अर्की आजतक (ब्यूरो)
दाड़लाघाट
ग्राम पंचायत दाड़लाघाट में स्थित बाडुबाडा देव मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुए आचार्य नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा आचार्य नरेंद्र भारद्वाज ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। उन्होंने कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है,जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा आचार्य नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। कथा में आचार्य नरेंद्र भारद्वाज ने विस्तृत रूप से भागवत कथा पर चर्चा करते हुए कई भक्ति गीतों का गुणगान किया। प्रभु आरती कर कथा को विराम दिया गया। मंदिर कमेटी व ग्रामीण द्वारा भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है। कमेटी के सचिव श्याम सिंह चौधरी ने बताया कि भागवत से सारा क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। इस आयोजन में स्थानीय लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।