Month: May 2025

  • शनि जयंती पर कुनिहार में जगह जगह लगे भंडारे।

    शनि जयंती पर कुनिहार में जगह जगह लगे भंडारे।

    कुनिहार
    अक्षरेश शर्मा
    कर्मफल दायक शनि महाराज जी की जयंति पर कुनिहार जनपद में भंडारों की धूम रही। शनि मंदिर तालाब पर जंहा विशाल भंडारे में लोगो ने लजीज व्यंजनों का आनन्द लिया,तो वन्ही शनि मंदिर हाटकोट में छोले, भटूरे,हलवा व मीठे शरबत का लुत्फ भक्त जनो ने लिया।
    शनि मंदिर तालाब व हाटकोट में सुबह से ही भक्तों ने शनि महाराज की आराधना आरम्भ कर दी थी।पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना व तेल चढ़ा कर शनि महाराज का आशीर्वाद लिया।इस दौरान महिलाओं ने कीर्तन भजन कर शनि महिमा का गुणगान किया।स्कूली बच्चो सहित सेंकड़ो लोगो ने मीठे शर्बत सहित भंडारे का आनन्द लिया।

  • देव बिजेशवर मंदिर कमेटी रामपुर द्वारा यज्ञ का आयोजन 29 मई 2025 से 1 जून 2025 तक

    देव बिजेशवर मंदिर कमेटी रामपुर द्वारा यज्ञ का आयोजन 29 मई 2025 से 1 जून 2025 तक

    चंडी
    पवन कुमार सिंघ

    देव बिजेशवर मंदिर कमेटी रामपुर द्वारा आयोजित यज्ञ का आयोजन 29 मई 2025 से 1 जून 2025 तक बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। इस देव यज्ञ में शामिल होने के लिए आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
    कार्यक्रम की रूपरेखा:

    • कलश स्थापना एवं पूजा आरम्भ: 29 मई 2025, प्रातः 10 बजे
    • पूर्ण आहुति: 1 जून 2025, 12:30 बजे
    • भंडारा: 1 जून 2025, 1:00 बजे से
      यज्ञ के महत्व: हर वर्ष की भांति इस बार भी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा हैं यज्ञ एक प्राचीन भारतीय अनुष्ठान है, जिसमें अग्नि देवता को आहुतियां देकर देवताओं को प्रसन्न किया जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पर्यावरण शुद्धि और मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
      आयोजन समिति:
      देव बिजेशवर मंदिर कमेटी एवं समस्त ग्राम वासी इस आयोजन के लिए तैयार हैं। आप सभी से अनुरोध है कि इस देव यज्ञ में शामिल होकर कुल देवता का आशीर्वाद प्राप्त करें
  • हरिजन कल्याण समिति अर्की ने देवधार देवता से मांगी क्षेत्र की मंगल कामना

    हरिजन कल्याण समिति अर्की ने देवधार देवता से मांगी क्षेत्र की मंगल कामना

    अर्की

    हरिजन सेवक संघ शाखा हिमाचल प्रदेश एवं हरिजन कल्याण समिति क्षेत्र अर्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश चंद भाटिया के घर पर देवधार वाले देवता की जात्रा में उपस्थिति दर्ज करवाते हुए संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने देवता का आशीर्वाद लिया
    इस अवसर पर हरिजन सेवक संघ शाखा हिमाचल प्रदेश एवं हरिजन कल्याण समिति क्षेत्र अर्की के अध्यक्ष चुन्नीलाल बंसल उपाध्यक्ष ललित मोहन कश्यप सह सचिव मोहनलाल बुशैहरी सूचना प्रभारी नरपत राम मीडिया प्रभारी राजेंद्र कुमार नगर पंचायत अर्की के अध्यक्ष बलिराम संख्यान ग्राम पंचायत साई के अध्यक्ष जियालाल पूर्व महासचिव संतराम पंवर मुख्य सदस्य गंगाराम ने देवता का आशीर्वाद ग्रहण किया तथा धार वाले देवता के पास पूरे अर्की क्षेत्र के लोगों में आपसी प्रेम व भाईचारा के साथ समरसता और समानता कायम करने के लिए प्रार्थना की गई

  • जन्मदिव्स बधाई संदेश

    जन्मदिव्स बधाई संदेश

    राकेश अत्री को हिमाचल आजतक परिवार व स्वजनों की तरफ से जन्मदिन की हार्दिक बधाई

  • गृह रक्षकों का  पुनरावृति प्रशिक्षण शिविर की समाप्ति पर समारोह का आयोजन

    गृह रक्षकों का  पुनरावृति प्रशिक्षण शिविर की समाप्ति पर समारोह का आयोजन

    अर्की उपमंडल के ग्याहरवीं गृह रक्षा वाहिनी प्रशिक्षण केंद्र कोटली में 30 गृह रक्षकों द्वारा 5 मई से 26 मई तक चले 22 दिनों का पुनरावृति प्रशिक्षण शिविर की समाप्ति पर एक समारोह का आयोजन पर किया गया । जिसमे सीमेंट कम्पनी के सीएमओ मुकेश सक्सेना के सचिव रमेश चंद करासी डीओ प्रवीण कुमार बतौर मुख्यातिथि एवम विशिष्ट अथिति प्रवीण कुमार लखनपाल उपस्थित रहे। इस मौके पर वाहिनी प्रशिक्षण केंद्र प्रभारी योगेश कुमार गौतम बताया कि सर्व प्रथम मुख्यातिथि को सलामी दी गई।पश्चात मुख्यातिथि द्वारा उपस्थित मार्च पास्ट टुकड़ी का निरीक्षण किया गया इसके बाद मार्च पास्ट टुकड़ी द्वारा मार्चपास्ट व गृहरक्षक बैंड प्रभारी तेजपाल ठाकुर व साथियों द्वारा सारे जहाँ से अच्छा , झाडाल डाल पर सोने की चिड़िया, क़दम कदम बढ़ाये जा, दिल दिया है जान भी देंगे के वेतन तेरे लिए गीतों की भव्य मनमोहक मधुर धुनों को पेश किया गया । समारोह के दौरान गृह रक्षकों द्वारा रस्साकशी व अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। इस मौके पर अर्की फायर चौकी प्रभारी अशोक कुमार व उनकी टीम द्वारा आग बुझाने का डेमो भी दिया गया। अंत मे मुख्यातिथि द्वारा पारितोषिक वितरण किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत कोटली प्रधान यशपाल कश्यप व पार्षद प्रीति शर्मा एवम सावित्री के अलावा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

  • राम द्वारा रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा व राम सेतु निर्माण

    राम द्वारा रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा व राम सेतु निर्माण

    संक्षिप्त रामायण(भार्गव)

    राम द्वारा रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा

    सेतु की अत्यंत सुंदर रचना देखकर कृपासिन्धु श्री रामजी हँसकर वचन बोले- यहाँ की भूमि परम रमणीय और उत्तम है। इसकी असीम महिमा वर्णन नहीं की जा सकती। मैं यहाँ शिवजी की स्थापना करूँगा। मेरे हृदय में यह महान्‌ संकल्प है।

    श्री रामजी के वचन सुनकर वानरराज सुग्रीव ने बहुत से दूत भेजे, जो सब श्रेष्ठ मुनियों को बुलाकर ले आए।

    लिंग थापि बिधिवत करि पूजा। सिव समान प्रिय मोहि न दूजा। शिवलिंग की स्थापना करके विधिपूर्वक उसका पूजन किया शिवजी के समान मुझको दूसरा कोई प्रिय नहीं है।

    सिव द्रोही मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा। संकर बिमुख भगति चह मोरी। सो नारकी मूढ़ मति थोरी।

    जो शिव से द्रोह रखता है और मेरा भक्त कहलाता है, वह मनुष्य स्वप्न में भी मुझे नहीं पाता। शंकरजी से विमुख होकर विरोध करके जो मेरी भक्ति चाहता है, वह नरकगामी, मूर्ख और अल्पबुद्धि है।

    जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं। जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि।

    जो मनुष्य मेरे स्थापित किए हुए इन रामेश्वरजी का दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ावेगा, वह मनुष्य सायुज्य मुक्ति पावेगा अर्थात्‌ मेरे साथ एक हो जाएगा

    जो छल छोड़कर और निष्काम होकर श्री रामेश्वरजी की सेवा करेंगे, उन्हें शंकरजी मेरी भक्ति देंगे और जो मेरे बनाए सेतु का दर्शन करेगा, वह बिना ही परिश्रम संसार रूपी समुद्र से तर जाएगा।

    श्री रामजी के वचन सबके मन को अच्छे लगे। तदनन्तर वे श्रेष्ठ मुनि अपने-अपने आश्रमों को लौट आए। शिवजी कहते हैं. हे पार्वती! श्री रघुनाथजी की यह रीति है कि वे शरणागत पर सदा प्रीति करते हैं।

    राम सेतु निर्माण

    चतुर नल और नील ने सेतु बाँधा। जो पत्थर आप डूबते हैं और दूसरों को डुबा देते हैं, वे ही जहाज के समान स्वयं तैरने वाले और दूसरों को पार ले जाने वाले हो गए।

    यह न तो समुद्र की महिमा वर्णन की गई है, न पत्थरों का गुण है और न वानरों की ही कोई करामात है।श्री रघुवीर के प्रताप से पत्थर भी समुद्र पर तैर गए।

    नल-नील ने सेतु बाँधकर उसे बहुत मजबूत बनाया। देखने पर वह कृपानिधान श्री रामजी के मन को बहुत ही अच्छा लगा।

    अब सेना चली है, जिसका कुछ वर्णन नहीं हो सकता। समुद्र के जीव जंतु सब भगवान का दर्शन पा रहे हैं।

    सेतुबन्ध पर बड़ी भीड़ हो गई, इससे कुछ वानर आकाश मार्ग से उड़ने लगे और दूसरे कितने ही जलचर जीवों पर चढ़-चढ़कर पार जा रहे हैं।

    कृपालु रघुनाथजी तथा लक्ष्मणजी दोनों भाई ऐसा कौतुक देखकर हँसते हुए चले। श्री रघुवीर सेना सहित समुद्र के पार हो गए।

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    संक्षिप्त रामायण(भार्गव)

    [27/05, 9:06 am] मनोज शर्मा भार्गव जी: नित्रा कैलेंडर के जरिये शेयर किया गया है। एप को डाउनलोड करने के लिए https://bit.ly/31fMmym

    राम द्वारा रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा

    श्री रामजी के वचन सुनकर वानरराज सुग्रीव ने बहुत से दूत भेजे, जो सब श्रेष्ठ मुनियों को बुलाकर ले आए।

    लिंग थापि बिधिवत करि पूजा। सिव समान प्रिय मोहि न दूजा। शिवलिंग की स्थापना करके विधिपूर्वक उसका पूजन किया शिवजी के समान मुझको दूसरा कोई प्रिय नहीं है।

    सिव द्रोही मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा। संकर बिमुख भगति चह मोरी। सो नारकी मूढ़ मति थोरी।

    जो शिव से द्रोह रखता है और मेरा भक्त कहलाता है, वह मनुष्य स्वप्न में भी मुझे नहीं पाता। शंकरजी से विमुख होकर विरोध करके जो मेरी भक्ति चाहता है, वह नरकगामी, मूर्ख और अल्पबुद्धि है।

    जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं। जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि।

    जो मनुष्य मेरे स्थापित किए हुए इन रामेश्वरजी का दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ावेगा, वह मनुष्य सायुज्य मुक्ति पावेगा अर्थात्‌ मेरे साथ एक हो जाएगा

    जो छल छोड़कर और निष्काम होकर श्री रामेश्वरजी की सेवा करेंगे, उन्हें शंकरजी मेरी भक्ति देंगे और जो मेरे बनाए सेतु का दर्शन करेगा, वह बिना ही परिश्रम संसार रूपी समुद्र से तर जाएगा।

    श्री रामजी के वचन सबके मन को अच्छे लगे। तदनन्तर वे श्रेष्ठ मुनि अपने-अपने आश्रमों को लौट आए। शिवजी कहते हैं. हे पार्वती! श्री रघुनाथजी की यह रीति है कि वे शरणागत पर सदा प्रीति करते हैं।
    [27/05, 9:07 am] मनोज शर्मा भार्गव जी: नित्रा कैलेंडर के जरिये शेयर किया गया है। एप को डाउनलोड करने के लिए https://bit.ly/31fMmym

    राम सेतु निर्माण

    चतुर नल और नील ने सेतु बाँधा। जो पत्थर आप डूबते हैं और दूसरों को डुबा देते हैं, वे ही जहाज के समान स्वयं तैरने वाले और दूसरों को पार ले जाने वाले हो गए।

    यह न तो समुद्र की महिमा वर्णन की गई है, न पत्थरों का गुण है और न वानरों की ही कोई करामात है।श्री रघुवीर के प्रताप से पत्थर भी समुद्र पर तैर गए।

    नल-नील ने सेतु बाँधकर उसे बहुत मजबूत बनाया। देखने पर वह कृपानिधान श्री रामजी के मन को बहुत ही अच्छा लगा।

    अब सेना चली है, जिसका कुछ वर्णन नहीं हो सकता। समुद्र के जीव जंतु सब भगवान का दर्शन पा रहे हैं।

    सेतुबन्ध पर बड़ी भीड़ हो गई, इससे कुछ वानर आकाश मार्ग से उड़ने लगे और दूसरे कितने ही जलचर जीवों पर चढ़-चढ़कर पार जा रहे हैं।

    कृपालु रघुनाथजी तथा लक्ष्मणजी दोनों भाई ऐसा कौतुक देखकर हँसते हुए चले। श्री रघुवीर सेना सहित समुद्र के पार हो गए।

    सेतु की अत्यंत सुंदर रचना देखकर कृपासिन्धु श्री रामजी हँसकर वचन बोले- यहाँ की भूमि परम रमणीय और उत्तम है। इसकी असीम महिमा वर्णन नहीं की जा सकती। मैं यहाँ शिवजी की स्थापना करूँगा। मेरे हृदय में यह महान्‌ संकल्प है।

    श्री रामजी के वचन सुनकर वानरराज सुग्रीव ने बहुत से दूत भेजे, जो सब श्रेष्ठ मुनियों को बुलाकर ले आए।

    लिंग थापि बिधिवत करि पूजा। सिव समान प्रिय मोहि न दूजा। शिवलिंग की स्थापना करके विधिपूर्वक उसका पूजन किया शिवजी के समान मुझको दूसरा कोई प्रिय नहीं है।

    सिव द्रोही मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा। संकर बिमुख भगति चह मोरी। सो नारकी मूढ़ मति थोरी।

    जो शिव से द्रोह रखता है और मेरा भक्त कहलाता है, वह मनुष्य स्वप्न में भी मुझे नहीं पाता। शंकरजी से विमुख होकर विरोध करके जो मेरी भक्ति चाहता है, वह नरकगामी, मूर्ख और अल्पबुद्धि है।

    जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं। जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि।

    जो मनुष्य मेरे स्थापित किए हुए इन रामेश्वरजी का दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ावेगा, वह मनुष्य सायुज्य मुक्ति पावेगा अर्थात्‌ मेरे साथ एक हो जाएगा

    जो छल छोड़कर और निष्काम होकर श्री रामेश्वरजी की सेवा करेंगे, उन्हें शंकरजी मेरी भक्ति देंगे और जो मेरे बनाए सेतु का दर्शन करेगा, वह बिना ही परिश्रम संसार रूपी समुद्र से तर जाएगा।

    श्री रामजी के वचन सबके मन को अच्छे लगे। तदनन्तर वे श्रेष्ठ मुनि अपने-अपने आश्रमों को लौट आए। शिवजी कहते हैं. हे पार्वती! श्री रघुनाथजी की यह रीति है कि वे शरणागत पर सदा प्रीति करते हैं।

    राम सेतु निर्माण

    चतुर नल और नील ने सेतु बाँधा। जो पत्थर आप डूबते हैं और दूसरों को डुबा देते हैं, वे ही जहाज के समान स्वयं तैरने वाले और दूसरों को पार ले जाने वाले हो गए।

    यह न तो समुद्र की महिमा वर्णन की गई है, न पत्थरों का गुण है और न वानरों की ही कोई करामात है।श्री रघुवीर के प्रताप से पत्थर भी समुद्र पर तैर गए।

    नल-नील ने सेतु बाँधकर उसे बहुत मजबूत बनाया। देखने पर वह कृपानिधान श्री रामजी के मन को बहुत ही अच्छा लगा।

    अब सेना चली है, जिसका कुछ वर्णन नहीं हो सकता। समुद्र के जीव जंतु सब भगवान का दर्शन पा रहे हैं।

    सेतुबन्ध पर बड़ी भीड़ हो गई, इससे कुछ वानर आकाश मार्ग से उड़ने लगे और दूसरे कितने ही जलचर जीवों पर चढ़-चढ़कर पार जा रहे हैं।

    कृपालु रघुनाथजी तथा लक्ष्मणजी दोनों भाई ऐसा कौतुक देखकर हँसते हुए चले। श्री रघुवीर सेना सहित समुद्र के पार हो गए।

  • कैसा रहेगा आज आपका दिन पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल

    कैसा रहेगा आज आपका दिन पढ़ें अपना संपूर्ण राशिफल

    राशिफल (भार्गव)

    मेष
    27-05-2025

    ♈ मेष :

    आज का दिन उत्कृष्ट परिणामदायक है। परीक्षा या प्रतियोगिता के माध्यम से नौकरी की तलाश करने वाले या अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक लोगों को सतत प्रयास करने चाहिए। आने वाले समय में सफलता आपके साथ होगी। व्यवसाय विस्तार की योजना संभव है। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। आप अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से दूसरों से आगे रहेंगे। पारिवारिक जीवन सामंजस्यपूर्ण होगा और पारीवारिक सदस्यों के मध्य एकता रहेगी। आप खुश रहेंगे तथा आपका स्वास्थ्य भी शुभ रहेगा।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या : 9

    भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

    वृष
    27-05-2025

    ♉वृषभ :

    आज परिवार में किसी मांगलिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। सोशियोलॉजी स्टूडेंट्स के लिए दिन फेवरेबल रहने वाला है। आप अपना समय अध्ययन में लगायेंगे। आपको सफलता मिलेगी। सुबह आपको व्यवसाय से जुड़े सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को कामकाज में लाभ मिलेगा। ऑफिस में सब लोग आपके काम करने के तरीके से खुश रहेंगे। मंदिर में दही दान करें, समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 6

    भाग्यशाली रंग : गहरा नीला

    मिथुन
    27-05-2025

    ♊ मिथुन :

    इस राशि के छात्र संगीत से जुड़े हुयें हैं आज उन्हें किसी बड़ी संस्था में परफॉर्म करने का अवसर मिल सकता है। नयी परियोजनाओं और ख़र्चों को टाल दें। गप्पबाज़ी और अफ़वाहो से दूर रहें। किसी बच्चे या बूढ़े के स्वास्थ को लेकर हुई परेशानी अप्रत्यक्ष रूप से आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। स्वास्थ्य में आज सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। घरेलू मोर्चे पर कुछ परेशानियों का भी सामना कर सकते हैं।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या : 5

    भाग्यशाली रंग : लाल रंग

    कर्क
    27-05-2025

    ♋ कर्क :

    व्यावसायिक उद्यम लाभ ला सकते हैं। व्यापार में आपको बड़ी सफलता मिलेगी। नवीन सौदे लाभदायक रहेंगे और मददगार लोग आपको किसी भी मुश्किल पैच को दूर करने में मदद करेंगे। मातृ संबंध मौद्रिक लाभों के साधन के रूप में कार्य कर सकते हैं। छात्रों को अपने एकाग्रता के स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। विवाह योग्य जातको का विवाह सम्बन्ध निश्चित हो सकता है। आप में से कुछ पीठ एवं घुटनों के दर्द से पीड़ित हो सकते हैं।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 2

    भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

    सिंह
    27-05-2025

    ♌ सिंह :

    जीवनसाथी की सलाह से आपको पैसे कमाने में मदद मिलेगी। आज उनके साथ बिताये गए कुछ पल आपके रिश्ते को और भी मजबूत बनायेंगे। मित्रों के साथ किसी बात को लेकर थोड़ी बहस होने की संभावना बन रही है। आपके अत्यधिक क्रोध से कोई बना हुआ काम बिगड़ भी सकता है, इसलिए आपको अपने गुस्से पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहिए। खुद को मानसिक रूप से फिट रखने के लिये आपको थोड़ा योगा करना चाहिए। साथ ही आज के दिन जल्दबाजी में कोई फैसला करने से आपको बचना चाहिए। लक्ष्मी जी की आरती करें, आपकी सभी समस्याओं का निवारण होगा।

    भाग्यशाली दिशा: पश्चिम

    भाग्यशाली संख्या : 3

    भाग्यशाली रंग : पीला रंग

    कन्या
    27-05-2025

    ♍ कन्या :

    आज बातचीत में आप बहुत सफल रहेंगे और कई लोगों से हर तरह के विषयों पर बात हो सकती हैं। बिजनेस अच्छा चलेगा। अपनी कामकाज की स्तिथि को संभालना इसलिए आसान होगा क्योंकि आपके अपने आपके लिए हर तरह से मददगार बने रहेंगे पर आपको लोगो के प्रति भरोसा करना होगा। परिवार में लाभ की स्थिति बनी रहेगी। रचनात्मक काम से आप को फायदा मिलेगा। मौज मस्ती के अवसर मिलेंगे। कई दिनों से अधूरे पड़े कार्यों में पूर्णता आएगी।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 3

    भाग्यशाली रंग : नीला रंग

    तुला
    27-05-2025

    ♎ तुला :

    आज आपके लिए अपने जोखिम लेने की क्षमताओं पर अंकुश लगाना बेहतर होगा। किन्तु आपने पहले से जो भी जोखिम उठाए हैं, उन्हें उपयुक्त रूप से पुरस्कृत किया जाएगा। निवेश समझदारी से कार्यें अन्यथा अर्थी पक्ष अस्थिर हो सकता है। आपके भाई-बहनों के साथ आपकी हल्की नोंक-झोंक हो सकती है किन्तु वे अपनी ज़िम्मेदारियों का वहां करने से पीछे नहीं हटेंगे। आपको अपने परिवार के किसी छोटे सदस्य की शादी का खर्च उठाना पड़ सकता है। अपने काम की वजह से आपको लगातार यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या: 1

    भाग्यशाली रंग : पीला रंग

    वृश्चिक
    27-05-2025

    ♏ वृश्चिक :

    आज आप व्यापार में योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगे। जीवन में सुख की प्राप्ति होगी। आज घर-परिवार का वातावरण अच्छा बना रहेगा। आध्यात्मिकता की ओर आपका रुझान हो सकता है। आज उच्चाधिकारी आपसे प्रसन्न होंगे। घर पर मेहमानों का आगमन हो सकता है। आज करियर में आपको कोई बड़ी सफलता हासिल होगी। साथ ही आपका सकारात्मक रवैय्या आस-पास हर चीज़ को बेहतर बनायेगा। महिलाएँ अपने बच्चों के साथ बेहतर समय बिताएगी। दोनों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे। अपने गुरु का आशीर्वाद लें, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 8

    भाग्यशाली रंग : नीला रंग

    धनु
    27-05-2025

    ♑ धनु :

    आज भाग्य का को पूरा पूरा साथ मिलने वाला है। अपने परिवार की भावनाओं को समझकर अपने गुस्से पर काबू रखें। जिस भी काम से जुड़े हुए हैं उसमें अपनी घबराहट को हटा देने का समय है और अपनी आर्थिक स्तिथि को मजबुत करने के लिए भी कई तरह के नए विकल्प खोजने होंगे। आप एक बेहतरीन जीवनसाथी होने की खुशकिस्मती को शिद्दत से महसूस कर पाएंगे। कारोबार के रीजन में काफी बड़े आप लोगों को मदद मिलने वाला है जो तुमने सोचा भी नहीं होगा।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 9

    भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

    मकर
    27-05-2025

    ♑ मकर :

    नए कामों में दिलो-दिमाग से लग जाएं और खाली बैठने से बचें। नई शुरुआत के लिए आपको थोड़ी ज़्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। किन्तु आने वाले समय में आर्थिक लाभ शुभ रहेगा। अगर प्रेम-संबंध की बात हो तो परिजनों की सलाह लेने में कोताही न बरतें। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा। प्रेम विषयों की स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रेम विषयों में भावुक होकर निर्णय लेना उचित नहीं होगा। नये रिश्ते बनाने से भी बचें। आपकी आरोग्य शक्ति बढी होने के कारण रोग शीघ्र प्रभावित नहीं कर पाएंगे।

    भाग्यशाली दिशा: दक्षिण

    भाग्यशाली संख्या : 6

    भाग्यशाली रंग : हल्का हरा

    कुंभ
    27-05-2025

    ♒ कुंभ :

    आज आपको किसी दोस्त से कोई उपहार मिलने की संभावना है। परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा। दाम्पत्य जीवन में आपसी सामंजस्य बेहतर बना रहेगा। छात्र को पढ़ाई में शिक्षकों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। आज कुछ लोग आपसे प्रभावित होंगे। आपको उनके किसी कॉन्टेक्ट से फायदा हो सकता है। आज आपके अंदर कॉन्फिडेंस ज्यादा रहेगा। कठिन काम समय रहते निपटा पाएंगे। मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं, जीवन में लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।

    भाग्यशाली दिशा: पूर्व

    भाग्यशाली संख्या : 2

    भाग्यशाली रंग : नीला रंग

    मीन
    27-05-2025

    ♓ मीन :

    आज किसी निवेश का या बचत योजना की शुरुआत करने का फैसला करते हैं, तो आपके लिए बहुत अच्छी रहेगी। बच्चे आपको गर्व महसूस कराएंगे। पैसों के लिहाज से कोई नजदीकी रिश्तेदार मददगार होगा। चलते समय सावधान रहें। सुबह की खुशखबरी आपका दिन बना देगी। किए गए निवेश से लंबे समय तक फायदा मिलेगा। धन की वृद्धि से प्रसन्न दिख सकते हैं। आवश्यक कार्य के प्रति इस दिन आपका दिल काफी ही स्पेशल निवास करने वाला है।

    भाग्यशाली दिशा: उत्तर

    भाग्यशाली संख्या : 8

    भाग्यशाली रंग : नीला रंग

  • भूमती के युवाओं ने विधायक संजय अवस्थी का जताया आभार।।

    भूमती के युवाओं ने विधायक संजय अवस्थी का जताया आभार।।

    अर्की
    ग्राम पंचायत भूमती के भूमती गांव के युवाओं ने लोकप्रिय विधायक श्री संजय अवस्थी जी का क्रिकेट कीट व क्रिकेट ड्रेसेस के लिए दिल की गहराई से आभार व्यक्त किया।
    भूमती गांव के 2 युवक मंडलों PNYC & SYM भूमति युवक मंडल को 1 नव क्रिकेट कीट व 22 क्रिकेट ड्रेस देने के लिए युवक मंडल के प्रधान राहुल व अकुल ने सभी सम्मानित मंडल सदस्यों की तरफ से विधायक  का आभार व्यक्त किया वो विधायक के द्वारा प्रदान की जानी थी लेकिन उनकी व्यस्तता के चलते युवा नेता विनय शर्मा  द्वारा यह खेल सामग्री युवाओं को प्रदान की गई।
    विनय शर्मा ने भी लोकप्रिय विधायक  संजय अवस्थी का खेल सामग्री के लिए धन्यवाद किया और कहा कि विधायक से समय समय पर भूमति के युवाओं को विभिन्न प्रकार की खेल सामग्री और अन्य जरूरी विकास कार्यों के लिए निरंतर मदद मिलती रहती है। उन्होंने कह यह संजय अवस्थी की सोच है जो वह यूवाओ में खेलो को बढ़ावा देने व युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए लगातार प्रयासत रहते है।।
    विनय शर्मा ने कहा भूमती पंचायत में युवाओं को नशे से दूर रखने और खेलो को बढ़ावा देने के लिए विधायक के साथ मिलकर निरंतर प्रयास किए जा रहे है।इस मौके पर युवक मंडल के सदस्य कुनाल,जतिन,जोनी,धीरज, हिमांशु, उत्कर्ष, सौरभ,गीतेश,गुड्डू,गौरव, गोलू ,करण इत्यादि सदस्य मौजूद रहे।।

  • राम का समुद्र पर क्रोध व राम सेतु कहानी

    राम का समुद्र पर क्रोध व राम सेतु कहानी

    संक्षिप्त रामायण(भार्गव)

    राम का समुद्र पर क्रोध

    इधर तीन दिन बीत गए, किंतु समुद्र सुनता ही नही। तब श्री रामजी क्रोध सहित बोले- बिना भय के प्रीति नहीं होती!भय बिनु होइ न प्रीति।

    हे लक्ष्मण! धनुष-बाण लाओ, मैं अग्निबाण से समुद्र को सोख डालूँ। ऐसा कहकर श्री रघुनाथजी ने धनुष चढ़ाया। यह मत लक्ष्मणजी के मन को बहुत अच्छा लगा। प्रभु ने भयानक बाण संधान किया, जिससे समुद्र के हृदय के अंदर अग्नि की ज्वाला उठी। मगर, साँप तथा मछलियों के समूह व्याकुल हो गए। जब समुद्र ने जीवों को जलते जाना, तब सोने के थाल में अनेक मणियों को भरकर अभिमान छोड़कर वह ब्राह्मण के रूप में आया।

    समुद्र ने भयभीत होकर प्रभु के चरण पकड़कर कहा- हे नाथ! मेरे सब अवगुण क्षमा कीजिए। प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी, किंतु मर्यादा भी आपकी ही बनाई हुई है। प्रभु के प्रताप से मैं सूख जाऊँगा और सेना पार उतर जाएगी, इसमें मेरी बड़ाई नहीं है । तथापि प्रभु की आज्ञा अपेल है ऐसा वेद गाते हैं। अब आपको जो अच्छा लगे, मैं तुरंत वही करूँ।

    समुद्र के अत्यंत विनीत वचन सुनकर कृपालु श्री रामजी ने मुस्कुराकर कहा- हे तात! जिस प्रकार वानरों की सेना पार उतर जाए, वह उपाय बताओ। समुद्र ने कहा- हे नाथ! नील और नल दो वानर भाई हैं। उन्होंने लड़कपन में ऋषि से आशीर्वाद पाया था। उनके स्पर्श कर लेने से ही भारी-भारी पहाड़ भी आपके प्रताप से समुद्र पर तैर जाएँगे।

    समुद्र अपने घर चला गया, श्री रघुनाथजी को यह मत अच्छा लगा। यह चरित्र कलियुग के पापों को हरने वाला है, इसे तुलसीदास ने अपनी बुद्धि के अनुसार गाया है।

    सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान। सादर सुनहिं ते तरहिं भव सिंधु बिना जलजान।

    श्री रघुनाथजी का गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगलों का देने वाला है। जो इसे आदर सहित सुनेंगे, वे बिना किसी जहाज के ही भवसागर को तर जाएँगे।

    सुंदरकांड का विश्राम हुआ है और लंकाकाण्ड का प्रारम्भ हुआ है।

    राम सेतु कहानी

    अब तक आपने पढ़ा की विभीषण भगवान की शरणागत हुआ है और भगवान राम के क्रोध करने पर समुद्र ने भगवान को सेतु बनाने का मार्ग सुझाया है।

    यहाँ से तुलसीदासजी ने लंका कांड का प्रारम्भ किया है और शुरू में भगवान राम का वंदन किया है उसके बाद भगवान शिव का वंदन करते हैं।

    समुद्र ने प्रभु राम का कहा की आप सेतु बनाइये। समुद्र के वचन सुनकर प्रभु श्री रामजी ने मंत्रियों को बुलाकर ऐसा कहा- अब विलंब किसलिए हो रहा है? सेतु -पुल तैयार करो, जिसमें सेना उतरे।

    जाम्बवान्‌ ने हाथ जोड़कर कहा- श्री रामजी! सुनिए। हे नाथ! -सबसे बड़ा सेतु तो आपका नाम ही है, जिस पर चढ़कर -जिसका आश्रय लेकर मनुष्य संसार रूपी समुद्र से पार हो जाते हैं।

    फिर यह छोटा सा समुद्र पार करने में कितनी देर लगेगी?

    हनुमान जी कहते हैं- प्रभु का प्रताप भारी बड़वानल -समुद्र की आग के समान है।

    इसने पहले समुद्र के जल को सोख लिया था, परन्तु आपके शत्रुओं की स्त्रियों के आँसुओं की धारा से यह फिर भर गया और उसी से खारा भी हो गया।

    हनुमान जी की बात सुनकर प्रभु मुस्कुराये।

    जाम्बवान्‌ ने नल-नील दोनों भाइयों को बुलाकर कहा- श्री रामजी के प्रताप को स्मरण करके सेतु तैयार करो। सभी वानरों को पत्थर लाने के लिए कहा गया है।

    सभी राम जी की जय जयकार करते हुए जा रहे हैं। वानर बड़े-बड़े पहाड़ ला-लाकर देते हैं और नल-नील उन्हें गेंद की तरह ले लेते हैं। सभी पत्थरों पर राम नाम लिखा है।