December 13, 2025 8:17 pm

बारहवें दिन पहुंचा लोगों का शांतिपूर्ण विरोध,धरना स्थल पर भारी पुलिस बल

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उपमंडल अर्की के संघोई धार ओर घुमारो क्षेत्र में खनन और ब्लास्टिंग गतिविधियों से बढ़ रही परेशानियों को लेकर स्थानीय लोगों का शांतिपूर्ण विरोध मंगलवार को 12वें दिन भी जारी रहा। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि मंगलवार को धरना स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती कर पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ी पर हो रही लगातार ब्लास्टिंग से उनके घरों की दीवारों में दरारें पड़ रही हैं, खेतों में मलबा गिर रहा है और बड़े पत्थर घरों की ओर आने लगे हैं। लोगों का कहना है कि वे हर दिन सुबह से देर रात तक धरना स्थल पर एकजुट होकर अपनी सुरक्षा और भविष्य को लेकर आवाज उठा रहे हैं। स्थिति बिगड़ती देख मंगलवार को एसडीएम अर्की निशांत तोमर ने घुमारो गांव के धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं खस्ताहाल सड़कों, पहाड़ पर हो रही अनियंत्रित ब्लास्टिंग और उससे हो रहे नुकसान को सुना गया और कंपनी को इस पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम ने बताया कि प्रशासन ने सीमेंट कंपनी को आदेश दिया है कि वर्तमान ब्लास्टिंग क्षेत्र को बंद कर कार्य को दूसरी दिशा में स्थानांतरित किया जाए, ताकि गांवों के नज़दीक रहने वाले परिवारों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, साथ ही कंपनी का कार्य भी सुरक्षित और नियंत्रित ढंग से चलना चाहिए।

हालांकि, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि धरना दो स्थानों संघोई धार और घुमारो गांव पर चल रहा है, लेकिन एसडीएम ने केवल घुमारो गांव का ही दौरा किया, जबकि संघोई धार के लोग घुमारो गांव में मौके पर मौजूद रहे, लेकिन लोगों की शिकायतें सुनी भी नहीं गईं।

कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप:

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अंबुजा कंपनी के बड़े कर्मचारी ने एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाए और 16 दिसंबर को बैठक होने का हवाला दिया, लेकिन उस पत्र में न तो बैठक का समय लिखा गया था और न ही बैठक का स्थान। इससे ग्रामीणों में अविश्वास और रोष बढ़ गया है।

एफआईआर अब तक नहीं, ग्रामीणों में नाराज़गी

लोगों का कहना है कि कई दिनों से आंदोलन जारी है, लेकिन अब तक पुलिस द्वारा कोई एफआईआर अंबुजा प्रबंधन के खिलाफ दर्ज नहीं की गई है। इसी कारण लोग लगातार धरने पर डटे हुए हैं।

16 दिसंबर को महत्वपूर्ण बैठक

एसडीएम निशांत तोमर ने कहा है कि 16 दिसंबर को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि सभी पक्ष अपनी बात रख सकें और समस्या का स्थायी समाधान निकल सके।

ग्रामीणों का कहना है कि अब वे इसी बैठक पर उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन संदेह है कि क्या अंबुजा सीमेंट के उच्च अधिकारी मौके पर पहुँचेंगे भी या नहीं। यह भी देखना अहम होगा कि 16 दिसंबर की बैठक कहाँ आयोजित की जाएगी और उसका समय क्या होगा।

एसडीएम अर्की निशांत तोमर ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा उठाई गई समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने सीमेंट कम्पनी को कई स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि खनन और ब्लास्टिंग के दौरान कम्पनी को सभी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गांवों और आसपास के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का जोखिम उत्पन्न न हो। और ब्लास्टिंग के दौरान उठने वाली धूल और मिट्टी को नियंत्रित करने के लिए कम्पनी को माइनिंग स्थल पर नियमित रूप से पानी के टैंकरों से छिड़काव करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इससे गांवों की ओर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण रहेगा और पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा। उन्होंने कहा की रात को होने वाली ब्लास्टिंग तुरंत रोक दें। उन्होंने मांगू क्षेत्र के आसपास की खराब सड़कों को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर कम्पनी के अधिकारियों को सड़क की तकनीकी स्टडी करवाने और आवश्यक मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए कहा गया है। एसडीएम तोमर ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता ग्रामीणों की सुरक्षा, सुविधा और कंपनी के संचालन के बीच संतुलन बनाना है। इसी उद्देश्य से 16 दिसंबर को कंपनी अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच बैठक निर्धारित की गई है, ताकि समस्याओं के स्थायी समाधान पर मिलकर फैसला लिया जा सके।

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