अर्की आजतक
दाड़लाघाट
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घड़याच में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कार्यकारी प्रधानाचार्य अमर सिंह वर्मा की अध्यक्षता में एक सूक्ष्म कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य अमर सिंह वर्मा ने सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की बधाई दी। कहा कि अमेरिका में काम करने वाले श्रमिकों की हालत बेहद दयनीय थी और उन्हें 15 से 18 घंटो तक कठिन परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता था। मजदूरों के पक्ष में काम के घंटे के कम करने को 1886 में पहली बार आंदोलन हुआ और 1889 से प्रति वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिवस हर वर्ष पूरे विश्व भर में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दिन को कामगार दिवस श्रम दिवस व श्रमिक दिवस जैसे विभिन्न नाम से जाना जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के निर्माण में श्रमिकों के योगदान को याद करना और उन्हें सम्मानित करना है। श्रमिकों के संघर्षों को याद करके उनके काम के सराहना करना है। साथ ही मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें जागरूक करना भी है। भारत में मजदूर दिवस को मनाने की शुरुआत 1923 में सबसे पहले चेन्नई में हुई थी। इसके बाद देश के कई मजदूर संगठनों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की। इस अवसर पर प्रवक्ता शीला देवी,सुनीता देवी,कमल सिंह चौहान,राजो देवी,चमन लाल पाठक,चंद्रमणि,ललित कुमार,चमन लाल,बलिराम, मोहनलाल,धनीराम सहित विद्यालय के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुन्दन में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया। कॉमर्स प्रवक्ता अनिता बंसल ने बताया कि यह दिन श्रमिक वर्ग को समर्पित है आज मजदूर और श्रमिक वर्ग की उपलब्धियों को और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को सलाम करने का दिन है। सन 1886 में 1 मई को अमेरिका के शिकागो में हजारों मजदूरों के प्रदर्शन से मजदूरी का समय 8 घंटे और सप्ताह में एक छुट्टी निर्धारित की गई इससे पहला नियम कायदे नहीं थे और 15-15 घंटे मजदूरों से कम लिया जाता था। प्रधानाचार्य सरत्ताज सिंह राठौर ने बताया कि यह दिन मजदूरों के अधिकारों के प्रति जागरूक करने का दिन है इस दिवस की श्रमिकों को शुभकामनाएं दी।