अर्की
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एचआईवी/एड्स, टीबी एवं स्तनपान विषय पर जागरूकता कार्यक्रम जिसका थीम है स्तनपान में निवेश भविष्य में निवेश!
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में ग्राम खाता में एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में परामर्श विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार शांडिल द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को एचआईवी/एड्स, क्षयरोग (टीबी) तथा स्तनपान के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. शांडिल ने बताया कि समय पर एचआईवी की जांच एवं परामर्श सेवाएं मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्तनपान के लाभ, विशेषकर जन्म के पहले घंटे में कोलस्ट्रम (पहला गाढ़ा पीला दूध) देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि स्तनपान करवाने से मन को निम्नलिखित फायदे होते हैं । शीघ्र स्तनपान करवाने से रुका हुआ औल ( प्लेसेंटा) बाहर निकलने में सहायता मिलती है! प्रसव के बाद अधिक रक्त प्रवाह पर नियंत्रण हो जाता है!
दूध पिलाते रहने से महावारी जल्दी नहीं आती है जिसकी वजह से गर्भ ठहरने का खतरा कम हो जाता है! स्तन तथा अंडाशय (Ovary) की कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है! स्तनपान माता के बड़े हुए वजन को वजन घटाने में सहायता करता है! स्तनपान करने वाली माता को मोटापा कम होता है!
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिका उषा ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहीं तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निशा ने इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में कुल 45 महिलाओं ने भाग लेकर जानकारी प्राप्त की और स्तनपान संबंधी अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए।
यह कार्यक्रम खंड चिकित्सा अधिकारी अर्की डॉ. मुक्ता रस्तोगी के कुशल मार्गदर्शन व नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों एवं शिशु पोषण की सही जानकारी देना था ताकि वे स्वस्थ मातृत्व की दिशा में सशक्त बन सकें।





