अर्की आजतक (ब्यूरो)
दाड़लाघाट पंचायत स्थित बाडुबाडा देव मंदिर में चल रहीं श्रीमद भागवत कथा व्यासपीठ पर आसीन आचार्य नरेंद्र भारद्वाज भागवत कथा में अपनी ओजस्वी वाणी से ज्ञानामृत वर्षा कर रहें हैं। कथा के छठे दिन कथावाचक नरेंद्र भारद्वाज ने भगवान कृष्ण द्वारा रची गई रासलीलाओं का गोपियों द्वारा उद्धव को संदेशवाहक बनाना,और कान्हा को अपनी उलाहनाएं भेजना इत्यादि का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा आज भी वृंदावन में प्रभु रासलीलाएं होती है यदि आज का मनुष्य उन्हें अनुभव न करें यह उसकी कमी है। उन्होंने कहा कि राधा रानी के विना ये लीलाएं संभव नहीं।उन्होंने कहा ठाकुर महाराज ने उज्जैन जाकर 64 दिनों में 64 विद्याएं सीखी। भगवान को कहीं ज्ञानार्जन की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन संसार को बताना था कि गुरू के विना ज्ञान प्राप्ति असंभव है। अक्रूर और गोपियों के सुंदर संलापों का वर्णन भी रोचक अंदाज में वर्णन किया गया। इस मौके पर आचार्य नरेंद्र भारद्वाज ने भजन गाकर संगत को निहाल किया। प्रभु आरती कर कथा को विराम दिया गया व भंडारे का आयोजन भी किया गया।इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कमेटी के सचिव श्याम सिंह चौधरी ने बताया कि भागवत से सारा क्षेत्र भक्तिमय में हो गया है।इस आयोजन में स्थानीय लोग बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है।