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पछिवर गांव के पास किया गया अंबुजा फाउंडेशन द्वारा वन महोत्सव का आयोजन

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हिमाचल आजतक

दाड़लाघाट

अंबुजा फाउंडेशन दाड़लाघाट ने पछिवर गांव के पास वन महोत्सव का आयोजन किया। महोत्सव में
दाड़लाघाट वन परिक्षेत्र अधिकारी संयम मुनौला ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। वन परिक्षेत्र अधिकारी संयम मुनौला ने अपने संबोधन में वन संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और स्थानीय समुदाय से इस दिशा में सहयोग की अपील की। महोत्सव में स्थानीय स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं व स्थानीय युवक मंडल के सदस्यों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाओं ने न केवल पौधारोपण में सक्रिय भूमिका निभाई, बल्कि अन्य गतिविधियों में भी योगदान दिया।आसपास के गांवों के 50 से अधिक लोग भी इस वन महोत्सव में शामिल हुए। लोगों ने उत्साहपूर्वक पौधारोपण में हिस्सा लिया और पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत अंबुजा फाउंडेशन अभी तक 4500 बागबानी पौधे व 12000 वन क्षेत्र के पोधो का रोपण कर चुका है,इस वन महोत्सव में कुल 1000 पौधे लगाए गए,जिनमें जामुन और आंवला के पौधे प्रमुख थे। ये पौधे न केवल पर्यावरण को समृद्ध करेंगे,बल्कि स्थानीय समुदाय को भी कई लाभ प्रदान करेंगे। जामुन के फल और आंवले के गुण-धर्म इस क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध हैं। मुख्य निर्माण अधिकारी अंबुजा सीमेंट मुकेश सक्सेना ने कहा की अंबुजा फाउंडेशन के इस प्रयास ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को एक बार फिर से प्रदर्शित किया है। इस कार्यक्रम ने स्थानीय लोगों में जागरूकता पैदा की है और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को समझने में मदद की है। अंबुजा फाउंडेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक भूपेंद्र गांधी ने बताया कि वन महोत्सव के आयोजन ने एक सकारात्मक संदेश भी दिया है। यह कार्यक्रम समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देता है। महिलाओं और पुरुषों ने मिलकर इस कार्यक्रम में भाग लिया,जिससे एक अच्छा सामाजिक संदेश गया। समग्र रूप से, अंबुजा फाउंडेशन का यह वन महोत्सव एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है,बल्कि स्थानीय समुदाय में जागरूकता और एकता पैदा करता है। इस कार्यक्रम ने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है और आशा है कि इसका अनुकरण और विस्तार होगा। इस मौके पर सत्या देव शुक्ला,राजेश,गायत्री भी उपस्थित रहे।

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