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कम्पनी द्वारा जबरन त्यागपत्र लेने से कर्मचारियों का भविष्य संकट में

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अर्की आजतक

दाड़लाघाट

जिला सोलन के अर्की क्षेत्र की अंबुजा सीमेंट कंपनी दाड़लाघाट के प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को निकालने का सिलसिला जारी है। कंपनी से निकाले जा रहे कर्मचारियों को अब अपने भविष्य के साथ साथ परिवार का पालन पोषण करने की चिंता सताने लगी है। अदाणी समूह के अंबुजा सीमेंट में कार्यरत प्रताड़ित कर्मचारी धर्म सिंह,राम प्रकाश,वीरेंद्र,मान सिंह,पवन,मोहन लाल,चमन,दिवेश,सुरेश कुमार,मनसा राम,महेन्द्र सिंह,चमन लाल,सत्यपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंबुजा सीमेंट कंपनी के प्लांट सुल्ली व रौड़ी में विभिन्न पदो पर विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी कर्मचारी 15 से 30 वर्षों से इस उद्योग में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम में से कुछ कर्मचारी लैंड लूजर भी है,जिनके घर व जमीन अंबुजा कंपनी द्वारा अधिकृत कर ली गई है। उन्होने कहा कि कंपनी के उच्चाधिकारियों द्वारा बार-बार धमकियां दी जा रही है और यह दबाव डाला जा रहा है कि आप अपने-अपने पदों से त्यागपत्र दे दे,अन्यथा आपको नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारियों से 9 अक्तूबर को जबरन त्यागपत्र ले लिया गया है। जिसके कारण उन्हें व उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना सहन करनी पड़ रही है। उन्होने कहा कि सभी लोगों ने लगभग विभिन्न बैंकों से बच्चों की पढ़ाई व मकान बनाने के लिए ऋण ले रखा है। जिसकी अदायगी वह हर महीने कर रहे हैं। उन्होने कहा कि भविष्य में हमारे साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर कंपनी और प्रशासन जिम्मेवार होंगे। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इसको लेकर कोई कार्रवाई नही हुई तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। बता दे कि 1992-93 में दाड़लाघाट में सीमेंट कारखाने की स्थापना की गई थी। इस दौरान अंबुजा कंपनी व प्रशासन के मध्य एमओयू साइन हुए थे जिसमें कंपनी को 5-5 वर्षों तक सब्सिडी,टैक्स छूट सहित अन्य सुविधाएं दी गई थी व इसकी एवज में हिमाचलियों को कंपनी में रोजगार सृजन के साथ 70 प्रतिशत कोटा भी निर्धारित किया गया था। दाड़लाघाट में 1992-93 में स्थापित हुए सुल्ली प्लांट ने करीब 450 कर्मचारियों के साथ नियमित तौर पर एमओयू साइन किए गए थे। इसके उपरांत 2010 में स्थापित हुए रौडी प्लांट में लगभग 350 कर्मचारियों के साथ नौकरी देने का करार साइन हुआ है।

इस मामले में कर्मचारी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू,उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान,सीपीएस व स्थानीय विधायक अर्की संजय अवस्थी से भी मिल चुके हैं व अंबुजा प्रबंधन दाड़लाघाट की तानाशाही धैर्य शैली से अवगत करवा चुके हैं। इस मामले में जिलाधीश सोलन,एसडीएम अर्की व लेबर कमिश्नर शिमला से भी मिल चुके हैं।

बॉक्स….

कंपनी का पक्ष जानने के लिए जब कंपनी के क्षेत्रीय हेड मनोज ज़िंदल से इस बारे बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर कुछ भी नहीं कह सकते इस विषय पर उनके उच्चाधिकारी ही कह सकते हैं।

सीपीएस व अर्की के विधायक सजंय अवस्थी ने कहा कि कंपनी के द्वारा यह माना गया था कि यह यहाँ के पढे लिखे युवाओं को रोजगार देंगे और जिन लोगो की जमीन कंपनी ने खरीदी है,उन्हें हर परिवार से एक व्यक्ति को नॉकरी दी जाएगी जो कि कंपनी के द्वारा भी माना गया थ,लेकिन कंपनी से लोगो को ऐसे निकलना दुर्भाग्य पूर्ण है जिस पर सरकार जल्द ही इस पर कड़ा संज्ञान लेने जा रही है।

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