत्र से कहा- अरे मूर्ख! तुझे ऐसी बुद्धि किसने सिखायी? तू मेरे वंश के अनुकूल या अनुरूप नहीं हुआ। पिता की अत्यन्त घोर और कठोर वाणी सुनकर प्रहस्त ये कड़े वचन कहता हुआ घर को चला गया। और रावण भोग विलास नाच-गाने में डूब गया।

    इधर भगवान राम रात्रि की शोभा का अवलोकन कर रहे हैं। राम जी दक्षिण दिशा की और देख कर कहते हैं- हे विभीषण! दक्षिण दिशा की ओर देखो, बादल कैसा घुमड़ रहा है और बिजली चमक रही है।

    विभीषण बोले- हे कृपालु! सुनिए, यह न तो बिजली है, न बादलों की घटा। लंका की चोटी पर एक महल है। दशग्रीव रावण वहाँ नाच-गान का अखाड़ा देख रहा है।

    रावण ने सिर पर मेघडंबर बादलों के डंबर जैसा विशाल और काला छत्र धारण कर रखा है। वही मानो बादलों की काली घटा है। मंदोदरी के कानों में जो कर्णफूल हिल रहे हैं, हे प्रभो! वही मानो बिजली चमक रही है।

    रावण का अभिमान समझकर प्रभु मुस्कुराए। उन्होंने धनुष चढ़ाकर उस पर बाण का सन्धान किया। और एक ही बाण से रावण के छत्र-मुकुट और मंदोदरी के कर्णफूल काट गिराए। सबके देखते-देखते वे जमीन पर आ पड़े, पर इसका भेद कारण किसी ने नहीं जाना।

    ऐसा चमत्कार करके श्री रामजी का बाण वापस आकर फिर तरकस में जा घुसा। यह महान्‌ रस भंग रंग में भंग देखकर रावण की सारी सभा भयभीत हो गई।

    ये सब देखकर मंदोदरी ने एक बार फिर रावण को समझाया है और राम महिमा बताई है। लेकिन घमंडी रावण का काल उसे अपनी ओर खिंच रहा हैं।

  • कैसा रहेगा आज आपका दिन,पढ़ें अपना सम्पूर्ण राशिफ़ल

    कैसा रहेगा आज आपका दिन,पढ़ें अपना सम्पूर्ण राशिफ़ल

    राशिफल (भार्गव)

    मेष
    28-05-2025

    ♈ मेष :

    आय अच्छी रहेगी,लेकिन बेकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाना श्रेयकर रहेगा। आपको अपने करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भावनाओं को अपने निर्णयों को निर्धारित न करने दें, निष्पक्षता बनाएं रखे। व्यावसायिक एवं आर्थिक संदर्भ में यात्रा आपको नवीन अवसर प्रदान कर सकती है। आज आप किसी पुराने परिचित से अचानक ही मिल सकते हैं। परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने से कायाकल्प होगा।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या: 3

    भाग्यशाली रंग: हल्का नीला

    वृष
    28-05-2025

    ♉वृषभ :

    आज दाम्पत्य संबंध मधुर होंगे। रोजमर्रा के कामों से आपको फायदा होगा। आज आप कारोबार में पैसा लगाने के बारे में सोच सकते हैं। आज आपको नये काम करने के मौके मिलेंगे, जिनमें आप सफल होंगे। आज आप दूसरों की मदद के लिये तैयार रहेंगे। परिवार में लाभ की स्थिति बनेगी। किसी रचनात्मक काम से आपको फायदा होगा। आपका कुछ समय मौज-मस्ती में बीतेगा। आज घर में किसी शुभ प्रसंग का आयोजन भी हो सकता है। आपकी कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी। ब्राह्मण के पैर छूकर आशीर्वाद लें, आपको धन लाभ होगा।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या: 9

    भाग्यशाली रंग: पीला रंग

    मिथुन
    28-05-2025

    ♊ मिथुन :

    आज आप भावुकता में गलत फैसले लेने से बचें। आज आपका अनुभवी लोगों की बातों पर ध्यान देने का अनुकूल समय है। पुराने कामों से फायदा मिलना शुरू होगा। आपके बच्चे आपको अपना आदर्श मानेंगे। पिता की सेहत में सुधार दिखेगा जिससे आप तनावमुक्त महसूस करेंगे। आज आपकी लव लाइफ पॉजिटिव दिखाई दे रही है। विदेश यात्रा अथवा दूर देश से बेहतरीन समाचार या सुखद समाचार मिलेगा।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या: 3

    भाग्यशाली रंग: नारंगी रंग

    कर्क
    28-05-2025

    ♋ कर्क :

    आज व्यवसायिक दृष्टि से सकारात्मक विकास संभव है और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। अगर आप नौकरी बदलना चाहते हैं या नई नौकरी की तलाश में हैं तो आप निराश नहीं होंगे। वित्तीय क्षेत्र में अचानक लाभ हो सकता है। जो छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पारिवारिक जीवन सामंजस्यपूर्ण रहेगा और उत्सव भी हो सकता है। आप एक पुराने दोस्त के साथ फिर से जुड़ेंगे और साथ में समय बिताने का आनंद लेंगे।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या: 7

    भाग्यशाली रंग: नीला रंग

    सिंह
    28-05-2025

    ♌ सिंह :

    आज आपको पुरानी बातों के झंझट में पड़ने से बचना चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने से कुछ लोग आपका विरोध कर सकते हैं। आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए। आपको संभलकर बात करनी चाहिए। निवेश के मामले में आपको कोई नई सलाह मिल सकती है। कंप्यूटर स्टूडेंट्स के लिए दिन मिला-जुला रहने वाला है। सफलता पाने के लिए आपको अभी और मेहनत करने की जरूरत है। मंदिर में कुछ देर समय बिताएं, आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या: 9

    भाग्यशाली रंग: हरा रंग

    कन्या
    28-05-2025

    ♍ कन्या :

    आज आप कोई नया काम में बारे में सोच सकते है। परिवार में किसी से अनबन हो सकती है। विद्यार्थियों को सफलता मिलेगा। जीवन में नए व्यक्तियों से मिलकर आप लोगों को अच्छा खासा खुशी मिल सकती है। हिम्मत रखनी पड़ेगी तभी आप अच्छा कार्य करने में सफल रह सकते हैं। सिंगल लोगों को पार्टनर मिल सकता है। पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव हो सकता है।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या: 4

    भाग्यशाली रंग: भूरा रंग

    तुला
    28-05-2025

    ♎ तुला :

    आय के लिए बेहतर समय रहेगा। व्यापारिक या कार्य से संबंधित योजनाएं फलीभूत होंगी। यात्रा का परिणाम सुखदायी होगा। मीडिया, ग्लैमर, सलाहकारिता, शिक्षा इत्यादि से संबंधित कार्य करने वालों को अधिक सफलता मिलेगी। संतान से सुख की अनुभूति होगी और उसके कार्यों से मन प्रसन्न होगा। परंतु सब कुछ पक्ष में होते हुए भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। सामाजिक-राजनैतिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को इस समय अच्छी सफलता का योग बना हुआ है।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या: 9

    भाग्यशाली रंग: पीला रंग

    वृश्चिक
    28-05-2025

    ♏ वृश्चिक :

    आज दोस्तों के साथ कहीं घूमने की प्लानिंग करेंगे। आप खुद को तंदरुस्त महसूस करेंगे। मार्केटिंग से जुड़े लोगों के लिए दिन बेहतर रहने वाला है। आपके परिवार में सुख-सौभाग्य बना रहेगा। जीवनसाथी के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करेंगे। ऑफिस में उच्चधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। आज आप कुछ नये विचारों पर भी काम करेंगे। आपको कोई सोशल वर्क करने का मौका मिल सकता है। कुल मिलाकर दिन अच्छा रहेगा। मंदिर में काली उड़द दान करें, आपके साथ सब कुछ अच्छा होगा।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या: 5

    भाग्यशाली रंग: गहरा नीला

    धनु
    28-05-2025

    ♑ धनु :

    आज आप खुद को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महसूस करेंगे। बैठे-जीवनसाथी से आपको अच्छी उपलब्धि हासिल होने वाली है। आपकी खुशियों में तेजी से बढ़ोतरी होने वाली है। प्यार के मामलों में आपको सफलता मिल सकती है। आर्थिक लाभ के लिए प्रयासरत कार्यों में सफलता मिल सकती है। जीवनसाथी का मधुर सहयोग मिल सकता है। अध्यात्म के प्रति आपकी भूख बढ़ेगी। आपको ये जानने की इच्छा होगी कि आप किस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या: 5

    भाग्यशाली रंग: बैंगनी रंग

    मकर
    28-05-2025

    ♑ मकर :

    परीक्षा या प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र सफलता प्राप्त करेंगे। अगर कोर्ट में कोई संपत्ति संबंधी मामला है तो वह आपके पक्ष में जाएगा। करियर में वांछित परिणाम आपको आत्मविश्वास की एक नई भावना से भर देंगे। आपके कार्य की प्रशंसा होगी। कार्य से संबंधित छोटी यात्रा सार्थक होगी। जो लोग रिलेशनशिप में हैं वे शादी करने का फैसला ले सकते हैं। पारिवारिक जीवन यथावत रहेगा। आप संतुष्ट और खुश रहेंगे।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या: 1

    भाग्यशाली रंग: पीला रंग

    कुंभ
    28-05-2025

    ♒ कुंभ :

    आज आपकी कई योजनाएँ समय से पूरी होंगी। परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता मिलेगी। अपनी बढ़ी ऊर्जा से आप बहुत कुछ हासिल कर लेंगे। आज किसी काम में आपको कुछ लोगों से बड़ी आसानी से मदद मिल जायेगी। आपके भौतिक सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी। आज आपको कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। अगर कोर्ट-कचहरी का कोई मामला है, तो वो आज आपके पक्ष में रहेगा। अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उसे अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं, तो उससे बात करने के लिये दिन शानदार है। आपकी इच्छा पूरी होगी। अनाथालय में जाकर कुछ दान करें, आपके सभी काम बनेंगे।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या: 3

    भाग्यशाली रंग: हल्का लाल

    मीन
    28-05-2025

    ♓ मीन :

    नौकरी में कार्यक्षेत्र का विस्तार हो सकता है। कामकाज में दबाव बढ़ेंगे तो घर-परिवार की चिंताएं भी बढेंगी इसलिए काम से जुड़े दबाव को चुनौती की रूप में लेना होगा। सफलता का सेहरा आपके सिर बंधेगा। दूसरों से आपको बहुत ज्यादा मदद मिलने वाली है। आप लोगों को बहुत आरक्षित एवं सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ व्यक्ति आपके रास्ते में बाधा बनने का प्रयास कर सकते हैं। लोगों की ओर से आपको अच्छा आशीर्वाद मिल सकता है।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या: 2

    भाग्यशाली रंग: हल्का हरा

  • संतोषजनक एवं समयबद्ध न्याय प्रदान करना न्याय पालिका का मुख्य उद्देश्य – न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालियाअर्की में 11.50 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित न्यायिक परिसर का किया लोकार्पण

    संतोषजनक एवं समयबद्ध न्याय प्रदान करना न्याय पालिका का मुख्य उद्देश्य – न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालियाअर्की में 11.50 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित न्यायिक परिसर का किया लोकार्पण

    अर्की

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने कहा कि पीड़ित को समयबद्ध एवं संतोषजनक न्याय प्रदान करना ही न्याय पालिका का मुख्य उद्देश्य है। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया आज सोलन ज़िला के अर्की में नवनिर्मित न्यायिक परिसर का लोकार्पण करने के उपरांत उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं अन्य को सम्बोधित कर रहे थे।
    इस न्यायिक परिसर के निर्माण पर लगभग 11.50 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है।
    न्यायमूर्ति संधावालिया ने कहा कि एक संस्थान के रूप में हम सभी को समुचित न्याय प्रदान करने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामलों का समय पर निपटारा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि समयबद्ध न्याय प्रदान करने में न्याय पालिका की सहायता करें। उन्होंने कहा कि समय पर प्रदान किया गया न्याय अधिवक्ताओं एवं न्यायिक अधिकारियों के लिए जन सम्पर्क प्रेरक है।
    मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय तक सभी की पहुंच मूलभूत है और इस दिशा में बेहतर अधोसंरचना सहायक सिद्ध होती है।
    उन्होंने कहा कि विधि एक अनूठा व्यवसाय है और अधिवक्ता एक स्थान पर एक लक्ष्य के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि पीड़ितों को सर्वश्रेष्ठ सेवा देने का प्रयास करें।
    उन्होंने कहा कि अर्की में नवनिर्मित न्यायिक परिसर न्याय पानों वालों और न्याय प्रदान करने वालों के लिए सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने आशा जताई कि यहां न्याय के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं एवं अधोसंरचना उपलब्ध होगी।
    उन्होंने न्यायिक अधोसंरचना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।
    प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने इस अवसर पर कहा कि न्याय प्रक्रिया में पीड़ित, अधिवक्ता, न्यायालय कर्मी और न्यायिक अधिकारी मूल तत्व हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित को उचित वातावरण में समय पर न्याय मिलना चाहिए।
    न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि यह नवनिर्मित भवन सभी को समयबद्ध न्याय प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि न्याय तक सभी की पहुंच सरल बनाने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
    ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन डॉ. अरविंद मल्होत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सुदृढ़ न्याय पालिका का होना आवश्यक है।
    उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया का नए न्यायिक परिसर के लोकार्पण के लिए आभार व्यक्त किया।
    इस अवसर पर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, प्रदेश उच्च न्यायालय के महापंजीयक भूपेश शर्मा, अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक खेनाल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोलन आर. मिहुल शर्मा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अर्की ईशानी शर्मा, बार एसोसिएशन अर्की के अध्यक्ष जोगिन्द्र ठाकुर, बार एसोसिएशन सोलन के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, अन्य गणमान्य व्यक्ति, विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

  • मोबाइल लौटाकर दिखाई ईमानदारी

    मोबाइल लौटाकर दिखाई ईमानदारी

    अर्की

    अर्की मुख्यालय स्थित ज्योति भार्गव मेडिकल स्टोर के संचालक ईश्वर भार्गव ने एक मोबाइल फोन लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया।

    ईश्वर भार्गव ने बताया कि आज सुबह रमेश कुमार अपने मित्र कलीराम के साथ दवाइयां लेने स्टोर पर आए थे। दवाइयां लेने की जल्दबाजी में रमेश कुमार अपना कीमती मोबाइल फोन दुकान में ही भूल गए। कुछ समय बाद जब ईश्वर भार्गव को दुकान में मोबाइल मिला, तो उन्होंने फोन के बारे में जानकारी जुटाई और उसे कलीराम के माध्यम से रमेश कुमार तक सुरक्षित पहुंचा दिया।

    मोबाइल मिलने पर रमेश कुमार और कलीराम ने स्टोर संचालक का धन्यवाद किया। स्थानीय लोगों ने भी ईश्वर भार्गव की ईमानदारी की सराहना की और कहा कि ऐसे छोटे-छोटे कार्य समाज में विश्वास बनाए रखते है।