December 8, 2025 10:11 pm

बात्तल में महिलाओं को दी गयी एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस-B, हेपेटाइटिस-C तथा सिफलिस जैसे गंभीर संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी

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उपमंडल अर्की की ग्राम बात्तल में महिला मंडल के सहयोग से एक महत्वपूर्ण एड्स जागरूकता शिविर का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस-B, हेपेटाइटिस-C तथा सिफलिस जैसे गंभीर संक्रामक रोगों के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना तथा उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए प्रोत्साहित करना था।

शिविर का संचालन सिविल अस्पताल अर्की, जिला सोलन के एचआईवी काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर की टीम द्वारा किया गया। शिविर में प्रमुख वक्ता के रूप में विजय कुमार शांडिल, परामर्श विशेषज्ञ, एचआईवी काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेवाएं, उपस्थित रहे। उन्होंने महिलाओं को एचआईवी/एड्स के फैलने के कारण, रोकथाम, उपचार, सुरक्षित व्यवहार, समय पर जांच के महत्व तथा गर्भवती महिलाओं में वर्टिकल ट्रांसमिशन की रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

डॉ शांडिल ने बताया कि एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता और समय पर जांच ही इस संक्रमण से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने महिलाओं को समझाया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी एआरटी (Antiretroviral Therapy) के नियमित सेवन से एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि समय पर एचआईवी जांच करवाने से न केवल व्यक्ति स्वयं सुरक्षित रहता है, बल्कि परिवार और समाज को भी संक्रमण से बचाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने हेपेटाइटिस-B, हेपेटाइटिस-C और सिफलिस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस विशेषकर यकृत (लिवर) को प्रभावित करता है और यदि समय पर उपचार न मिले तो यह गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने महिलाओं को हेपेटाइटिस-B का टीकाकरण करवाने, सुरक्षित रक्त संक्रमण सुनिश्चित करने तथा स्वच्छ सुई-सिरिंजों के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की।

सिफलिस जैसे यौन संचारित संक्रमण के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक उपचार योग्य बीमारी है, परंतु इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति शुरुआती लक्षणों को पहचान कर तुरंत जांच करवाए। समय पर इलाज न मिलने पर यह बीमारी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है।

शिविर की विशेष उपलब्धि यह रही कि महिला मंडल की महिलाओं ने पूरी स्वेच्छा और उत्साह के साथ एचआईवी, हेपेटाइटिस-B, हेपेटाइटिस-C और सिफलिस की जांच करवाई। कुल 50 महिलाओं ने स्वेच्छा से अपनी जांच करवाई, जो स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और सकारात्मक सोच का प्रतीक है।

सभी जांचें एचआईवी काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर, अर्की के अनुभवी लैब टेक्नीशियन मनीष कुमार द्वारा की गईं। उन्होंने सभी परीक्षण निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सटीक और सुरक्षित तरीके से पूरे किए।

शिविर का संचालन और संपूर्ण गतिविधियों का नेतृत्व ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर मुकता रस्तोगी के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जागरूकता अभियानों और महिलाओं की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने और बीमारियों की समय पर पहचान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

महिला मंडल की सदस्यों ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास की प्रशंसा की और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की प्रतिबद्धता जताई।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने परिवार और गांव में एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस तथा अन्य संक्रामक रोगों के प्रति जागरूकता फैलाएंगी और नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए लोगों को प्रेरित करेंगी।

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