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दाड़लाघाट महाविद्यालय में पहाड़ों में विकास “मुद्दे,चुनौतियां और समाधान” विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन

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अर्की आजतक

दाड़लाघाट

राजकीय महाविद्यालय दाड़लाघाट व सोशियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में पहाड़ों में विकास “मुद्दे,चुनौतियां और समाधान” विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया। हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के समाज शास्त्र विभाग के पूर्व डीन प्रो एसके शर्मा ने इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। प्रो एसके शर्मा ने कहा कि मनुष्य प्रकृति पर निर्भर है न की प्रकृति मनुष्य पर। इसी के साथ साथ अपने वक्तव्य में मुख्यातिथि ने बढ़ती हुई जनसंख्या नियंत्रण के लिए नीति निर्माण व प्राकृतिक संसाधनों के समान वितरण पर बल दिया। प्राचार्या डॉ रुचि रमेश ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में प्रस्तुत किए शोध पत्रों को पुस्तक रूप में संपादित किया जाएगा। सैन डिगो स्टेट यूनिवर्सिटी इटली से शोधार्थी दौमिनिक्को विटो ने हिमालय क्षेत्रों के आर्थिक सामाजिक सशक्तिकरण पर बल देते हुए प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण पर सुझाव दिया। समकालीन समय में पहाड़ी क्षेत्रों में शहरी जन जीवन से जुड़े हुए विषयों पर परिचर्चा के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रो देबल के सिंह रॉय,डॉ कुलवंत सिंह,प्रो रविंद्र सिंह रंधावा,डॉ बीएस शेखों,प्रो श्रुति तांबे व प्रो एनके मोरे ने भाग लिया। समकालीन पहाड़ी जन जीवन और पहाड़ों में रहने वाली महिलाओं के जीवन में नित दिन आने वाली चुनौतियों को किस तरह कम किया जा सकता है इन विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पहाड़ी महिलाओं को आर्थिक सशक्त किया जाना चाहिए। पहाड़ और पहाड़ी जीवन सहज सरल होने के साथ तमाम चुनौतियों से जुड़ा है,ये चुनौतियां बेरोजगारी से लेकर आकस्मिक आपदा से जुड़ी है। सम्मेलन के दूसरे दिन ऑनलाइन मोड पर 100 से अधिक शोध आलेख प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों में लखनऊ विश्विद्यालय के समाजशास्त्र विभाग से प्रो डीआर साहु,बनारस हिंदू विश्विद्यालय से प्रो श्वेता प्रसाद,दीन दयाल उपाध्याय विश्विद्यालय गोरखपुर से प्रमोद कुमार शुक्ला आमंत्रित वक्ताओं के रूप में शामिल रहे।

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