शिमला
स्थानीय जंजघर संजौली में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्री राम कथा के समापन दिवस के पूजन में राजेश कुमार और बहादुर सिंह ने भाग लिया। कथा वाचन करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री सौम्या भारती जी ने सुंदरकांड प्रसंग को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया।साध्वी जी ने कि कहा भक्त हनुमान जी की लंका तक की यात्रा भक्तों की भक्ति को प्राप्त करने की यात्रा है।यह यात्रा सरल नहीं अपितु बहुत ही कठिन हुआ करती है।
आलस, तृष्णा, ईर्ष्या इत्यादि रुकावटें इस मार्ग पर कदम-कदम पर रहती है।
किंतु एक भक्त को यह बाधाएं कभी बांध नहीं पाती, क्योंकि भक्त सदा प्रभु के चिंतन का सुरक्षा कवच लेकर चलता है। इसके अतिरिक्त साध्वी जी ने कहा
कि प्रभु का लंका में जाकर रावण का वध करना प्रतीक है असत्य पर सत्य एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का। साध्वी जी ने कहा आज इतने वर्ष पश्चात भी रावण का पुतला जलाया जाता है, लेकिन क्या समाज से बुराई का नाश हो गया है ? नहीं,समाज की स्थिति में कोई बदलाव दिखाई दे रहा। वास्तव में रावण हमारे भीतर की बुराई का प्रतीक है और जब तक हमारे भीतर से इसे खत्म नहीं किया जाता तब तक समाज
की दशा सुधरने वाले नहीं हैं। श्री राम जी का रावण के विरुद्ध युद्ध करना हमें हर विपत्ति का सामना करना भी सिखाता है। कथा में राज्यसभा सांसद डॉ सिकन्दर कुमार,शिमला महापौर सुरेन्द्र चौहान,शिमला उप महापौर उमा कौशल,भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा तिलकराज, हनी चोपड़ा,पार्षद विशाखा मोदी, पार्षद ममता चंदेल, पण्डित ओम प्रकाश ने ज्योति प्रज्वलित कर प्रभु का आर्शीवाद प्राप्त किया। स्वामी धीरानंद जी द्वारा सभी सहयोगी सज्जनों और संस्थाओं का धन्यवाद किया गया।
शिमला महापौर और उप महापौर द्वारा कथा व्यास जी को हिमाचली टोपी पहनाकर उनका अभिवादन किया गया।भाजपा से संजय सूद और गौरव सूद ने साध्वी जी को शॉल अर्पित की। कीर्तन मंडली की बहनों द्वारा संत समाज को वस्त्र प्रदान किए गए। सशस्त्र सीमा बल कमांडेंट डॉ राजीव रंजन और लितेश कुमार ने परिवार सहित व्यास पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
साघ्वी गार्गी भारती जी,साध्वी गुरु गीता भारती,साध्वी मीनू भारती, साध्वी सुनीता भारती,साध्वी मीना भारती,स्वामी धीरा नन्दजी, अवमिंदर और राजकुमार शर्मा ने सभी भारतीयों की सुख शान्ति और भारतीय सेना के लिए प्रार्थना की।