April 29, 2025 4:36 pm

इस प्रकार लिखी महर्षि वाल्मीकि ने रामायण

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रामायण(भार्गव)

वाल्मीकि को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों कि श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। पुराणों के अनुसार, इन्होंने कठोर तपस्या कर महर्षि का पद प्राप्त किया था।

परमपिता ब्रह्मा के कहने पर इन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित रामायण नामक महाकाव्य लिखा। ग्रंथों में इन्हें आदिकवि कहा गया है। इनके द्वारा रचित आदिकाव्य श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण संसार का सर्वप्रथम काव्य माना गया है।

इस प्रकार लिखी रामायण

रामायण के अनुसार, एक बार महर्षि वाल्मीकि तमसा नदी के तट पर गए। वहां उन्होंने प्रेम करते क्रौंच -सारस पक्षी के जोड़े को देखा। वे दोनों पक्षी मधुर बोली बोलते थे।

तभी उन्होंने देखा कि एक निषाद -शिकारी ने क्रौंच पक्षी के जोड़े में से नर पक्षी का वध कर दिया और मादा पक्षी विलाप करने लगी। उसके इस विलाप को सुन कर महर्षि की करुणा जाग उठी और अनायास ही उनके मुख से ये शब्द निकले।

मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगम: शाश्वती: समा:।

यत् क्रौंचमिथुनादेकमवधी: काममोहितम्॥

अर्थात- निषाद। तुझे कभी भी शांति न मिले, क्योंकि तूने इस क्रौंच के जोड़े में से एक की, जो काम से मोहित हो रहा था, बिना किसी अपराध के ही हत्या कर डाली।

तब महर्षि वाल्मीकि ने सोचा कि अचानक ही उनके मुख से श्लोक की रचना हो गई। जब महर्षि वाल्मीकि अपने आश्रम पहुंचे तब भी उनका ध्यान उस श्लोक की ओर ही था। तभी महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में भगवान ब्रह्मा आए और उनसे कहा कि- आपके मुख से निकला यह छंदोबद्ध वाक्य -गाया जाने वाला श्लोक रूप ही होगा।

मेरी प्रेरणा से ही आपके मुख से ऐसी वाणी निकली है। अत: आप श्लोक रूप में ही श्रीराम के संपूर्ण चरित्र का वर्णन करें। इस प्रकार ब्रह्माजी के कहने पर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य की रचना की।

????जय श्री राम ????

–जारी रहेगा

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