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एसजेवीएन शिमला में अजय कुमार शर्मा ने संभाला निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार

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हिमाचल आज तक शिमला (ब्यूरो )
अजय कुमार शर्मा ने वीरवार को एसजेवीएन लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उनकी नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी), भारत सरकार द्वारा की गई है। कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर अजय कुमार शर्मा ने कहा मैं इस नई भूमिका को ग्रहण करके गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और विद्युत क्षेत्र में सततशील विकास और उत्कृष्टता से एसजेवीएन के मिशन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हूं। शर्मा कंपनी के मानव संसाधन कार्यों, कानूनी कार्यों की देखरेख और कंपनी की निगम सामाजिक उत्तरदायित्व शाखा सीएसआर फाउंडेशन का भी नेतृत्व करेंगे। शर्मा के नेतृत्व से एसजेवीएन की सकारात्मक, समावेशी वर्क प्लेस कल्चर बनाने की प्रतिबद्धता को और बढऩे की आशा है। साथ ही विकास को बढ़ावा मिलेगा और कंपनी के दीर्घकालिक उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकेगा।
शर्मा के पास मानव संसाधन और औद्योगिक प्रचालन में दो दशकों से अधिक का समृद्ध अनुभव है। एसजेवीएन में अक्तूबर 2009 से प्रबंधक के रूप में नियुक्त होने के पश्चात शर्मा प्रमुख मानव संसाधन पहलों को आगे बढ़ाने में सहायक रहे हैं, जिनमें कर्मचारी जुड़ाव और प्रोडक्टविटी में सुधार, कंपनी के रणनीतिक उद्देश्यों के साथ संरेखित मानव संसाधन नीतियों का विकास और कार्यान्वयन, व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की डिजाइनिंग और निष्पादन शामिल है, जिससे वर्कफॉर्स के कौशल और क्षमताओं में वृद्धि हुई और मानव संसाधन प्रक्रियाओं के साथ टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन और समग्र संगठनात्मक विकास में योगदान करते हुए दक्षता में सुधार हुआ। उन्हें संगठन के चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनुकरणीय नेतृत्व और टीम को प्रेरित करने के लिए दो बार पीपुल्स चॉइस एसजेवीएन स्टार अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
एसजेवीएन में नियुक्ति से पूर्व शर्मा वर्ष 1996 से 2009 तक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में सेवारत रहे, जहां उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट में मैकेनिकल मेंटेनेंस के प्रमुख के रूप में सेवाएं दी। वर्ष 2007 में उन्हें उत्कृष्ट कर्मचारी के रूप में सम्मानित किया गया।
अजय शर्मा का जन्म 8 अप्रैल 1974 को हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सिहुंता तहसील के खरगट गांव में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खरगट में पूर्ण हुई। इन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री, इग्नू से मानव संसाधन में एमबीए तथा मानव संसाधन प्रबंधन में एक्सएलआरआई स्कूल ऑफ मेनेजमेंट जमशेदपुर से एक्जीक्यूटिव डेवल्पमेंट प्रोग्राम का सर्टिफिकेट कोर्स किया है। शर्मा की पारिवारिक पृष्ठभूमि में उनके पिता की दुकान है और उनकी मां एक गृहिणी हैं। उनका विवाह शैली शर्मा से हुआ है और उनकी दो बेटियां हैं।

एसजेवीएन ने महाराष्ट्र में 8100 मेगावाट पीएसपी और 505 मेगावाट के एमओयू हस्ताक्षरित किए
शिमला
नवरत्न सीपीएसई एसजेवीएन ने महाराष्ट्र में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) और फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं (एफएसपी) के विकासार्थ महाराष्ट्र सरकार के साथ दो ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र के माननीय उपमुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस की गरिमामयी उपस्थिति में वीरवार को मुंबई में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रथम एमओयू एसजेवीएन और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग के मध्य कुल 8100 मेगावाट क्षमता की पांच पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकासार्थ हस्ताक्षरित किया गया। इस एमओयू पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कपूर (आईएएस) ने हस्ताक्षर किए।
द्वितीय एमओयू महाराष्ट्र के लोअर वर्धा बांध पर 505 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना के विकास के लिए एसजेवीएन और महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महाजेनको) के मध्य हस्ताक्षरित किया गया। एमओयू पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील शर्मा और महाजेनको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. पी. अनबालागन (आईएएस) ने हस्ताक्षर किए।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने इस प्रमुख उपलब्धि को हासिल करने पर एसजेवीएन, महाजेनको और जल संसाधन विभाग को बधाई देते हुए इन परियोजनाओं के समय पर निष्पादन एवं पूरा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एमओयू महाराष्ट्र की एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नए अध्याय का सूत्रपात करते हैं।
505 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना दो चरणों में विकसित की जाएगी। पहला चरण 100 मेगावाट का होगा तथा दूसरा चरण 405 मेगावाट का होगा। चरणबद्ध विकास से मौजूदा विद्युत निकासी संरचना का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होगा और क्षेत्र को एक सतत और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत उपलब्ध प्रदान करेगा।
8100 मेगावाट की पम्प स्टोरेज परियोजनाओं में 800 मेगावाट कोलमोंडापाड़ा, 1500 मेगावाट सिदगढ़, 2000 मेगावाट चोरनई, 1800 मेगावाट बैतरणी और 2000 मेगावाट जलवारा पम्प स्टोरेज परियोजनाएं शामिल हैं। यह एमओयू एसजेवीएन को केंद्र/राज्य सरकार के मौजूदा नियम/नीतियों/योजनाओं के अनुरूप समयबद्ध तरीके से महाराष्ट्र में उपरोक्त परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं अन्वेषण, डीपीआर तैयार करने और आगामी स्थापना को सुविधाजनक बनाएगा। यह पीएसपी ऊर्जा भंडारणए ग्रिड स्थिरीकरण और विद्युत की पीक डिमांड की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे महाराष्ट्र राज्य के लिए विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित होगी।
इन परियोजनाओं पर कुल अनुमानित निवेश 48,000 करोड़ होगा और लगभग 8400 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह परियोजनाएं इको-टूरिज्म और कौशल विकास पहलों में सहायक होगी, जिससे स्थानीय समुदाय लाभान्वित होगा।

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