दउपमंडल अर्की के मांगू धार और घुमारो क्षेत्र में खनन से बढ़ रही समस्याओं के विरोध में स्थानीय लोगों का शांतिपूर्ण धरना सोमवार को 11वें दिन भी जारी रहा। दोनों जगह बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और आंदोलन लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। घुमारो, संघोई धार, मांगू, ग्याना, रौडी, बागो रा नाल और थांव सहित आसपास के कई गांवों के निवासी संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। यह धरना 28 नवंबर को कार्यकारिणी सुधार सभा के बैनर तले शुरू हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि खनन विभाग और पुलिस अधिकारी मौके पर जरूर पहुंचे, लेकिन न तो कोई स्पष्ट और न ही लिखित आश्वासन दिया गया। प्रतिदिन की वार्ताएं भी विभागीय टालमटोल और जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने के कारण बेनतीजा साबित हुईं। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन गतिविधियों से पहाड़ों में ब्लास्टिंग की कंपन के कारण घरों में दरारें , खेतों में पत्थरों का जमाव, जल स्रोत प्रभावित होने और मलबे के खतरे जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन विभागीय कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित है।
सोमवार को दाड़लाघाट डीएसपी नवीन झाल्टा भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लेने के बाद ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक प्रशासनिक अधिकारी और कंपनी प्रतिनिधि मौके पर आकर समस्याओं का समाधान नहीं करते, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अब तक केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को अंबुजा कंपनी के यूनिट हेड संदीप सेरा सहित अन्य अधिकारी ग्रामीणों से बातचीत कर सकते हैं।
इसी बीच, मांगू माइनिंग क्षेत्र में अदाणी समूह के अंबुजा सीमेंट प्लांट द्वारा की गई भयंकर और अनियंत्रित ब्लास्टिंग के दौरान पहाड़ी से पत्थर गिरते हुए घुमारो गांव तक पहुंचे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने सुरक्षा उपाय नहीं किए और जोखिम पूर्ण ब्लास्टिंग की पूर्व चेतावनी भी नहीं दी। इसके चलते लोग भड़क गए और पिछले कई दिन से माइनिंग क्षेत्र के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिस पर नाराज ग्रामीण महिलाओं ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा संकल्प (1100) के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने का अभियान शुरू किया। महिलाओं का कहना है कि ब्लास्टिंग के दौरान गांव की सुरक्षा और जीवन जोखिम के सारे में है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि अदाणी-अंबुजा सीमेंट कंपनी के दबाव में पिछले 11 दिनों से सोलन जिला प्रशासन निष्क्रिय है। कंपनी द्वारा की गई अवैज्ञानिक ब्लास्टिंग से लोगों के जीवन पर खतरा बढ़ गया है, लेकिन प्रशासन ने शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक व कंपनी के दबाव में प्रदेश सरकार और सोलन जिला प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय और लापरवाह है। गांव के लोग पिछले 48 घंटे से सड़क पर कड़ाके की ठंड में बैठकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी आगे नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन केवल देखने के लिए मौजूद है और जानबूझकर कंपनी को बचाने की कोशिश की जा रही है। अर्की विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक व्यवस्था भी लोगों के अनुसार राम भरोसे हो चुकी है। ग्रामीणों ने साफ किया कि अदाणी के आगे प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह घुटने टेक चुकी है और तब तक आंदोलन जारी रहेगा जब तक प्रशासन और कंपनी समस्या का ठोस समाधान नहीं करते।

डीएसपी दाड़लाघाट नवीन झाल्टा ने कहा कि उपमंडल अर्की के मांगू धार और घुमरो क्षेत्र में खनन गतिविधियों के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा 11वें दिन भी शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन जारी है। डीएसपी दाड़लाघाट नवीन झाल्टा ने कहा कि ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर शांति प्रिय आंदोलन कर रहे हैं। डीएसपी ने बताया कि कंपनी और ग्रामीणों के बीच जल्द ही बैठक करवाई जाएगी, ताकि उनकी समस्याओं और मांगों का समाधान किया जा सके। जहां तक एफआईआर की बात है, वह पूरी तरह से जांच के अधीन है और जल्द ही जांच पूरी कर शिकायत दर्ज कर दी जाएगी।

उपमंडलाधिकारी अर्की निशांत तोमर ने बताया कि मौके पर नायब तहसीलदार दाड़ला को भेजा गया है और उनकी रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा, कंपनी को निर्देश दे दिए गए हैं कि भविष्य में सभी ब्लास्टिंग मानकों के अनुसार ही की जाए।





