1 अगस्त,अर्की(ब्यूरो):
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा आज अर्की नगर में मासिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज जी की शिष्याओं अनुपमा भारती तथा साध्वी दीपाली भारती ने सत्संग प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि सच्चे शिष्य को अपने गुरु की कृपा के आगे हमेशा नतमस्तक रहना चाहिए ताकि वह गुरु की दया रूपी आशीर्वाद को समेट सके। शिष्य को घड़े की तरह मजबूत, पक्का तथा खाली हो कर गुरु के पास अपना समस्त सर्वस्व समर्पित कर देना चाहिए जिसमें गुरु अपनी इच्छा अनुसार अपना आशीर्वाद भर सके। उन्होंने गुरबाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि सेवा, सत्संग, साधना तथा गुरु दर्शन ये चार बातें शिष्य के लिए महा कल्याणकारी होती हैं साथ ही बताया की मानव का यह शरीर अपने आप में एक दुर्लभ खजाना है जिसके माध्यम से मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। जिसके लिए वेदों में भी वर्णन किया गया है कि ईश्वर को यदि प्राप्त करना है तो हमें बाहर नहीं बल्कि अपने घट अर्थात शरीर के भीतर झांकना चाहिए। उन्होंने उपस्थित संगत को कृष्ण भक्त सुदामा,लाहिड़ी महाशय,गुरु नानकदेव के जीवन के प्रसंगों का हवाला देते हुए उनसे प्रेरणा लेने की अपील की।सत्संग के दौरान भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालु झूम उठे।