अर्की/शहनाज
अर्की अस्पताल में लंबे समय से हड्डी रोग विशेषज्ञ व एक एमबीबीएस के पद रिक्त होने के चलते क्षेत्र में विभाग व स्थानीय नेताओं के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है।
यदि सूत्रों की माने तो अर्की अस्पताल के लिए एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के आदेश हुए थे परंतु विभाग की लापरवाही के चलते जो नए ट्रेनिग किये स्पेशलिस्ट विशेषज्ञ का एक माह के भीतर उन्हें नियुक्त किया जाना चाहिए वह पीरियड समाप्त होने के बाद उस विशेषज्ञ ने अर्की अस्पताल में ज्वाइन नही किया। और आज तक किसी भी अन्य हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति सरकार व विभाग द्वारा नही की गई है। जिसके चलते मरीजों व तीमारदारों को शिमला या सोलन के धक्के खाने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ा रहा है।
ज्ञात रहे कि शुक्रवार 17 मई को अर्की उपमंडल में एक बस पलटने का हादसा हुआ। जिसमें यात्रियों की दुर्घटना में हड्डी की चोट से पीड़ित यात्रियों को अपनी जांच के लिए शिमला जाना पड़ा जिससे अर्की अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा की पोल खुल गई । स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक के संज्ञान में यह बात है की अर्की अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है। परन्तु अभी तक अस्पताल में कोई भी हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं करवा पाए है। सोचनीय बात यह है कि अर्की अस्पताल राष्ट्रीय राजमार्ग से कुछ ही दूरी पर है, तथा कोई भी हादसा होने पर सबसे पहले अर्की अस्पताल ही नजदीक पड़ता है। क्योकि सोलन या शिमला लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यदि इस अस्पताल में ही स्वास्थ्य सेवाओं के ये हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा ।
इस कारण अर्की अस्पताल केवल रैफर करने वाला यूनिट ही रह गया है। चर्चा का विषय यह भी है कि जब अर्की के विधायक के पास स्वास्थ्य विभाग की कमान थी तो अर्की अस्पताल में चिकित्सकों की कमी नही होती थी।
अर्की क्षेत्रवासियों ने मुख्य मंत्री,स्वास्थ्यमंत्री व स्थानीय विधायक से मांग है कि शीघ्र अर्की अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए।
एमओ इंचार्ज अर्की अस्पताल प्रदीप शर्मा से बात करने पर उन्होंने कहा कि अस्पताल मे किसी भी प्रकार की कमी के बारे में हर माह आलाअधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाती है। तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ की कमी के बारे में भी आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।





