हिमाचल आजतक
दाड़लाघाट
राजकीय महाविद्यालय दाड़लाघाट के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों व प्राचार्यों ने मनाली व सिस्सू की यात्रा की। इस एजुकेशनल ट्रिप का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक व भौगोलिक विविधता से परिचित करवाना था। महाविद्यालय की एनएसएस इकाई के स्वयंसेवियों द्वारा इस ट्रिप में अटल टनल व सिस्सू वॉटरफॉल में सफाई अभियान का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर एनएसएस प्रभारी डॉ जय प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में स्वयंसेवियों ने प्लास्टिक की खाली पड़ी बोतलों को एकत्रित करते गए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। महाविद्यालय की भारत स्काउट्स एंड गाइड इकाई के रोवर अक्षय कुमार और रेंजर भूवि शर्मा की अगुवाई में विद्यार्थियों ने कुल्लू स्थित बिजली महादेव कि ट्रैकिंग की। इस ट्रैकिंग के दौरान सभी रोवर्स व रेंजर्स ने सफाई भी चलाया। वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष सहायक आचार्य पुनीत ठाकुर व अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सहायक आचार्य अक्षय कुमार के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने मनाली बाजार में पर्यटकों व स्थानीय दुकानदारों से अटल टनल के निर्माण के पश्चात पर्यटन व व्यापार में हुई बढ़ोतरी को जानने के लिए सर्वे किया। यह सर्वे कॉमर्स सोसायटी व इकोहोलिक्स सोसायटी के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। इतिहास विभाग की अध्यक्ष सहायक आचार्य भूवि शर्मा ने टाइम ट्रैवलर्स सोसायटी के बैनर तले विद्यार्थियों ने इस एज्यूकेशनल ट्रिप में मनाली स्थित रोरेक आर्ट गैलरी व हिडिंबा मंदिर का भ्रमण करवाया। हिडिंबा मंदिर प्राचीन वास्तुशिल्प की सुंदर अभिव्यक्ति है। वहीं दूसरी तरफ रोरेक आर्ट गैलरी में विद्यार्थियों ने निकोलस रोरेक द्वारा बनाई गई पेटिंग्स को देखा। राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ जय प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में पॉलिटिकल साइंस सोसायटी के बैनर तले विद्यार्थियों ने अटल टनल के निर्माण के पश्चात सांस्कृतिक व राजनीतिक रूप से आए बदलावों को जानने का प्रयासकिया। हिंदी विभाग की अध्यक्ष सहायक आचार्य रचना तनवर ने साहित्यिक सभा आत्माभिव्यक्ति के बैनर तले विद्यार्थियों को अटल टनल व हिडिंबा मंदिर की सांस्कृतिक विविधता का परिचित करवाया। विद्यार्थियों ने यात्रा के अपने अनुभवों को यात्रा संस्मरण के रूप में अपनी कलम के माध्यम से अभिवक्तक किया। सोशियोलॉजिकल सोसायटी के विद्यार्थियों ने भी इस ट्रिप के दौरान अटल टनल के निर्माण से आए सामाजिक बदलावों को जानने का प्रयास किया। विद्यार्थियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए इन बदलावों को जाना। प्राचार्या डॉ रुचि रमेश ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिवसीय एजुकेशनल ट्रिप के द्वारा विद्यार्थियों को हिमाचल की सांस्कृतिक व समाजिक संरचना को समझने में बेहद सहायता मिली। इस तरह की यात्राओं के माध्यम से किताबी ज्ञान को व्यावहारिक रूप से जानकर विद्यार्थी अपने ज्ञान में वृद्धि करने में सफल हो पाते है।