दाड़लाघाट अर्की आजतक (ब्यूरो)
दाड़लाघाट में ट्रक ओपेरटर्स व अदाणी समूह के अंबुजा सीमेंट प्लांट के मध्य माल ढुलाई भाड़े को लेकर 68 दिनों से चल रहा विवाद आखिरकार सुलझा गया।दाड़लाघाट सीमेंट उद्योग का उत्पादन भी शुरू हो गया।विवाद के खत्म होते ही दाड़लाघाट के ट्रांसपोर्टर्स अपनी इस जीत के लिए खुशियां मना रहे हैं।दूसरी ओर अदाणी कंपनी सिंगल ट्रक का 10.30 रुपये और डबल एक्सेल का 9.30 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल मालभाड़ा देने के लिए राजी हो गई है।14 दिसंबर को अदाणी समूह की ओर से दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट प्लांट का घाटे का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियां बंद कर तालाबंदी कर दी गई।इसके इलावा कंपनी से जुड़े कर्मचारियों को ड्यूटी में आने से इनकार कर दिया।जिसके बाद ट्रक ओपेरट्स विवाद को हल करवाने के लिए लगातार रोष प्रदर्शन व गेट मीटिंग करते रहे और बैठक पर बैठके भी हुई जो बेनतीजा होती रही।सोमवार को शिमला सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में 68 दिनों से चल रहे मालभाड़े के रेट को सहमति बन गयी है।जिला सोलन ट्रांसपोर्टर ट्रक ऑपरेटर कोऑपरेटिव सोसाइटी दाड़लाघाट (एसडीटीओ) के प्रधान जयदेव कौंडल,अंबुजा दाड़ला कश्लोग मांगू परिवहन सहकारी सभा (एडीकेएम) के पूर्व प्रधान बालक राम शर्मा व बाघल विकास परिषद के प्रधान एवं माइनिंग एरियाज लैंड लूजर सोसायटी ग्याना के संस्थापक परसराम पिंकू का कहना है कि सरकार की मध्यस्थता के बाद मसला सुलझा है।उनकी सारी मांगे अभी नहीं मानी गई हैं।ट्रांसपोर्टरों के बहुत सारे मसले अभी भी कंपनी के साथ लंबित पड़े हैं।ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि कंपनी हिमाचल व ट्रांसपोर्ट के हितों का ध्यान रख काम करेगी।उन्होंने बताया कि कंपनी ने ये भी माना है कि इसमें ट्रक के फेरे भी ज्यादा मिलेंगे।विवाद से पहले ये दाम 10 रुपये 58 पैसे मिलते थे।बाघल लैंड लूजर सभा के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि 21 फरवरी को सभी सभाओं का जनरल हाउस आहूत किया गया है जिसमें जिसमें अदाणी समूह और ट्रांसपोर्टर्स के मध्य हुए निर्णय की वस्तुस्थिति को प्रस्तुत किया जाएगा और भाड़े की जिन नई दरों,छः चक्की के 10.30 एवं मल्टी एक्सेल गाड़ियों के 9.30 प्रति टन प्रति किलोमीटर हेतु अदाणी समूह हिमाचल सरकार एवं ट्रांसपोर्टर्स की त्रिपक्षीय बैठक में ट्रांसपोर्टर्स ने अपनी सहमति प्रदान की।उनको जनरल हाउस में सभी सोसाइटिस के सदस्यों की सहमति ली जाएगी,उसके बाद ही जनरल हाउस में फैसला किया जाएगा कि कब से माल ढुलाई का कार्य पुनः प्रारंभ किया जाएगा।शर्मा ने बताया की उनके लिए यह सम्मानजनक स्थिति है कि जो निर्णय हुआ है उसमें भाड़ा वृद्धि का पुराना फार्मूला लागू किया गया है जिसके अनुसार हर वर्ष 1 अप्रैल को भाड़ा वृद्धि का प्रावधान है।
अंबुजा कंपनी के खुलने से दी जिला सोलन ट्रांसपोर्ट ट्रक ऑपरेटर कोऑपरेटिव सोसाइटी दाड़लाघाट एसडीटीओ में 1138 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं।अंबुजा दाड़ला कशलोग मांगू परिवहन सभा (एडीकेएम) दाड़लाघाट में 508 ट्रक हैं।
बाघल लैण्ड लूजर परिवहन सहकारी सभा में 734,गोल्डन लैण्डलूजर में 191,कुरगन लैण्डलूजर में 49,दी जिला सोलन भूतपूर्व सैनिक परिवहन को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 65,पूर्व सैनिक हमीरपुर में 205,माइनिंग लैण्डलूजर में 89 ट्रकों के पहिये एक बार फिर शुरू हो जाएंगे।इससे ना केवल ट्रक ऑपरेटर का रोजगार खुल जाएगा,बल्कि इतने ही ट्रक चालक ओर एसीएसल के 500 नियमित कर्मचारी और 300 अनियमित कर्मचारी व इसके अलावा दाड़लाघाट में कार्यरत सहकारी सभाओं के कर्मचारी रोजगार सुचारू रूप से चल पड़ेगा।जबकि,दाड़लाघाट में करीब 2979 ट्रक ऑपरेटर कार्य मे जुड़े हैं।इसके अतिरिक्त इस व्यवसाय से जुड़े स्पेयर पार्ट्स,टायर पंचर,मैकेनिक,ढाबे वाले और दाड़लाघाट बाजार तथा दाड़लाघाट में किराये पर मकान देने वाले लोग का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
कब क्या क्या हुआ…..
दाड़लाघाट में 3000 से अधिक ट्रांसपोर्टर सड़कों पर आ गए।अंबुजा सीमेंट प्लांट दाड़लाघाट में काम बंद होने से 20,000 परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया।इसके विरोध में 16 दिसंबर को ट्रक ऑपरेटरों ने अंबुजा सुल्ली गेट में गेट मीटिंग आयोजित की।इसके अलावा उपायुक्त,एसडीएम व अन्य उच्च अधिकारियों के साथ दाड़लाघाट के ट्रक ऑपरेटरों की बैठक पर बैठक होती रही।29 दिसंबर से दाड़लाघाट के ट्रक ओपेरट्स ने प्रदर्शन शुरू किया और 4 फरवरी 2023 तक लगातार आक्रोश रैली व प्रदर्शन करने के इलावा थाने में गिरफ्तारियां भी दी।4 फरवरी को दाड़लाघाट के आठ सभाओं की ओर से सयुंक्त रूप से बैठक कर फैसला लिया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे ट्रांसपोर्टर्स 20 फरवरी तक किसी भी प्रकार की रैली का आयोजन नहीं करेंगे।
68 दिन के बाद दाड़लाघाट के ट्रक मालिकों और कंपनी प्रबंधन के बीच मालभाड़े को लेकर सहमति बनी।इससे पहले भी कई दौर की वार्ता सीएम की अध्यक्षता में ट्रक मालिकों और कंपनी प्रबंधकों के बीच हुई,लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।अब कई दौर की वार्ता के बाद सरकार की मध्यस्थता में ट्रक ऑपरेटर व अदाणी समूह मालभाड़े पर एकमत हुए हैं। प्लांट बंद होने से सरकार को हर दिन करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था।विवाद खत्म होते ही 68 दिन से बंद अंबुजा सीमेंट प्लांट के गेट खोल दिए गए।