राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय अर्की में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य सुनीता शर्मा ने की। कार्यक्रम में नोडल ऑफिसर योगेश कुमार, डॉ. हेम राज सूर्या, तथा प्रोफेसर सोहन सिंह नेगी सहित कॉलेज के स्टाफ और बड़ी संख्या में एनएसएस विद्यार्थियों ने भाग लिया!
कार्यक्रम की शुरुआत थीम के महत्व को समझाते हुए की गई, जिसमें बताया गया कि एड्स से जुड़े मिथकों को तोड़ना, रुकावटों को समाप्त करना और एचआईवी प्रतिक्रिया को मजबूत करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
कॉलेज की प्राचार्य सुनीता शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को एचआइवी के संबंध में सही जानकारी होना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमण छूने, साथ बैठने, खाना खाने या सामान्य संपर्क से नहीं फैलता है। यह केवल असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई के उपयोग, संक्रमित रक्त चढ़ाने तथा मां से बच्चे को (बिना रोकथाम उपायों के) हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सुरक्षित व्यवहार अपनाने, नियमित स्वास्थ्य जांच कराने और जागरूकता फैलाने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में विजय कुमार शांडिल काउंसलर एचआईवी काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सर्विसेज सिविल हॉस्पिटल अर्की ने भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि आज भी एड्स के बारे में कई तरह की गलतफहमियां समाज में मौजूद हैं जिन्हें केवल सही ज्ञान और समय पर जांच द्वारा दूर किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को एचआईवी टेस्टिंग की आवश्यकता, इसके लाभ, निःशुल्क आईसीटीसी सेवाओं तथा एआरटी के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
नोडल ऑफिसर्स योगेश कुमार और डॉ. हेम राज सूर्या ने भी विद्यार्थियों को एड्स रोकथाम, सुरक्षित जीवनशैली, नशा मुक्त समाज, तथा मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक किया।





