23/10/2024 4:02 am

बिजली बोर्ड को न बनाया जाये प्रोयगशाला : पावर इंजीनियर एसोसिएशन

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पावर इंजीनियर एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पे चर्चा हुई। इसमें मुख्य अभियंताओं की रुकी हुई पदोन्नति और सरकार द्वारा गठित उप समिति की प्रथम बैठक में हुई चर्चा पर विचार विमर्श हुआ।
पावर इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने कहा कि उप समिति की प्रथम बैठक के जो कार्यवृत्त (मिनट्स ऑफ मीटिंग) सोशल मीडिया पर प्रसारित रहे हैं उन्हें पढ़ के यह लगता है जिसने भी उप समिति के सामने प्रस्तुति दी है, वह पावर सेक्टर के कार्य प्रणाली से अनिभिज्ञ था। सभी सदस्यों ने ऐसा महसूस किया कि कहीं न कहीं सरकार को गुमराह किया जा रहा है। पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने यह फैसला किया कि वह उप समिति से यह अनुरोध करेंगे कि कोई भी फैसला लेने से पहले, उनके एक प्रतिनिधि मंडल को उप समिति के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाए।इसके अलावा सदस्यों ने इस बात पर भी गहरी चिंता जताई की बिजली बोर्ड में अभियंताओं की पदोन्नति लगभग 6 महीने से नहीं हुई है, जिसके चलते केवल बिजली बोर्ड में ही 7 अधीक्षण अभियंता पद खाली चल रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि जहां इस में कोई शक नहीं है कि बिजली बोर्ड में नीचले स्तर पर फील्ड टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी है, पर अभियंता स्तर पर कृत्रिम कमी पैदा करने से बोर्ड का कामकाज पर आगे जा कर काफी फर्क पड़ेगा। इसके अलावा समय पर पदोन्नति न मिलने से अभियनता भी काफी हताश है।पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने कहा कि मौजूदा सरकार ने एक चीफ इंजीनियर और एक अधीक्षण अभियंता का पद सृजित किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार को यह अहसास है की आने वाले समय में अभियंतों का काम और बढऩे वाला है।
मीटिंग के अंत में सभी सदस्यों ने मुख्यामंत्री की अच्छे स्वस्थ की कामना की और यह फैसला लिया की उनके स्वस्थ होने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिल करके उन्हें सभी मुद्दों से अवगत करवाएगा।

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